धाक धूक होये-इंग्लिश विन्ग्लिश २०१२
तैयार करते थे. हिंदी फिल्म संगीत ने उस शैली को अपना लिया.
थोडा सा रैप, थोडा सा सुगम संगीत, थोड़ी सी गज़ल, काफी सारी
कव्वाली सब को घोंट घांट के नए ज़माने का गीत बन जाता है.
कुछ कसर बाकी रह जाए तो अंग्रेजी धुन का तडका लगा दो.
ऊंचे सुर में गाना, अलसाए स्वर में गाना, नाक से आवाज़ निकालना
आजकल की शान है. संगीत प्रतियोगिताएं ने मूल प्रतिभाएं कम
दी हैं बल्कि वर्त्तमान गायकों के क्लोन ही दिए हैं. आप १० गायकों
से एक गीत गवा लो, पहचानना मुश्किल हो जायेगा कौन सी लाइन
किसने गायी है. मानव शरीर में बहुत सारे छिद्र हैं इसका मतलब ये
तो नहीं कहीं से भी आवाज़ निकाली जाए.
वैसे इस दौर में एक परिवर्तन आया है, एक संगीतकार जो नाक
से आवाज़ निकालने के सिद्धहस्त माने जाते थे उन्होंने थोडा मुंह से
भी आवाज़ निकालना शुरू किया है जो अच्छा लक्षण है. या तो टीका
टिपण्णी की वजह से या फिर उनके भी क्लोन निकल आये थे इस
वजह से उनकी गाडी पटरी पर आना शुरू हो गयी.
प्रस्तुत गीत स्वानंद किरकिरे का लिखा हुआ है जो इस पीढ़ी के लीडिंग
गीतकार हैं और इसे गाया और संगीतबद्ध किया अमित त्रिवेदी ने.
संगीतकार पहले भी गीत गाते रहे हैं और पहले के समय के संगीतकार
सबसे बेहतर धुन चुन के गाया करते थे. इस थ्योरी के लिहाज़ से
हम इसे सबसे बढ़िया धुन मान सकते हैं फिल्म के साउंड ट्रैक की.
गीत के बोल:
पिया बिन दिल लगे ना
एक पल को मन मा लागे ठेस
कैसे जाऊं मैं पराये देस
पिया मोरे निठुरा, पिया न समझे
मन का ये संदेस
कैसे जाऊं मैं पराये देस
जियरा जियरा
जियरा धाक धूक होये
खामखां खामखां
खामखां धाक धूक होए
जियरा धाक धूक होये
कभी दिल धड़के बाईं आँख फड़के
तु न हमें भूल जाए रे
तुझे दिल जाने पूरा पहचाने
नैना ये फिसल ना जाए रे
सहमी सी पलकें, मोती एक छलके
के तेरा ज़िक्र जब भी आये
थोड़ी फ़िक्र छू के जाए
हाय होये हाय
जियरा धाक धूक होये
ये दिन रातें, तीखी तेरी बातें
क्या करे जो याद आये रे
तेरे ताने-बाने छूने के बहाने
दिल को बड़ा सताए रे
क्यों न हमें रोके एक बार टोके
के तेरा ज़िक्र जब भी आये
थोड़ी फ़िक्र छू के जाए
हाय होये हाय
जियरा धाक धूक होये
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Dhaak dhook hoye-English Vinglish 2012
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