अब तो है तुमसे हर ख़ुशी-अभिमान १९७३
लगने वाली ठेस का जिक्र किया था। किस प्रकार नारी के अधिक
प्रतिभावान होने को पुरुष हजम नहीं कर पाता है। इस गीत में आप
पाएंगे की नायिका एक के बाद एक बुलंदी की सीढ़ियों को चढ़ती जा
रही है और नायक इन सब के बीच कहीं आपने आप को खोने लगा
है। कुंठित कलाकार का चरित्र अभिनय अमिताभ ने बढ़िया निभाया
है।
एक बात फिर भी तय है कि फिल्म में जया ने अमिताभ से ज्यादा
अच्छा अभिनय किया है।
गीत के बोल:
अब तो है तुम से, हर ख़ुशी अपनी
अब तो है तुम से, हर ख़ुशी अपनी
तुम पे मरना है, ज़िन्दगी अपनी, हो हो
अब तो है तुम से, हर ख़ुशी अपनी
जब हो गया तुम पे, ये दिल दीवाना
जब हो गया तुम से, ये दिल दीवाना
फिर चाहे जो भी कहे, हमको ज़माना
कोई बनाये बातें, चाहे अब जितनी, हो हो
अब तो है तुम से, हर ख़ुशी अपनी
तेरे प्यार में बदनाम दूर दूर हो गए
तेरे प्यार में बदनाम दूर दूर हो गए
तेरे साथ हम भी सनम मशहूर हो गए
देखो कहाँ ले जाये, बेखुदी अपनी, हो हो
अब तो है तुम से, हर ख़ुशी अपनी
तुम पे मरना है, ज़िन्दगी अपनी, हो हो
अब तो है तुम से, हर ख़ुशी अपनी
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