Mar 13, 2016

दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं-दुनिया १९६८

किशोर और आशा के गाये युगल गीत युवाओं में ज्यादा
लोकप्रिय रहे वो चाहे किसी भी युग के युवा रहे हों. ऐसा
मेरा अनुमान है या कहें जैसा मैंने देखा महसूस किये उसी
आधार पर ये कह सकता हूँ.

आज सुनते हैं सन ६८ की फिल्म दुनिया से एक गीत जो
देव आनंद पर फिल्माया गया है. किशोर आशा के युगल
गीत आपको आर डी बर्मन और बप्पी लहरी के संगीत के
साथ ज्यादा मिलेंगे. देव आनंद के साथ वैजयंतीमाला हैं
जो देव आनंद के साथ एक और फिल्म में थीं-ज्वेल थीफ.



गीत के बोल:

दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही  अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही  अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है

ऐसी मिली दो निगाहें  मिलती है जैसे दो राहें
जागी ये उल्फ़त पुरानी  गाने लगी हैं फ़िज़ाएँ
प्यार की शहनाईयाँ बज गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है

एक डगर पे मिले हैं  हम-तुम दो हम-साये
ऐसा लगा तुमसे मिलकर  दिन बचपन के आए
वादियाँ उम्मीद की सज गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है
दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है

पहले कभी अजनबी थे  अब तो मेरी ज़िन्दगी हो
सपनों में देखा था जिसको  साथी पुराने तुम्ही हो
बस्तियाँ अरमान की बस गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है

दूरियाँ नज़दीकियाँ बन गईं  अजब इत्तिफ़ाक़ है
कह डालीं कितनी बातें अनकही  अजब इत्तिफ़ाक़ है
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Dooriyan nazdeekiyan ban gayi-Duniya 1968

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