ये कौन हँसा किसने सितारों को-विलेज गर्ल १९४५
मैडम नूरजहाँ (जी हैं जैसे कि नूरजहाँ की आवाज़ के दीवाने उनको
पुकारते हैं), की आवाज़ में अगला गीत सुनिए फिल्म विलेज गर्ल से.
बोल एक बार फीस वाली साहब के हैं और संगीत श्याम सुन्दर का.
मैडम का संबोधन आपने और किसी गायिका के लिए नहीं सुना होगा.
कितनी मैडमें आयीं और गयीं मगर हिंदी उर्दू सिनेमा संगीत के इतिहास
में केवल एक ही मैडम हैं-वो हैं नूरजहाँ.
ये फिल्म अविभाजित भारत के फिल्म जगत बम्बई में बनायीं गयी थी.
विभाजन के बाद कई फ़िल्मी हस्तियाँ दूसरे देश में चली गयीं उनमें एक
नूरजहाँ भी हैं.
गीत के बोल:
ये कौन
ये कौन हँसा किसने सितारों को हँसाया
चुपके से मेरे नैनों की गलियों में आया
ये कौन
ये कौन हँसा किसने सितारों को हँसाया
चुपके से मेरे नैनों की गलियों में आया
ये कौन
रहता है मेरी आँखों में आशाओं का मेला
रहता है मेरी आँखों में आशाओं का मेला
सपनों में हुआ करता है बालम से झमेला, होय
सपनों में हुआ करता है बालम से झमेला
नैनों की मधुर बीना पे
नैनों की मधुर बीना पे क्या राग सुनाया
चुपके से मेरे नैनों की गलियों में आया
ये कौन
ये कौन हँसा किसने सितारों को हँसाया
चुपके से मेरे नैनों की गलियों में आया
ये कौन
भाती नहीं है अब मुझे सावन की जवानी
भाती नहीं है अब मुझे सावन की जवानी
होंठों पे सदा रहती है साजन की कहानी, होय
होंठों पे सदा रहती है साजन की कहानी
इस प्रेम मिलन ने
इस प्रेम मिलन ने मुझे दीवाना बनाया
चुपके से मेरे नैनों की गलियों में आया
ये कौन
ये कौन हँसा किसने सितारों को हँसाया
चुपके से मेरे नैनों की गलियों में आया
ये कौन
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Ye kaun hansa-Village Girl 1945
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