मैं तुलसी तेरे आँगन की-शीर्षक गीत १९७८
सबसे बड़े हिट गीतों में गिनती होती है इसकी.
नूतन को काफी समय बाद किसी फिल्म में देखा गया. जनता को
उनकी फिल्मों के बेसब्री से इंतज़ार रहता था.
राज खोसला निर्देशित इस फिल्म का कथानक शुरू में दुःख वाला
है. दर्शक समझ नहीं पाता था के फिल्म देखे या सिनेमा हॉल से
भाग जाए. कहानी में मगर कुछ न कुछ ऐसा झमेला चलता ही
रहता कि वो चाह कर भी ऐसा न कर पाता. २-३ रील के बाद
फिल्म रोचक हो जाती है.
सुनते हैं आनंद बक्षी की रचना लता मंगेशकर की आवाज़ में.
गीत के बोल:
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
कोई नहीं मैं
कोई नहीं मैं तेरे साजन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
कोई नहीं मैं
कोई नहीं मैं तेरे साजन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी
द्वार पड़े पड़े तरस गई
आज उमड़ कर बरस गई रे
द्वार पड़े पड़े तरस गई
आज उमड़ कर बरस गई रे
प्यासी बदली सावन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी
माँग तेरी सिंदूर भी तेरा
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
माँग तेरी सिंदूर भी तेरा
सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा
मोहे सौगन्ध तेरे अँसुअन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी
काहे को तू मुझसे जलती है
ऐ री मोहे तो तू लगती है
काहे को तू मुझसे जलती है
ऐ री मोहे तो तू लगती है
कोई सहेली बचपन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
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Main tulsi tere aangan ki-Titlesong 1978
Artists: Asha Parekh, Nutan, Vijay Anand
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