अपना याराना भूल नहीं जाना-बगावत १९८२
गीत लिखने वालों, संगीतकारों के नाम याद हो जाते.
इसका खामियाजा कभी कभी भुगतना भी पढता. एक
दिन पडोसी चच्चा ने पूछा-ये कौन गन्दा सा बच्चा गा
रहा है. ज़माना था फिल्म बगावत की रिलीज़ के बाद
का. दिन में एक आध बार ये बच्चे का गाया गीत ज़रूर
सुनने को मिल जाता.
हमने उन चच्चा से पूछा-आपको बच्चा गन्दा क्यूँ लगा.
उनका जवाब था-बहुत इतरा के गा रहा है. हमने भी
उन्हें करारा जवाब दिया-आपके बच्चे तो बहुत बुरी
बुरी आवाजों में बिगाड़-बिगाड़ के गाने गाते हैं. उनका
जवाब था-वो तो गधे की तरह रेंकते हैं, उसे तुम गाना
बोलते हो?
वो ज़माना पत्रिका अखबार वाला था. रेडियो के अलावा
कोई जरिया नहीं था जानकारी प्राप्त करने का. आखिर
गायिका का नाम तो पता चला, मगर ये समझ नहीं
आया लक्ष्मी प्यारे उनपर मेहरबान क्यूँ हो गए? फिल्म
में सिचुएशनल गीत ही ज्यादा होते हैं. हमने अनुमान
लगाया कि फिल्म की मांग होगी. हो सकता है जीतेंद्र
की फिल्म ‘एक ही भूल’ में एस पी बालू के साथ इसी
बच्चे ने गीत गाया था और संगीतकार ने सोचा-लकी
बच्चा है, और गीत गवा लो.
गीत के बोल:
ये अपना याराना भूल नहीं जाना
!! बाकी के बोल डिमांड पर उपलब्ध कराये जायेंगे !!
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