दूर कोई गाये-बैजू बावरा १९५२
पर अभी तक. अब आपको सुनवाते हैं चौथा गीत जो कि तीन
गया कलाकारों संग कोरस ने गाया है. फिल्म के सभी गीत
काफी बजे हुए गीत हैं.
सन १९५२ को गुज़रे ६३ वर्ष बीत चुके हैं और आज भी ये गीत
आपको बजता हुआ मिल जायेगा. नौशाद के गीत कुछ भी हो
अपना चार्म बनाये रखने में कामयाब हैं समय के साथ. एक
बड़ी वजह है नौशाद के गीतों की उम्दा रेकोर्डिंग क्वालिटी. ये
भी एक बहुत बड़ा फैक्टर है गीतों को लोकप्रिय करने में. इस
पहलू पर नौशाद ने काफी ध्यान दिया है खास कर ५० के
दशक और उसके बाद. फिल्म धर्म काँटा के गीत ही सुन लीजिए
उनकी भी रिकॉर्डिंग क्वालिटी बढ़िया है.
गीत के बोल:
दूर कोई गाये, धुन ये सुनाये
तेरे बिन छलिया रे
बाजे ना मुरलिया रे
मन के अंदर प्यार की अग्नि
नैना खोये खोये
कि अरे रामा नैना खोये खोये
अभी से है ये हाल
तो आगे ना जाने क्या होये
नींद नहीं आये, बिरहा सताये
तेरे बिन छलिया रे
बाजे ना मुरलिया रे
मोरे अंगना लाज का पहरा
पाँव पड़ी जंजीर
कि अरे रामा पाँव पड़ी जंजीर
याद किसी की जब जब आये
लागे जिया पे तीर
आँख भर आये, जल बरसाये
तेरे बिन छलिया रे
बाजे ना मुरलिया रे
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Door koi gaaye-Baiju bawra 1952
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