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Aug 3, 2020

ये दिल और उनकी-प्रेम पर्वत १९७३

आज संगीतकार जयदेव का जन्मदिन है और हम इस
अवसर पर सुनेंगे फिल्म प्रेम पर्वत से एक गीत जो कि
एक बेहद लोकप्रिय गीत है. इसे जान निसार अख्तर
ने लिखा है.

समय के साथ भिन्न और अज्ञात कारणों से नष्ट हुई
फिल्मों में से एक है प्रेम पर्वत. ये अफसोसजनक है,
मगर क्या किया जाए.




गीत के बोल:

ये दिल और उनकी निगाहों के साये
ये दिल और उनकी निगाहों के साये
ये दिल और उनकी निगाहों के साये
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये

पहाड़ों को चंचल किरण चूमती है
पहाड़ों को चंचल किरण चूमती है
हवा हर नदी का बदन चूमती है
हवा हर नदी का बदन चूमती है
यहाँ से वहाँ तक हैं चाहों के साये
यहाँ से वहाँ तक हैं चाहों के साये
ये दिल और उनकी निगाहों के साये ...
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये

लिपटते ये पेड़ों से बादल घनेरे
लिपटते ये पेड़ों से बादल घनेरे
ये पल पल उजाले ये पल पल अंधेरे
ये पल पल उजाले ये पल पल अंधेरे
बहुत ठंडे ठंडे हैं राहों के साये
बहुत ठंडे ठंडे हैं राहों के साये
ये दिल और उनकी निगाहों के साये
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये

धड़कते हैं दिल कितनी आज़ादियों से
धड़कते हैं दिल कितनी आज़ादियों से
बहुत मिलते जुलते हैं इन वादियों से
बहुत मिलते जुलते हैं इन वादियों से
मुहब्बत की रंगीं पनाहों के साये
मुहब्बत की रंगीं पनाहों के साये
ये दिल और उनकी निगाहों के साये
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये
……………………………………..
Ye dil aur unki nigahon ke-Pram parbat 1973

Artist:

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Jul 31, 2020

ये कौन आज आया-बंधे हाथ १९७३

आज अभिनेत्री मुमताज़ का जन्मदिन है. ७० के दशक की
क्वीन मुमताज़ के हजारों दीवाने हैं.

सुनते हैं फिल्म बंधे हाथ से एक गीत जिसे लता मंगेशकर ने
गाया है. मजरूह सुल्तानपुरी का गीत है और पंचम का संगीत.

गीत में आपको अजीत और अमिताभ भी दिखाई देंगे.




गीत के बोल:

ये कौन आज आया मेरा दिल चुराने
.
.
.
.............................................................................
Ye kaun aaj aaya-Bandhe Haath 1973

Artist: Mumtaz

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Jul 28, 2020

वादा भूल न जाना-जलते बदन १९७३

हिंदी फिल्म जगत या बॉलीवुड से इस साल रुखसत होने
वाली शख्सियतों में एक नाम और जुड गया आज. गुज़रे
ज़माने की मशहूर नायिका कुमकुम भी इस संसार को छोड़
गयीं.

कुमकुम ७० के दशक के बाद फिल्मों में नहीं दिखलाई दीं.
मूलतः बिहार की कुमकुम ने भोजपुरी फिल्मों में भी काम
किया. चपलता से नृत्य करने वाली कुमकुम कत्थक में
पारंगत थीं.

आज सुनते हैं सन १९७३ की फिल्म जलते बदन से एक
गीत माया गोविन्द का लिखा हुआ. इसकी धुन तैयार की
है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने. गीत अपने ज़माने का एक हिट
गाना है. ये फिल्म में २-३ बार बजता है.



  

गीत के बोल:

वादा भूल न जाना
वादा भूल न जाना
ओ जाने वाले लौट के आना
वादा भूल न जाना
ओ जाने वाले लौट के आना
वादा भूल न जाना

तेरे साथ ही जियेंगे तेरे साथ ही मरेंगे
तुझे हर जनम में पायें बस यही दुआ करेंगे
तेरे साथ ही जियेंगे

ये वादा भूल न जाना
वादा भूल न जाना
ओ जाने वाले लौट के आना
वादा भूल न जाना

फूलों की धूप थे हम सूरज भी डूबता था
आँखों पे होंठ रख के जब तूने ये कहा था
ये घटा से बाल काले तेरी चाल जैसे नागन
तू हुस्न वादियों का तेरा प्यार जैसे सावन

तुझसे जुदा न होंगे न तुझे जुदा करेंगे
तुझे हर जनम में पायें बस यही दुआ करेंगे
तेरे साथ ही जियेंगे

ये वादा भूल न जाना
वादा भूल न जाना
ओ जाने वाले लौट के आना
वादा भूल न जाना
………………………………………….
Wada bhool na jaana-Jalte Badan 1973

Artists: Kumkum, Kiran Kumar

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Mar 5, 2020

ओ साथी ओ साथी-हनीमून १९७३

हनीमून एक ऐसा त्योहार है जो आम आदमी के जीवन
में एक बार आता है. इसे त्यौहार कहते मैंने ३-४ लोगों
को सुना और उनके उदगार लगभग एक सरीखे थे. कुछ
कहते हैं मनी है तो हनी है. जितनी ज्यादा मनी लगाओगे
उतना आनंद मिलेगा. हिल स्टेशन पर जाओ या किसी दूसरे
ग्रह पर हनीमून तो हनीमून ही रहेगा.

हनीमून को कई सयाने मनी-खून भी कहते हैं. ऐसे लोग
अक्सर घर में ही ऐसे कार्यक्रम कर लिया करते हैं और पैसे
बचा लेते हैं, या गए भी तो नज़दीक की किसी छोटी पहाड़ी
पर. क्या पहाड़ी ज़रूरी है इस कार्यक्रम के लिए. धरती पर
सारी चीज़ें गुरुत्व (ग्रेविटी)के सिद्धांत का पालन करती है.
एक भौतिकशास्त्री ने भौतिकता के इस पहलू पर बड़ा ही
अच्छा वक्तव्य दिया-भावनाएं हो या झरने का पानी सब
ऊपर से नीचे आता है. पहाड़ की चोटी पर चढ कर पत्थर
भी लुडकाओ तो वो नीचे ज़मीन की तरफ़ आता है. आदमी
जितना जल्दी भ्रमजाल से निकल के उतर आये उतना ही
अच्छा. आगे ना पीछे लुड़कना तो है ही.

