Nov 29, 2010

ओ जानेवाले सुन ज़रा-प्रीत ना जाने रीत १९६६

एक गीत सुनवा रहे हैं आपको श्वेत श्याम युग से
जो लता और रफ़ी का गाया हुआ है। भारी भरकम शरीर के
मालिक शम्मी कपूर अपने समकालीन दुबलों से भी कहीं तेज़
गति से अपने शरीर को हिला डुला लिया करते थे। इसमें सभी
को आश्चर्य होता था। इसीलिए शायद वे औरों से ज्यादा प्रसिद्ध
हुए। उनके नाक नक्श भी औरों से बेहतर थे। गीत सुन कर
आपको आभास होगा कुछ कुछ शंकर जयकिशन के संगीत का,
लेकिन थोडा सा संदेह भी होगा कि ये किसी और कि करामात है।
हाँ जी, ये है कल्याणजी आनंदजी का संगीत है। उस समय के
काफी संगीतकार शंकर जयकिशन प्रभाव में रंगे सुनाई पढ़ते थे
क्युंकि शंकर जयकिशन उस दौर के सबसे सफल संगीतकार
माने जाते थे। इस गीत को फिल्माया गया है बी. सरोजा देवी और
शम्मी कपूर पर। गीत लिखा है कमर जलालाबादी ने।

श्रेणी बनाने के शौकीनों के लिए सन्देश- 'नारियल के झाड' अथवा
'साईकिल' श्रेणी का गीत। जैसा कि फ़िल्मी गीतों में होता आया है
गीत तकरार से शुरू होकर इकरार में बादल जाता है, इसमें भी
ऐसा ही है। तलाक और मैरिज कौंसलिंग वाली संस्थाओं को ऐसे
गीत सुनवाना चाहिए अपने क्लायंट्स को।



गीत के बोल:

ओ जानेवाले सुन ज़रा दिल का माजरा
ओ जानेवाले सुन ज़रा दिल का माजरा
तुझी से हमें प्यार था
तुझी से हमें प्यार है

जाओ जी मैंने सुन लिया ये दिल का माजरा
जाओ जी मैंने सुन लिया ये दिल का माजरा
ना तुम्हे कभी प्यार था
ना तुम्हे अब प्यार है

ओ जानेवाले सुन ज़रा

आ भी जा ज़िन्दगी का जाम लेकर
मेरी जान ना सता इलज़ाम देकर
हम तो जीते हैं तेरा नाम लेकर
तुम तो जीत हो मेरा नाम लेकर
आये हो प्यार का पैगाम लेकर
जाओगे तुम दिले-ए-नादान लेकर
जाओगे तुम दिले-ए-नादान लेकर

ओ जानेवाले सुन ज़रा दिल का माजरा
तुझी से हमें प्यार था
तुझी से हमें प्यार है

जाओ जी मैंने सुन लिया ये दिल का माजरा
ना तुम्हे कभी प्यार था
ना तुम्हे अब प्यार है

ओ जानेवाले सुन ज़रा

जा रे जा देख लिया प्यार तेरा
ये गिला शिकवा है बेकार तेरा
सरबसर झूठा है इकरार तेरा
तुम ही हो मैं हूँ तो बीमार तेरा
कर के मैं जाऊँगा दीदार तेरा
बान के दिखलाऊँगा दिलदार तेरा
बान के दिखलाऊँगा दिलदार तेरा

जाओ जी मैंने सुन लिया ये दिल का माजरा
ना तुम्हे कभी प्यार था
ना तुम्हे अब प्यार है

ओ जानेवाले सुन ज़रा दिल का माजरा
तुझी से हमें प्यार था
तुझी से हमें प्यार है

जाओ जी मैंने सुन लिया

आ तुझे प्यार कि पहचान दे दूं
तू जो कह दे तो अपनी जान दे दूं
तेरे एक नाज़ पे ईमान दे दूं
आ तुझे प्यार का अरमान दे दूं
मौज के पहलू में तूफ़ान दे दूं
चार दिन जीने का सामान दे दूं
चार दिन जीने का सामान दे दूं

चलो जी हुआ फैसला
नहीं कोई अब गिला
तुम्ही से मेरी जीत है
तुम्ही से मरी हार है

चलो जी हुआ फैसला
नहीं कोई अब गिला
तुम्ही से मेरी जीत है
तुम्ही से मरी हार है
................................
O Jaane waale sun zara-Preet na jaane reet 1962

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