रंग बसंती छा गया-राजा और रंक १९६८
आपको कुछ ही सुनवाए हैं। आइये अब सुनते हैं एक लोकप्रिय
युगल गीत फिल्म राजा और रंक से। टी वी पर एक पेंट कंपनी
के विज्ञापन को देख कर आज दिमाग में ये गीत कौंधा।
गुलज़ाराना अंदाज़ में पोस्ट की कोंपलें दिमाग से फूटने लगीं और
शब्द पत्तों की मानिंद टपकना शुरू हो गए, पतझड़ का मौसम जो
है। बिखरे हुए अधखाये, साबुत बेरों को बटोर कर आपके लिए
छाप दिए हैं ।
तुरही की आवाज़ कुछ अलग सुनाई पढ़ती है और उससे अंदाज़ा
लगाया जा सकता है कि गीत किसी पीरियड या ऐतिहासिक फिल्म
से है। साथ में बांसुरी का भी बढ़िया प्रयोग है इस गीत में।
आनंद बक्षी के लिखे हुए गीत की तर्ज़ बनाई है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
ने।
गीत के बोल:
संग बसंती, अंग बसंती, रंग बसंती छा गया
मस्ताना मौसम आ गया
संग बसंती, अंग बसंती, रंग बसंती छा गया
मस्ताना मौसम आ गया
धरती का है आँचल पीला झूमे अम्बर नीला-नीला
सब रंगों से है रंगीला, रंग बसंती
संग बसंती, अंग बसंती, रंग बसंती छा गया
मस्ताना मौसम आ गया
लहराए ये तेरा आँचल सावन के झूलों जैसा
दिल मेरा ले गया है ये तेरा रूप गोरी
सरसों के फूलों जैसा
ओ लहराए ये तेरा आँचल सावन के झूलों जैसा
दिल मेरा ले गया है ये तेरा रूप गोरी
सरसों के फूलों जैसा
जब देखूं जी चाहे मेरा
नाम बसंती रख दूं तेरा
छोडो-छेड़ो न
हो हो हो ओ ओ ओ
तेरी बातें राम दुहाई मनवा लूटा नींद चुराई
सैयां तेरी प्रीत से आई, तंग बसंती
संग बसंती, अंग बसंती, रंग बसंती छा गया
o मस्ताना मौसम आ गया
हो हो हो ओ सुन लो देशवासियों
सुन लो देशवासियों
आज से इस देश में
छोटा-बड़ा कोई न होगा सारे एक सामान होंगे
सुन लो देशवासियों
कोई न होगा भूखा-प्यासा पूरी होगी सबकी आशा
हम हैं राजा
तुम हो कौन नगर के राजे छोटा मुंह बड़ी बात न साजे
झूमो नाचो गाओ बाजे, चंग बसंती
संग बसंती, अंग बसंती, रंग बसंती छा गया
मस्ताना मौसम आ गया
संग बसंती, अंग बसंती, रंग बसंती छा गया
मस्ताना मौसम आ गया
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Rang basanti-Raja aur rank 1968
Artists: Sanjeev Kumar, Nazima,
1 comments:
कितने सुनवा दिए अभी तक ?
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