फिल्म हनीमून से एक गीत सुनते हैं रफ़ी का गाया हुआ.
इसके बोल योगेश ने लिखे हैं और संगीत उषा खन्ना ने
तैयार किया है. एक ज़माने में ये गाना खूब सुना गया है.
इसकी वजह इसके बोल हैं.



गीत के बोल:

दिन हैं ये बहार के फूल चुन ले प्यार के
ओ साथी ओ साथी हो ओ साथी ओ साथी हो
दिन हैं ये बहार के फूल चुन ले प्यार के
ओ साथी ओ साथी हो ओ साथी ओ साथी हो

तेरे हँसते होंठों से बिछड़े तेरे गीत क्यूँ
बरसे सावन प्यार का तरसे तेरी प्रीत क्यूँ
बीत ना जाये कहीं प्यार का सावन यूँ ही
ओ साथी ओ साथी हो ओ साथी ओ साथी हो

शायद कहता है तुझसे सहमा सहमा दिल तेरा
तेरी गुजरी जिंदगी थामे ना आँचल तेरा
प्यार जो करते हैं वो यूँ नहीं डरते हैं वो
ओ साथी ओ साथी हो ओ साथी ओ साथी हो

दुल्हन बन कर जिंदगी चलती तेरे साथ है
बढ़ कर बाहें थाम ले रुकने की क्या बात है
आज क्यूँ है दूरियां क्यूँ हैं ये मजबूरियां
ओ साथी ओ साथी हो ओ साथी ओ साथी हो

होना था जो वो हो गया साथी अब ना सोच तू
कह कर मन के भेद ये हल्का कर ले बोझ तू
ये ख़ामोशी तोड़ के ये उदासी छोड़ के
ओ साथी ओ साथी हो ओ साथी ओ साथी हो

दिन हैं ये बहार के फूल चुन ले प्यार के
ओ साथी ओ साथी हो ओ साथी ओ साथी हो
……………………………………………..
O sathi o sathi-Honeymoon 1973

Artists: Anil Dhawan, Leena Chandavarkar

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Dec 29, 2019

चल पड़े जवान बदन-तू मेरी मैं तेरा १९७३

जब गाडी पटरी से उतर जाए या गाडी का एक पहिया
गडबड हो जाए किसी भी वजह से, तब गाडी में सवारी
का आनंद नहीं आता. ना ही चलाने वाले को और ना
ही बैठने वाले को.

शंकर जयकिशन की संगीतमय गाडी पटरी से उतरना
शुरू हुई ६० के दशक में और १९७१ में जोड़ी के एक
सदस्य के जाने के बाद दूसरा सदस्य उस झटके से
उबर नहीं पाया. वो जादू और करिश्मा उनके संगीत
से नदारद होता चला.

इन्दीवर के गीतों का जो असर कल्याणजी आनंदजी
और बप्पी लहरी के संगीत में दिखाई देता है वो किसी
और संगीतकार के साथ वाले गीतों में कम मात्रा में
दिखलाई देता है.

सुनते हैं तू मेरी मैं तेरा से एक गीत जिसे रफ़ी और
शारदा ने गाया है. गीत इन्दीवर का है और संगीत
शारदा का. सुनने लायक गीत है.- इसे एक बार सुन
लें.



गीत के बोल:

ओ हो हो ओ ओ ओ
हो हो हो हो हो ओ ओ ओ ओ

चल पड़े जवां बदन राहें बन गयीं चमन
किसको अपना होश है जवानियों का जोश है
चल पड़े जवां बदन राहें बन गयीं चमन
किसको अपना होश है जवानियों का जोश है

बिजलियों का है बदन और बदन में बिजलियाँ
ये हसीन वादियाँ और पर्वतों पे बदलियाँ
हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
बिजलियों का है बदन और बदन में बिजलियाँ
ये हसीन वादियाँ और पर्वतों पे बदलियाँ
मुझपे तुम झुकी रहो जैसे धरती पे गगन

चल पड़े जवां बदन राहें बन गयीं चमन
किसको अपना होश है जवानियों का जोश है
…………………………………………………
Chal pade jawan badan-Tu meri main tera 1973

Artists: Pata nahin kaun, Laxmi Chhaya

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Dec 6, 2019

ए मेरे बेटे-आ गले लग जा १९७३

बेटी-बेटे हिट्स के अंतर्गत सुनते हैं एक गीत जिसे
किशोर कुमार ने गाया है शशि कपूर के लिए. अपने
देश में स्केटिंग के शौक पर बनी शायद ये एकमात्र
फिल्म है. दूसरी भी हो सकती है मगर मेरे ध्यान
में नहीं है. यूँ तो कई नायक नायिकाओं को हमने
फिल्मों में स्केटिंग करते देखा है मगर फिल्म का एक
बड़ा भाग इस शौक को समर्पित हो ऐसे देखने में
नहीं आया.

गीत साहिर लुधियानवी का है और इसका संगीत
आर डी बर्मन ने तैयार किया है. गीत में एक आवाज़
और है-सुषमा श्रेष्ठ की जिन्हें हम आज पूर्णिमा के
नाम से जानते हैं.




गीत के बोल:

ए मेरे बेटे सुन मेरा कहना
चाहे दुख होये हँसते ही रहना
ए मेरे बेटे सुन मेरा कहना
चाहे दुख होये हँसते ही रहना

तू मेरे बेटे क्यों रोये
अँखियों के मोती क्यों खोये
मैं तेरा घोड़ा मैं हाथी
मैं तेरे दुख सुख का साथी
तेरा मैं सहारा हूँ मेरा तू सहारा है
जान से भी प्यारा है
आ जा आ जा

ए मेरे बेटे सुन मेरा कहना
चाहे दुख होये हँसते ही रहना

रखना भरोसा उसपे सदा
जिसने है सबको जन्म दिया
कल तेरा पापा रहे न रहे
अब जो कहा फिर कहे न कहे
कहा न भुलाना तू
वही रखवाला है उसी को बुलाना तू
आ जा आ जा

ए मेरे बेटे सुन मेरा कहना
चाहे दुख होये हँसते ही रहना

सोचा था क्या और क्या लाया
देते हुए जी भर आया
ले ये बैसाखी ले ले रे
मेरे अभागे हाथों से
इसी के सहारे चल चल मेरे प्यारे चल
पापा के दुलारे चल
आ जा आ जा

ए मेरे पाप्पा सुन मेरा कहना
चाहे दुख होवे हँसते ही रहना
.............................................................
Ae mere bete-Aa gale lag ja 1973

Artists: Shahsi Kapoor, A kid

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Oct 20, 2019

मैं हूँ फूल बानो-सौदागर १९७३

बॉलीवुड की सहायक नायिकाओं की बात चली तो एक और
गीत सुनते हैं जो अपने ज़माने की प्रसिद्ध सहायक अभिनेत्री
पर फिल्माया गया है. ये है फिल्म सौदागर से.

