चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे -दोस्ती १९६४
दोस्ती के सभी गीत लगभग दिल को झंझोड़ने वाले हैं। निस्संदेह, सोना पिघला
के शब्दों, धुन और गायकी पर मढ़ दिया गया सा प्रतीत होता है।
फिल्म दोस्ती के सभी गीत सुपर हिट की श्रेणी में आते हैं सिवाए लता मंगेशकर
के गाये गीत के।
गीत हर सिचुऐशन पर फिट होने वाला है-चाहे आप इसे दोस्ती के लिए उपयोग
कर लें, चाहे प्रेमिका के लिए या फिर सर्वशक्तिमान कि आराधना के लिए। बस ईश्वर
की आराधना के लिए इसमें से 'यार' शब्द को हटा के दूसरा फिट करना पड़ेगा।
वैसे भी सयाने कहते हैं-दोस्ती करना है तो ईश्वर से करो।
आदमी जब नितांत अकेला होता है या हो जाता है तो केवल ईश्वर उसके साथ होता है।
बस उसे पहचान नहीं पाता मनुष्य। वो किस रूप में और कहाँ आ जाये, उसकी माया
वो ही जाने।
गीत के बोल:
चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
देख मुझे सब है पता
सुनता है तू मन की सदा
देख मुझे सब है पता
सुनता है तू मन की सदा
मितवा,
मेरे यार तुझको बार बार
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे
दर्द भी तू चैन भी तू
दरस भी तू नैन भी तू
दर्द भी तू चैन भी तू
दरस भी तू नैन भी तू
मितवा
मेरे यार तुझको बार बार
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
चाहूँगा मैं तुझे साँझ सवेरे
फिर भी कभी अब नाम को तेरे
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
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Chahoonga main tujhe sanjh savere-Dosti 1964
Artists: Sudhir Kumar, Sushil Kumar,
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