मेरे बचपन तू जा जा-कच्चे धागे १९७३
जनता बुढापे में जवानी के लौटने की ख्वाहिश रखती है, मगर इस गीत में
उलटा है. बचपन में जवानी के आने की इच्छा जाहिर की जा रही है. गीत
कन्याओं की भावनाओं को व्यक्त करने वाला है जिसमें ये खूबसूरत ख़याल भी
लाया गया है-किसी के साथ भाग जाऊं ?
गन्ने के खेत में ये गाना फिल्माया गया है. गन्ना है या मक्का, ध्यान से देख
कर मुझे भी बतलाइए . हिंदी फिल्मों में तरह तरह के खेतों में गीत फिल्माए
गए हैं. आगे आपको चने के खेत वाला गीत भी सुनवा देंगे जनाब.
आनंद बक्षी ने इस गीत को लिखा है और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की बनाई धुन पर
इसे गाया है लता मंगेशकर ने मौसमी चटर्जी के लिए .
गीत के बोल:
मेरे बचपन तू जा जा जवानी को ले आ
मेरे बचपन तू जा जा जवानी को ले आ
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
मेरे बचपन तू जा जा जवानी को ले आ
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ
बेरियाँ नू बेर लग गये वे तौबा
फूलों से झुक गईं डालियाँ
बेरियाँ नू बेर लग गये वे तौबा
फूलों से झुक गईं डालियाँ
जाने मेरे कानों में कब
पहनायेगी माँ बालियाँ
छाई काली घटा आई ठण्डी हवा
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
लम्बी काली रातों में ऐसा
ना हो कभी मैं जाग जाऊँ
लम्बी काली रातों में ऐसा
ना हो कभी मैं जाग जाऊँ
किसी परदेसी के संग
चुपके से मैं भाग जाऊँ
बैरी जळी से जा इब देर ना लगा
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
चोरी चोरी पनघट पे बातें
करती हैं बैरन सहेलियां , हो
चोरी चोरी पनघट पे बातें
करती हैं बैरन सहेलियां
जाने कब मेरा प्रीतम
बूझेगा मेरी प्रेम पहेलियाँ
उई माँ ये क्या हुआ
जैसे काँटा चुभ गया
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
जा वे जा तैंनू रब दा वास्ता
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Mere bachpan too ja-Kachche Dhaage 1973
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