सन १९७३ की फिल्म सौदागर की कहानी पर हम काफी
प्रकाश डाल चुके हैं पहले. फिल्म से लता का गाया गीत
सुनते हैं जो पद्मा खन्ना पर फिल्माया गया है. पद्मा को
नायिका की भूमिका बहुत कम मिली हिंदी फिल्मों में.

गीत और संगीत रवींद्र जैन दोनों का है. फिल्म में नूतन
और पद्मा खन्ना दोनों नायिका की भूमिका में है. फिल्म
में कोई साइड हीरोईन नहीं है. इसे समुद्र किनारा हिट
गीत कह सकते हैं.




गीत के बोल:

चंपा नहीं चमेली नहीं
मैं गेंदा नहीं गुलाब नहीं
फिर भी जो देखे वो
बोले तेरा कोई जवाब नहीं
मैं का करूं के मैं हूँ फूल बानो
जी मैं हूँ फूल बानो
हाँ मैं का करूं के मैं हूँ फूल बानो
जी मैं हूँ फूल बानो

चंपा नहीं चमेली नहीं
मैं गेंदा नहीं गुलाब नहीं
फिर भी जो देखे वो
बोले तेरा कोई जवाब नहीं
मैं का करूं के मैं हूँ फूल बानो
जी मैं हूँ फूल बानो
हाँ मैं का करूं के मैं हूँ फूल बानो
जी मैं हूँ फूल बानो

सारा गाँव मेरा नाम ले के आहें भरे
जो भी देखे मेरी सूरत हाय हाय करे
सारा गाँव मेरा नाम ले के आहें भरे
जो भी देखे मेरी सूरत हाय हाय करे
जो भी देखे मेरी सूरत हाय हाय करे
कोयल नहीं पपीहा नहीं
मै गीतों भरी किताब नहीं
फिर भी जो देखे वो
बोले तेरा कोई जवाब नहीं
मैं का करूं के मैं हूँ फूल बानो
जी मैं हूँ फूल बानो
हाय मैं का करूं के मैं हूँ फूल बानो
जी मैं हूँ फूल बानो

क्यों ज़माना है दीवाना मेरा मुझे क्या पता
मै हसीं हूँ मै जवान हूँ इसमें मेरी क्या खता
क्यों ज़माना है दीवाना मेरा मुझे क्या पता
मै हसीं हूँ मै जवान हूँ इसमें मेरी क्या खता
मै हसीं हूँ मै जवान हूँ इसमें मेरी क्या खता
सारी उमर लगे न नज़र
मेरा ऐसा तो शबाब नहीं
फिर भी जो देखे वो बोले
तेरा कोई जवाब नहीं
मैं का करूं के मैं हूँ फूल बानो
जी मैं हूँ फूल बानो
हाय मैं का करूं के मैं हूँ फूल बानो
जी मैं हूँ फूल बानो
..............................................................
Main hoon phool bano-Saudagar 1973

Artist: Padma Khanna

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Oct 12, 2019

मेरे प्यासे मन की बहार-हनीमून १९७३

सन १९७३ की फिल्म हनीमून में कुछ कर्णप्रिय गीत हैं
जिन्हें हमने अभी तक इधर नहीं सुना है. अनिल धवन
और लीना चंदावरकर अभिनीत इस फिल्म के गीत लिखे
हैं योगेश ने. संगीत उषा खन्ना ने तैयार किया है.

फिल्म के निर्देशक हिरेन नाग हैं. सबसे पहले मैंने फिल्म
के क्रेडिट्स ही देखने की कोशिश करी-कहीं सावन कुमार
ने तो इस फिल्म का निर्माण निर्देशन नहीं किया ?

फिल्म का निर्माण ताराचंद बडजात्या ने किया है जो कि
साफ़ सुथरी पारिवारिक फ़िल्में बनाने के लिए विख्यात हैं.



गीत के बोल:
हा हा हा हो हो हो
मेरे प्यासे मन की बहार कब से था तुम्हारा इंतज़ार
तुम आये तो आया करार हो मेरे प्यार
मेरे प्यासे मन की बहार कब से था तुम्हारा इंतज़ार
तुम आये तो आया करार हो मेरे प्यार

समां कितना प्यारा है हाँ सनम हाँ सनम हाँ सनम
समां से भी प्यारा है क्या सनम क्या सनम क्या सनम
तुम्हारा फूल सा ये चेहरा दिलनशीं
छोडो हम जो भी हैं तुम भी तो कम नहीं
मेरे प्यासे मन की बहार कब से था तुम्हारा इंतज़ार
तुम आये तो आया करार हो मेरे प्यार

ये दिल गुनगुनाता है क्या सनम क्या सनम क्या सनम
मेरे गीत गाता है हाँ सनम हाँ सनम हाँ सनम
तो छोडो ये अदा गले तो मिलने दो
जल्दी है ऐसी क्या ये दिन तो ढलने दो
मेरे प्यासे मन की बहार कब से था तुम्हारा इंतज़ार
तुम आये तो आया करार हो मेरे प्यार

यूं ही दूर रहना हैं ना सनम ना सनम ना सनम
कहूँ जो भी कहना है हाँ सनम हाँ सनम हाँ सनम
तेरी बाहों में हैं मेरे दोनों जहां
कहने को हम हैं दो लेकिन है एक जान
मेरे प्यासे मन की बहार कब से था तुम्हारा इंतज़ार
तुम आये तो आया करार हो मेरे प्यार
…………………………………………………………………
Mere pyase man ki bahar-Honeymoon 1973

Artists: Anil Dhawan, Leena Chandavarkar

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Aug 4, 2019

ज़रा से अगर बेवफा-कच्चे धागे १९७३

विनोद खन्ना और सोना पर फिल्माया गया एक गीत पूर्व
में सुन चुके हैं आप इधर. इसी जोड़ी पर एक और गीत है
फिल्म कच्चे धागे में. इसे भी सुन लेते हैं.

