मनमोहन मन में हो तुम्हीं-कैसे कहूँ १९६४
आज सुनवाते हैं फिल्म कैसे कहूँ का एक गीत जिसे तीन
गायक कलाकारों ने गाया है एस डी बातिश, मोहम्मद रफ़ी
और सुधा मल्होत्रा ने. पंडित शिव दयाल बातिश एक भारी
और प्रभावशाली आवाज़ वाले गायक थे जिन्होंने फिल्मों के
सुनहरे दौर में कई गीत गाये. शास्त्रीय संगीत में भी उनका
योगदान सराहनीय है. वे तीस के दशक से सक्रिय हुए फिल्म
जगत में. उल्लेखनीय है पहली बोलती फिल्म आलमआरा सन
१९३१ में रिलीज़ हुई थी. सचिन देव बर्मन के संगीत खजाने
में ऐसे कई नायब रत्न भरे पड़े हैं.
गीत के बोल:
मनमोहन मन में हो तुम्हीं
मोरे अंग अंग तुम्हीं समाये
जानो य जानो न हो तुम्हीं
मनमोहन मन में
मनमोहन मन में मन में
हो तुम्हीं हो तुम्हीं हो तुम्हीं
मनमोहन मन में हो तुम्हीं
मोरे अंग अंग तुम्हीं समाये
जानो या जानो ना हो तुम्हीं
मनमोहन मन में
देख देख तोरी छब साँवरिया
देख देख तोरी छब साँवरिया
बनी है राधा तुम्हरी बाँवरिया
रोम रोम तुम्हरे गुण गाये
मानो या मानो ना हो तुम्हीं
मनमोहन मन में
देख देख तोरी छब साँवरिया
हो ओ बनी है राधा तुम्हरी बाँवरिया
देख देख तोरी छब साँवरिया
बनी है राधा तुम्हरी बाँवरिया
रोम रोम तुम्हरे गुण गाये
मानो या मानो न हो तुम्हीं
मनमोहन मन में
............................................
Manmohan man mein-Kaise kahoon 1964
0 comments:
Post a Comment