जिया लागे ना तुम बिन-तलाश २०१२
रामलाल और हुस्नलाल-भगतराम का नाम अवश्य सुना होगा.
एक और राम इस क्षेत्र से जुड़े-राम संपत. ये नयी पीढ़ी के
संगीतकार हैं.
विज्ञापन के क्षेत्र में काफी काम कर चुके राम संपत का फ़िल्मी
कैरियर शुरू हुआ एक अंग्रेजी फिल्म से २००३ में. उसके बाद
उन्होंने राजकुमार संतोषी की खाकी(२००४) में संगीत दिया.
फिल्म का नाम है तलाश. एक तलाश १९६९ वाली थी, ये सन
२०१२ की तलाश है. गीत लिखा है जावेद अख्तर ने और इसे
गाया भी नए कलाकारों ने है-सोना महापात्रा और रवींद्र उपाध्याय
ने. फिल्म के कलाकार ज़रूर जाने पहचाने हैं-आमिर खान
और रानी मुखर्जी. फिल्म के तीन निर्माताओं में से एक आमिर
भी हैं.
गीत के बोल:
मन तेरा जो रोग हैं मोहे समझ ना आये
पास हैं जो सब छोड़ के दूर को पास बुलाये
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
क्या जाने क्यों हैं क्या जाने कैसी
अनदेखी सी डोर
जो खींचती है जो ले चली है
अब यूँ मुझे तेरी ओर
मैं अंजानी हूँ वो कहानी
होगी ना जो पूरी
पास आओगे तो पाओगे
फिर भी है इक दूरी
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
मन अब तक जो बूझ ना पाया
तुम वो पहेली हो
कोई ना जाने, क्या वो रहस्य है
जिसकी सहेली हो
मैं मुस्काऊं सबसे छुपाऊं
व्याकुल हूँ दिन रैन
कब से ना आई नैनों में निंदिया
मन में ना आया चैन
जिया लागे ना तुम बिन मोरा
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Jiya laage na tum bin-Talaash 2012
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