आनंद बक्षी की रचना को स्वर दिया है लता मंगेशकर ने
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की धुन पर. ये थोड़ा कम सुना गया
गीत है.




गीत के बोल:

जरा से अगर बेवफा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते
ज़रा से अगर बेवफा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते

हसीनों की फिर तो कदर कुछ न होती
हसीनों की फिर तो कदर कुछ न होती
किसी को हामरी खबर कुछ न होती
जादू भरी ये नज़र कुछ न होती
जरा से जो काफर अदा हम न होते
जरा से जो काफर अदा हम न होते

जरा से अगर बेवफा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते

भला कौन दिल जोड़ता आशिको का
भला कौन दिल जोड़ता आशिको का
ये गम साथ ना छोड़ता आशिको का
गम-ए-इश्क की अगर दवा हम न होते
गम-ए-इश्क की अगर दवा हम न होते

जरा से अगर बेवफा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते

हमें कोई अपनी जवानी ना देता
हमें कोई अपनी जवानी ना देता
मोहब्बत मे यूँ जिंदगी ना देता
शराब-ए-नज़र का कोई पानी ना देता
जो एक खूबसूरत बला हम न होते
जो एक खूबसूरत बला हम न होते

जरा से अगर बेवफा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते
तुम्हरी कसम दिलरुबा हम न होते
..................................................................
Zara se agar ham-Kachche Dhaage 1973

Artists: Vinod Khanna, Sona

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Jan 1, 2019

कुछ चाहे ए आ-यौवन १९७३

केमिस्ट्री के लैब में तरह तरह के एक्सपेरिमेंट हुआ
करते हैं. इनमें से किसी में गैस निकलती है तो किसी
में द्रव्य उत्पन्न होता है. किसी रिएक्शन में ऑक्सीजन
निकलती है तो किसी में एच-टू-एस गैस.

बॉलीवुड अपने आप में एक प्रयोगशाला ही तो है. संगीत
के क्षेत्र में गाने कैसे बनायें से लगा कर गाना कैसे ना
बनायें पर हजारों प्रयोग हो चुके हैं.

आशा भोंसले की आवाज़ से संगीतकार इतने विस्मृत,
चमत्कृत हुए कि उन्होंने तरह तरह के गीत उनसे गवा
लिए. नैयर ने जो प्रयोग छोड़ दिए थे वो सोनिक ओमी
और आर डी बर्मन ने पूरे कर दिए. ज्यादा डिटेल में
जायेंगे तो १० पन्ने का निबंध जो जायेगा इसलिए जो
जितना है उसे समझ लें.

एक गीत सुनते हैं १९७३ की फिल्म यौवन से जिसे नए
साल के जश्न पर गाया जा रहा है. गीत में हालांकि नए
साल का जिक्र नहीं है अतः हम लकीरों के फ़कीरों का
अनुसरण करते हुए इसे सामान्य तौर पर ही सुनवा रहे
हैं.



गीत के बोल:

कुछ चाहे ए आ कुछ ढूंढें ए आ
कुछ मांगे मेरा यौवन
बलखाये तरसाए तड़पाए मुझे तन मन ये
ये ये ये क्या हुआ
हो कुछ चाहे ए आ कुछ ढूंढें ए आ

जाने मुझे ये कैसी आग लगी
मुझसे तो ये बुझ ना पाये हा हा हो हो हे हे
जाने मुझे जाने मुझे ये कैसी आग लगी
मुझसे तो ये बुझ ना पाये
तडपता है अब तो यौवन रातें हैं मेरी दुश्मन
मुझे तन मन ये ये ये ये क्या हुआ
हो कुछ चाहे ए आ कुछ ढूंढें ए आ

मैं हूँ कहाँ ये मुझे होश नहीं है
जो भी हो जाए हा हा हो हो हे हे
मैं हूँ कहाँ मैं हूँ कहाँ ये मुझे होश नहीं है
होता है जो भी हो जाये
मेरी आँखों में है तेरा दीवानापन
साँसों में है उलझन ये ये ये ये क्या हुआ

हो कुछ चाहे ए आ कुछ ढूंढें ए आ
कुछ मांगे मेरा यौवन
बलखाये तरसाए तड़पाए मुझे तन मन ये
ये ये ये क्या हुआ
हो कुछ चाहे ए आ कुछ ढूंढें ए आ
.......................................................
Kuchh chaahen-Yauwan 1973

Artist: Yogita Bali

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Jun 2, 2018

तेरे चेहरे मे है जो बात-छोटे सरकार १९७३

शम्मी कपूर को अपने ज़माने की सभी सुन्दर अभिनेत्रियों के
साथ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. साधना के साथ उनकी
एक फिल्म है सन १९७३ की छोटे सरकार.

प्रस्तुत गीत में वे देसी बाला को मॉडर्न बाला में ट्रांसफोर्म करते
नज़र आ रहे हैं और वो भी उसकी प्रशंसा कर कर के. उत्साहवर्धन
और प्रशंसा टोनिक का काम करते हैं जिससे व्यक्ति अपने लक्ष्य
को हासिल करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा प्राप्त कर लेता है.

गीत राजेंद्र कृष्ण का है और संगीत शंकर जयकिशन का. फिल्म का
सबसे उल्लेखनीय गीत शायाद यही है.





