Jan 19, 2015

सांस में तेरी सांस-जब तक है जान २०१२

गीत गुलज़ार का हो तो सुन लिया करते हैं दोस्तों
हम भी खट्टी मीठी आँखों(गोलियों) के दीवाने हैं.


इससे ज्यादा साहित्यिक क़ाबलियत मुझमे नहीं है गुलज़ार के गीतों
पर बोलने की. इसलिए सीधे सीधे बिना सन्दर्भ सहित भावार्थ के
इसे सुन लिया जाए . २०१२ की फिल्म –जब तक है जान के लिए
इसे गवाया गया श्रेया घोषाल और मोहित चौहान से, संगीतकार
ऐ. आर. रहमान ने.

हमारे एक मित्र जो रजनीगन्धा और तुलसी के मिश्रण के शौक़ीन हैं
उनको ये गीत बहुत पसंद है. उनकी बीवी नेअलार्म लगाना बंद कर
दिया है. सुबह सुबह जब वे मिश्रण की एकफांकी लेने के बाद अपनी
श्रीमती जी के पास पहुँचते हैं, रजनीगन्धाकी सुगंध से उनकी बीवी
उठ जाती है. अब ये ना सोचने लगिये कि उनकी बीवी रजनीगन्धा
पिक्चर का गाना गाने लगती है. कतई नहीं, वो कभी कभी प्रवचन
अवश्य सुना दिया करती है उन्हें .



गीत के बोल:


सांस में तेरी सांस मिली तो
मुझे सांस आई
रूह ने छू ली जिस्म की खुश्बू
तू जो पास आई

कब तक होश संभाले कोई
होश उड़े तो उड़ जाने दो
दिल कब सीधी राह चला है
राह मुड़े तो मुड़ जाने दो
तेरे ख़याल में डूब के अक्सर
अच्छी लगी तन्हाई
सांस में तेरी


रात तेरी बाँहों में कटे तो
सुबह बड़ी हलकी लगती है
आँख में रहने लगे हो क्या तुम
क्यूँ छलकी-छलकी लगती है
मुझको फिर से छू के बोलो
मेरी कसम क्या खाई

सांस में तेरी सांस
.....................................................................
Saans mein teri-Jab Tak Hai Jaan 2012

Artists: Shahrukh Khan, Kaitrina Kaif

2 comments:

व्हाट एन आईडिया,  February 7, 2018 at 10:31 PM  

गुलज़ार के गीत हम भी सुनते हैं

Geetsangeet February 8, 2018 at 9:15 PM  

अभी तक तो दावे जयपुर वाले ही करते थे. गुडगाँव वाले भी सुनते हैं जान कर
प्रसन्नता हुई. :)

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