Mar 14, 2016

समुन्दर में नहा के-पुकार १९८३

मुझसे दो तीन संगीत प्रेमियों ने पूछा-आप छोटी पोस्ट
क्यूँ लिखा करते हैं. सबसे पहले तो मैंने प्रति-प्रश्न किया
आप पाठक हैं या लेखक. उन तीनों में से एक लेखक था.
उस लेखक ने २ हिंदी फिल्मों पर किताबें लिखीं थीं और
तीसरी कतार में थी.

आइये जीनत अमान का एक गीत सुनें. जीनत अमान को
फ़िल्मी नायिका की छबि बदलने का श्रेय जाता है. छबि के
अलावा उन्होंने फैशन में भी बदलाव करा दिया. पारंपरिक
साडी पहने घरेलू सी दिखने वाली हिंदी फ़िल्मी नायिका को
उन्होंने नयी छबि दिखला दी.

अभिनेत्री रेखा द्वारा लिखी हुई जीनत अमान की संक्षिप्त जीवनी
मे एक सटीक टिप्पणी की हुई है जीनत अमान के बारे में
-"जीनत अमान ने सिनेमा में नारी के चित्रण में आमूल-चूल
परिवर्तन करा दिए ". ये बात काफ़ी हद तक सही है। इसके
अलावा भी कुछ है जिसका जिक्र हमें अवश्य करना चाहिए।
वो है फैशन में बदलाव. ५० के दशक की बड़ी बड़ी आँखों
वाली सुंदरी नलिनी जयवंत को हिंदी सिनेमा की पहली फैशन
क्वीन कहा जाता है तो जीनत हैं दूसरी फैशन क्वीन. इस बात
पर कुछ लोग असहमत हो सकते हैं और शर्मीला टैगोर का
नाम ले सकते हैं. नलिनी की तरह ही जीनत अमान भी अपनी
स्क्रीन प्रेसेंस के लिए जानी जाती थीं. ये बात अलग है नलिनी
का भीने जीनत से बेहतर हुआ करता था.

उसके अलावा बॉलीवुड में बदलाव लाने वाली अभिनेत्रियाँ बहुत
कम हैं। यूँ कहें अभिनेत्रियों को मौका कम मिला और नायिका
प्रधान फ़िल्में कम बनीं-मदर इण्डिया जैसी.  नई पीड़ी से
प्रिटी जिंटा एक नाम है जिसने बॉलीवुड में अलग ही अपनी
पहचान बनाई. आई पी एल में भी उन्होंने प्रसिद्धि पायी जितनी
कि जुही चावला या शिल्प शेट्टी को नहीं मिली. 

अगर आपको पोस्ट पसंद आई है तो अपनी टिप्पणी अवश्य
छोड़ें.

गीत है फिल्म पुकार से जिसमें वे अमिताभ बच्चन की नायिका
हैं. प्रस्तुत गीत में नायिका के सौंदर्य का वर्णन है. गीत गुलशन
बावरा ने लिखा है और इसकी तर्ज़ बनाई है राहुल देव बर्मन ने
जिन्होंने इसे गाया भी है. गीत काफी चर्चित हुआ था अपने समय
में. फिल्म के निर्देशक रमेश बहल हैं.



गीत के बोल:

ऐ जूली, जूली
समुन्दर में नहा के और भी नमकीन हो गयी हो
समुन्दर में नहा के और भी नमकीन हो गयी हो
लगा है प्यार का वो रंग
अरे लगा है प्यार का वो रंग
के रंगीन हो गयी हो हो हो हो हो
समुन्दर में नहा के और भी नमकीन हो गयी हो

देखा तुझको तो दिल में आया देखता ही रहूँ
भीगे भीगे बदन को तेरे खिलता कमल कहूँ
देखा तुझको तो दिल में आया देखता ही रहूँ
भीगे भीगे बदन को तेरे खिलता कमल कहूँ
मेरी नज़र की तुम भी
अरे मेरी नज़र की तुम भी
शौक़ीन हो गयी हो हो हो हो हो
समुन्दर में नहा के और भी नमकीन हो गयी हो

हँसती हो तो दिल की धडकन हो जाए और जवान
चलती हो लहर के तो दिल में उठे तूफ़ान
हँसती हो तो दिल की धडकन हो जाए और जवान
चलती हो लहर के तो दिल में उठे तूफ़ान
पहले थी बेहतर अब तो
अरे पहले थी बेहतर अब तो
बेहतरीन हो गयी हो हो हो हो हो
समुन्दर में नहा के और भी नमकीन हो गयी हो
लगा है प्यार का वो रंग
अरे लगा है प्यार का वो रंग
के रंगीन हो गयी हो हो हो हो हो
समुन्दर में नहा के और भी नमकीन हो गयी हो
……………………………………………………..
Samundar mein naha ke-Pukar 1983

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