गीत के बोल:


तेरे चेहरे मे है जो बात किसी और मे नहीं
तेरे चेहरे मे है जो बात किसी और मे नहीं
ऐस जलवा न कोई है न हुआ न होगा हो
तेरे चेहरे मे है जो बात किसी और मे नहीं
ऐस जलवा न कोई है न हुआ न होगा हो
तेरे चेहरे मे है जो बात किसी और मे नहीं

अपने उल्झे हुये बालो को संवर जाने दे
फूल सी अपनी ये रुखसार निखर जाने दे
अपने उल्झे हुये बालो को संवर जाने दे
फूल सी अपनी ये रुखसार निखर जाने दे
सादगी होती है रुखसत तो उसे होने दे
जिस्म पर रंग जो बिखरे तो बिखर जाने दे
तेरे चेहरे मे है जो बात किसी और मे नहीं

अब तेरी चाल को तूफ़ान उठाने होंगे
जितने सोये हुए फितनी है जगाने होंगे
अब तेरी चाल को तूफ़ान उठाने होंगे
जितने सोये हुए फितनी है जगाने होंगे
अपनी आँखों को इशारों की इज़ाज़त दे कर
उन इशारों से कई रंग ज़माने होंगे
तेरे चेहरे मे है जो बात किसी और मे नहीं

ये बनावट का ज़माना है बनावट मांगे
चाहे झूठी ही सही फिर भी सजावट मांगे
ये बनावट का ज़माना है बनावट मांगे
चाहे झूठी ही सही फिर भी सजावट मांगे
दिल मगर मेरा तेरे प्यर का दीवाना है
तेरे क़दमों की फकत हलकी सी आहात मांगे
तेरे चेहरे मे है जो बात किसी और मे नहीं
ऐस जलवा न कोई है न हुआ न होगा हो
तेरे चेहरे मे है जो बात किसी और मे नहीं
…………………………………………………………….
Tere chehre mein hai jo baat-Chhote sarkar 1973

Artists: Shammi Kapoor, Sadhana

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Jun 1, 2018

ओ झुके नैनों वाली-छोटे सरकार १९७३

बोनी कपूर के पहले भी एक और बोनी नाम के शख्स को
बॉलीवुड ने देखा. वे हैं सन १९७३ की फिल्म छोटे सरकार के
निर्माता. शम्मी कपूर और साधना के मुख्य रोल वाली इस
फिल्म के निर्देशक है के शंकर. फिल्म में हेलन, शशिकला
जगदीश राज और असित सेन जैसे कलाकार भी मौजूद हैं.

लोजिकली बड़े के बाद ही छोटा आता ई. सन १९५७ में फिल्म
बड़े सरकार आई थी. उसके १६ साल बाद आई छोटे सरकार.
एक पीढ़ी औसतन २० वर्ष की होती है.

फिल्म की कहानी के जो छोटे सरकार हैं वो शम्मी कपूर हैं.
झुके झुके नैना फिल्म भरोसा के एक गीत में है. इसके
पहले झुके नैना फिल्म गीत(१९७२) के गीत में भी हैं.




गीत के बोल:

ओ झुके झुके नैनों वाली आ जा मेरे पास
ओ झुके झुके नैनों वाली आ जा मेरे पास
आ जा मेरे पास के मेरा दिल है उदास
आ जा मेरे पास के मेरा दिल है उदास
ओ राजा मेरे राजा आ जा आ जा मेरे पास
ओ राजा मेरे राजा आ जा आ जा मेरे पास
प्यासी तेरी प्रीत की बुझा दे मेरी प्यास
प्यासी तेरी प्रीत की बुझा दे मेरी प्यास
ओ झुके झुके नैनों वाली आ जा मेरे पास

ओ सूनी सूनी अंखियों का बन जा तू सपना
सपना भी ऐसा जिसे समझूं मैं अपना
ओ सूनी सूनी अंखियों का बन जा तू सपना
सपना भी ऐसा जिसे समझूं मैं अपना
प्यार भरा सपना रंग भरा सपना
आ जा बंधा दे मेरी टूटी हुई आशा
आ जा बंधा दे मेरी टूटी हुई आशा

ओ राजा मेरे राजा आ जा आ जा मेरे पास
ओ राजा मेरे राजा आ जा आ जा मेरे पास
प्यासी तेरी प्रीत की बुझा दे मेरी प्यास
ओ झुके झुके नैनों वाली आ जा मेरे पास

ओ तूने सवेरे मेरे बगिया के रस्ते
मांगे तो जान भी मैं दे दूं तेरे वास्ते
ओ तूने सवेरे मेरे बगिया के रस्ते
मांगे तो जान भी मैं दे दूं तेरे वास्ते
दिल तेरे वास्ते ओये जान तेरे वास्ते
बन के मैं छाया सदा रहूँ तेरे पास
बन के मैं छाया सदा रहूँ तेरे पास

ओ झुके झुके नैनों वाली आ जा मेरे पास
ओ झुके झुके नैनों वाली आ जा मेरे पास
आ जा मेरे पास के मेरा दिल है उदास
ओ राजा मेरे राजा आ जा आ जा मेरे पास
...........................................................................
O jhuke nainon wali-Chhote sarkar 1973

Artists: Shammi Kapoor, Sadhana

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May 20, 2018

मै केसर कस्तूरी-छोटे सरकार १९७३

कृष्ण कल्ले एक गायिका हैं जिन्हें ७० और ८० के दशक में
कई फ़िल्मी गाने गाने का सुभाग्य प्राप्त हुआ. वैसे तो काले पीले
युग(ब्लेक एंड व्हाट का ज़माना) में भी उन्होंने कुछ गीत गाये
मदर सबसे ज्यादा काम उन्हें ७० के दशक में ही मिला.

लता मंगेशकर और आशा भोंसले के मौजूद रहते दूसरी गायिकाओं
को काम कम मिला करता था. उनकी अनुपलब्धता और व्यस्तता
के चलते भी कई बार दूसरी गायिकाओं को गाने मिले.

सुनते हैं छोटे सरकार से एक गीत जिसकी पहली पंक्ति में ही
केसर और कस्तूरी घुले हुए हैं. राजेंद्र कृष्ण ने इस गीत को लिखा
है और इसका संगीत शंकर जयकिशन की देन है. गीत हेलन पर
फिल्माया गया है.



गीत के बोल:

ला ला रा ला रा ला रा रा रा
मै केसर कस्तूरी मेरी सूरत के दीवानों
मेरी रंगत पर न जाओ मेरी खुशबू तो पहचानो
मै केसर कस्तूरी मेरी सूरत के दीवानों
मेरी रंगत पर न जाओ मेरी खुशबू तो पहचानो
मै केसर कस्तूरी

कहाँ कहाँ से आ जाते हैं रात के राही रंग ज़माने
जीते जिनकी भूल की ठोकर रोज की ताज़ा ठोकर खाने
कुछ जाने कुछ पहचाने और कुछ इनमें अनजाने
कुछ जाने कुछ पहचाने और कुछ इनमें अनजाने

मै केसर कस्तूरी मेरी सूरत के दीवानों
मेरी रंगत पर न जाओ मेरी खुशबू तो पहचानो
मै केसर कस्तूरी

आँख में झूठी रंगीनी है जीवन सबका फीका फीका
हर माथे पर लगा हुआ है गम के चन्दन का एक टीका
अपना अपना दर्द छुपाये चलते फिरते ये साये
अपना अपना दर्द छुपाये चलते फिरते ये साये

मै केसर कस्तूरी मेरी सूरत के दीवानों
मेरी रंगत पर न जाओ मेरी खुशबू तो पहचानो
मै केसर कस्तूरी

कदम कदम पर जिनके पीछे मायूसी के लगे है पहरे
हाथ मे लेकर वो पैमाने देख रहे हैं ख्वाब सुनहरे
पागल मन को यूँ बहलाए कदम कदम पर धोखा खायें
पागल मन को यूँ बहलाए कदम कदम पर धोखा खायें

मै केसर कस्तूरी मेरी सूरत के दीवानों
मेरी रंगत पर न जाओ मेरी खुशबू तो पहचानो
मै केसर कस्तूरी मेरी सूरत के दीवानों
मेरी रंगत पर न जाओ मेरी खुशबू तो पहचानो
मै केसर कस्तूरी
.............................................................................
Main kesar kasturi-Chhote sarkar 1973

Artist: Helen

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May 18, 2018

कहाँ है वो दीवाना-लोफर १९७३

फिल्म लोफर से एक गीत सुनते हैं आशा भोंसले की
आवाज़ में. आनंद बक्षी की रचना है और लक्ष्मी प्यारे
का संगीत.

गीत में गुब्बारों की दुकानें खुली हुई हैं. अगर कोई
गोंद-सरेस के ड्रम में कूद कर उड़ते गुब्बारों के बीच
से निकले तो ऐसी हालत हो ही जायेगी. ये नॉवेल
आइडिया निर्देशक के दिमाग में कहाँ से आया होगा?

तू तो उड़ जायेगा बोलते बोलते नायिका पलट जाती
है. ये कौन सी हवा की बात हो रही है? गाने में आगे
धिच्क्याऊँ धिच्क्याऊँ भी होती ई और बत्ती गुल हो
कर फिर चालू हो जाती है. इस २-३ सेकण्ड के अंतराल
में जादू से नायिका अपने कपडे भी बदल लेती है.



गीत के बोल:

कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ ओ निशाना
कहाँ है कहाँ है
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ निशाना

मैं उसको ना छोडूंगी मैं उसका दिल तोडूंगी
दिल का रिश्ता जोड़ूंगी सुन ले ऐ ज़माना
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ निशाना

तू तो उड़ जायेगा मेरे दामन की हवा से
तू तो उड़ जायेगा मेरे दामन की हवा से
तुझपे चलाऊँ तीर क्या मैं अपनी निगाह से
और कोई मस्ताना है जो मेरा है दीवाना
वैसे तो अनजाना है पर दोस्त मेरा पुराना
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ निशाना

बातों से बचेगा मेरी घातों से बचेगा
बातों से बचेगा मेरी घातों से बचेगा
कब तक वो मस्ताना मुलाकातों से बचेगा
चाकरी बसीने का दिल काबू से छिनेगा
एक न एक दिन मिलने का बन जायेगा बहाना
कहाँ है वो दीवाना
मुझे जिसने बनाया निशाना
हो ओ ओ निशाना
......................................................................
Kahana hai wo deewana-Loafer 1973

Artists: Padma Khanna, Rupesh Kumar, Dharmendra

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May 14, 2018

दुनिया में तेरा है बड़ा नाम-लोफर १९७३

आदमी भगवान से मांगता है और शिकायत करता है.
इन दोनों काम के अलावा निष्काम भाव से भक्ति भजन
कम करता है. ये जो लालच वाला गुण भी तो भगवान
की ही देन है. उसी की रची माया है तो असर तो दिखाएगी
ही. प्रार्थना में बड़ी शक्ति होती है. ये सभी तालों की कुंजी
है.

सुनते हैं फिल्म लोफर से महेंद्र कपूर की आवाज़ में ये
भक्ति गीत अर्थात फ़िल्मी भजन. इसे आपने ज़रूर सुना
होगा एक ना एक बार. फिल्म का सबसे ज्यादा बजने
वाला गीत यही है. बोलो सीताराम.



गीत के बोल:

दुनिया में तेरा है बड़ा नाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम
मेरी विनती सुने तो जानूं
मेरी विनती सुने तो जानूं
मानूं तुझे मैं राम
राम नहीं तो कर दूंगा
सारे जग में बदनाम
दुनिया में तेरा है बड़ा नाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम

साथी जगत में बस एक अपना
साथी जगत में बस एक अपना
इस जीवन का आखिरी सपना
वो भी तोड़ के दाता ना ले
यूँ मुंह मोड के दाता ना ले
सर पे तू ये इलज़ाम
राम नहीं तो कर दूंगा
सारे जग में बदनाम
दुनिया में तेरा है बड़ा नाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम

मजबूरी तेरे दर पे ली आई
मजबूरी तेरे दर पे ली आई
आस की मैंने ज्योत जगाई
ओ मन की बुझती ज्योति जगा दे
मेरी टूटी आस बंधा दे
आया मैं तेरे धाम
राम नहीं तो कर दूंगा
सारे जग में बदनाम

दुनिया में तेरा है बड़ा नाम
आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम
मेरी विनती सुने तो जानूं
मेरी विनती सुने तो जानूं
हो राम हो राम
मेरी विनती सुने तो जानूं
मेरी विनती सुने तो जानूं
हो राम हो राम
.........................................................................
Duniya mein tera hhai bada naam-Loafer 1973

Artist: Omprakash

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Apr 30, 2018

क्या रोज़ रोज़ पीना-छोटे सरकार १९७३

पीना पिलाना हिट्स के अंतर्गत एक नया गीत सुनते हैं जो
कि फिल्म छोटे सरकार से है. आशा भोंसले के गाये इस गीत
में मदिरा प्रेमियों के लिए नसीहत है. पीने पिलाने के साथ
क्या किया जाए उस पर प्रकाश डाला गया है.

मयखाने जाग्रत रहते हैं. शराबी आते जाते रहते हैं मगर ये
मयखाना वहीँ कायम रहता है और मदिराप्रेमियों की सेवा
में निरंतर तत्पर रहता है.




गीत के बोल:

क्या रोज़ रोज़ पीना जी भर के आज पी लो
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो हो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो

क्या रोज़ रोज़ पीना जी भर के आज पी लो
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो हो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो

दुनिया तो सो रही है मयखाने जागते है
मयखाने जागते है
दुनिया तो सो रही है मयखाने जागते है
मयखाने जागते है
तारों की रौशनी में मे पैमाने जागते है
पैमाने जागते है
दो घूँट हम भी पी लें दो घूँट हम भी पी लें
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो
क्या रोज़ रोज़ पीना जी भर के आज पी लो
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो

रहने दे जाम साकी ला भर के दे सुराही
ला भर के दे सुराही
रहने दे जाम साकी ला भर के दे सुराही
ला भर के दे सुराही
हाथों में साज़ ले लें और और छेड़ दें रुबाई
और छेड़ दें रुबाई
लहरा के हम भी पी लें लहरा के तुम भी पी लो
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो
क्या रोज़ रोज़ पीना जी भर के आज पी लो
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
दो चर लम्हे जि लो

कुछ तुम हमें पिलाओ कुछ हम तुम्हें पिलायें
कुछ हम तुम्हें पिलायें
कुछ तुम हमें पिलाओ कुछ हम तुम्हें पिलायें
कुछ हम तुम्हें पिलायें
पी जाएँ आज इतनी फिर होश मे न आये
फिर होश मे न आये
छलका के हम भी पी लें छलका के टउम भी पी लो
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
क्या रोज़ रोज़ पीना जी भर के आज पी लो
दो चार लम्हे जी लो मोरे राजा मोरे राजा
दो चार लम्हे जी लो
............................................................................
Kya roz roz peena-Chhote sarkar 1973

Artists: Sadhana, Shammi Kapoor

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Apr 25, 2018

मोतियों की लड़ी हूँ मैं-लोफर १९७३

सन १९७३ की लोकप्रिय फिल्म लोफर से अगला लोकप्रिय गीत
सुनते हैं. ये भी आशा भोंसले ने गाया है.

इस गीत के निर्माता भी आनंद बक्षी और लक्ष्मी प्यारे की जोड़ी
है. इस जोड़ी ने सैकड़ों हिट गीत दिए हैं हिंदी फिल्म संगीत के
खजाने को.




गीत के बोल:

मोतियों की लड़ी हूँ मैं
फुलवा की छड़ी हूँ मैं
रे सुन्दर बड़ी हूँ मैं
दुनिया भुलाए अँखियाँ बिछाये
कब से खड़ी हूँ मैं
दुनिया भुलाए अँखियाँ बिछाये
कब से खड़ी हूँ मैं
मोतियों की लड़ी हूँ मैं
फुलवा की छड़ी हूँ मैं
रे सुन्दर बड़ी हूँ मैं
दुनिया भुलाए अँखियाँ बिछाये
कब से खड़ी हूँ मैं

बेचैन हूँ कितनी देर से
बैठा है तू निगाहें क्यों फेर के
ज़रा सा तो मुझे देख छेड़ के
बेचैन हूँ कितनी देर से
बैठा है तू निगाहें क्यों फेर के
ज़रा सा तो मुझे देख छेड़ के
मैं भड़क गई तो फिर आग ना बुझेगी
इक फुलझड़ी हूँ मैं
दुनिया भुलाए अँखियाँ बिछाये
कब से खड़ी हूँ मैं

मोतियों की लड़ी हूँ मैं
फुलवा की छड़ी हूँ मैं
रे सुन्दर बड़ी हूँ मैं
दुनिया भुलाए अँखियाँ बिछाये
कब से खड़ी हूँ मैं

मैं कौन हूँ तेरी प्यास हूँ
हुस्न की मैं अदा एक ख़ास हूँ
आज क़िस्मत से मैं तेरे पास हूँ
मैं कौन हूँ तेरी प्यास हूँ
हुस्न की मैं अदा एक ख़ास हूँ
आज क़िस्मत से मैं तेरे पास हूँ
मैं निकल गई तो फिर हाथ नहीं आऊँगी
ऐसी घड़ी हूँ मैं
दुनिया भुलाए अँखियाँ बिछाये
कब से खड़ी हूँ मैं

मोटियों की लड़ी हूँ मैं
फुलवा की छड़ी हूँ मैं
रे सुन्दर बड़ी हूँ मैं
दुनिया भुलाए अँखियाँ बिछाये
कब से खड़ी हूँ मैं
दुनिया भुलाए अँखियाँ बिछाये
कब से खड़ी हूँ मैं
……………………………………………………
Motiyon ki ladi hoon main-Loafer 1973

Artists: Mumtaz, Dharmendra

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Apr 24, 2018

कोई शहरी बाबू-लोफर १९७३

एक पंजाबी फ्लेवर वाला गीत सुनते हैं आशा भोंसले की
आवाज़ में. उनके गाये इस किस्म के गीत आम जनता में
काफी लोकप्रिय थे ७० के दशक में.

आनंद बक्षी की ये रचना है और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का
संगीत. गीत अपने ज़माने का हिट गीत है और आज भी
ये सुनाई देता है कभी कभी. मुमताज़ और फरीदा जलाल
पर यह गीत फिल्माया गया है.



गीत के बोल:

कोई सहरी बाबू
दिल लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नच दी फिराँ
कोई सहरी बाबू
दिल लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नच दी फिराँ
मैं तो चलूँ हौले-हौले
फिर भी मन डोले हाय रे
मेरे रब्बा मैं की कराँ
मैं छम-छम नच दी फिराँ
कोई सहरी बाबू
दिल लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नच दी फिराँ

पनघट पे मैं कम जाने लगी
नटखट से मैं शरमाने लगी
पनघट पे मैं कम जाने लगी
नटखट से मैं शरमाने लगी
धड़कन से मैं घबराने लगी
दरपन से मैं कतराने लगी
मन खाये हिचकोले
ऐसे जैसे नैया डोले हाय रे
मेरे रब्बा मैं की कराँ
मैं छम-छम नच दी फिराँ

कोई सहरी बाबू
दिल-लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नच दी फिराँ

सपनों में चोरी से आने लगा
रातों की निंदिया चुराने लगा
सपनों में चोरी से आने लगा
रातों की निंदिया चुराने लगा
नैनों की डोली बिठा के मुझे
ले के बहुत दूर जाने लगा
मेरे घूँघटा को खोले
मीठे-मीठे बोल बोले हाय रे
मेरे रब्बा मैं की कराँ

मैं छम-छम नच दी फिराँ
कोई सहरी बाबू
दिल लहरी बाबू हाय रे
पग बाँध गया घुँघरू
मैं छम-छम नच दी फिराँ
………………………………………………
Koi shehri babu-Loafer 1973

Artists: Mumtaz, Farida Jalal

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Apr 7, 2018

एक दो फेरे बालम संग तेरे-तीन चोर १९७३

आज आपको एक अनूठा गीत सुनवाते हैं. अब ये अनूठा क्यूँ
है ये तो आपको बतलाना ही पड़ेगा. इस गीत का दो गीतकारों
से सम्बन्ध जो है.

गीत में तीन चेहरे आपको दिखलाई देंगे. नायिका के अलावा जो
दो चेहरे हैं उनमें सबसे पहला चेहरा गुलशन बावरा का है. दूसरा
है नायक विनोद मेहरा का.

गीत लिखा है राजेंद्र कृष्ण ने और इसकी धुन तैयार की है
सोनिक ओमी ने जिसे लता मंगेशकर गा रही हैं. तो जनाब हो
गया ना दो गीतकारों का कनेक्शन.




गीत के बोल:

एक दो फेरे बालम संग तेरे कहे तो मैं ले लूं अभी
हाय रे सात पूरे ना होंगे कभी हाय हाय हाय
एक दो फेरे बालम संग तेरे कहे तो मैं ले लूं अभी
हाय रे सात पूरे ना होंगे कभी हाय हाय हाय
एक दो फेरे

सॉरी सॉरी वैरी सॉरी दीवाने से पड़ गया पाला
दीवाना तो दीवाना है अभी इसे निपटा के आई
पेड़ के नीचे फुर्सत से फिर बातें होंगी अभी मैं आई
किसी से ना कहना जो मैं तुझसे कहूँ
लिखा है मेरे हाथ में कुंवारी रहूँ
हाय किसी से ना कहना जो मैं तुझसे कहूँ
लिखा है मेरे हाथ में कुंवारी रहूँ
रेखा सुहाग की है टूटी हुई
किस्मत जनम से है फूटी हुई रे रे रे
एक दो फेरे बालम संग तेरे कहे तो मैं ले लूं अभी
हाय रे सात पूरे ना होंगे कभी हाय हाय हाय
एक दो फेरे

हाय बेचारा प्यार का मारा चक्कर कब से काट रहा है
सूख रहे हैं फिर भी पगला होंठ जुबान से चाट रहा है
अरे रे रे रे फिर आया तुम छुप जाओ छुप जाओ ना
वैसे तेरे प्यार में ये दिल तो जले
के विधि के विधान पे तो बस ना चले
हाय वैसे तेरे प्यार में ये दिल तो जले
के विधि के विधान पे तो बस ना चले
राहू तो कब से है पीछे पड़ा
केतु भी आज मेरे आगे खड़ा

एक दो फेरे बालम संग तेरे कहे तो मैं ले लूं अभी
हाय रे सात पूरे ना होंगे कभी हाय हाय हाय
एक दो फेरे
…………………………………………………………….
Ek do phere-Teen chor 1973

Artists: Zahida, Gulshan Bawra, Vinod Mehra

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Mar 7, 2018

मैं तस्वीर उतारता हूँ-हीरा पन्ना १९७३

हिंदी फिल्म का हीरो एक प्रतिभावान जंतु होता है जो किसी भी
पेशे पर हाथ साफ़ कर सकता है. ज़रूरत पड़ने पर पहलवानी भी
कर सकता है तो कपडे पर प्रेस भी.

गीत के पहली दो पंक्ति से ये अर्थ लगाया जा सकता है कि फोटो
खींचने के बाद नायक केश कर्तन भी करता है लगता है उसका कोई
सैलून भी है. आगे की पंक्तियों का अर्थ आप स्वयं समझें.

सन १९७३ की फिल्म हीरा पन्ना से एक गीत सुनते हैं देव आनंद
पर फिल्माया गया. किशोर कुमार ने इसे गाया है. आनंद बक्षी की
आनंददायी रचना है जिसकी धुन तैयार की है आर डी बर्मन ने.




गीत के बोल:

मैं तस्वीर उतारता हूँ
बिखरी हुई हसीनों की जुल्फ़ें सवारता हूँ
फिर जुल्फ़ों के साये में मैं रातें गुज़ारता हूँ
मैं तस्वीर उतारता हूँ
बिखरी हुई हसीनों की जुल्फ़ें सवारता हूँ
फिर जुल्फ़ों के साये में मैं रातें गुज़ारता हूँ

कोई हसीना कितनी भी मग़रूर हो
हुस्न की दुनिया में कितनी मशहूर हो
कोई हसीना कितनी भी मग़रूर हो
हुस्न की दुनिया में कितनी मशहूर हो
मस्ती में चूर हो पास हो या दूर हो
अरे मस्ती में चूर हो पास हो या दूर हो
दौड़ी चली आती है मैं जिसको पुकारता हूँ
मैं तस्वीर उतारता हूँ

चाँद की भी ना पड़ी जिनपे किरण
मैने देखे उन हसीनों के बदन
चाँद की भी ना पड़ी जिनपे किरण
मैने देखे उन हसीनों के बदन
मेरा ऐसा है चलन जानेजां ओ जानेमन
तोड़ के सारे परदे मैं सबको निहारता हूँ

मैं तस्वीर उतारता हूँ
बिखरी हुई हसीनों की जुल्फ़ें सवारता हूँ
फिर जुल्फ़ों के साये में मैं रातें गुज़ारता हूँ

थक के साहिल पे समन्दर सो गया
याद तेरी आ गई मैं खो गया
थक के साहिल पे समन्दर सो गया
याद तेरी आ गई मैं खो गया
ये गया मैं वो गया ये मुझे क्या हो गया
ये गया मैं वो गया ये मुझे क्या हो गया
नाम तेरा लेता हूँ मैं जिसको पुकारता हूँ
………………………………………………………
Main tasveer utarta hoon-Heera Panna 1973

Artists: Dev Anand, Zeenat Aman

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