कागज़ के दो ....मोन्टा रे-लुटेरा २०१३
संबोधन जैसा है. ओ साथी रे, सैयां रे, अरे, रामा रे. इस दिशा
में एक कदम बढ़ाते हुए गीतकार ने लिखा-मोंटा रे. नई पीढ़ी
के गायक, गीतकार और संगीतकार का आउटपुट है यह गीत,
फिल्म लुटेरा से, जो सन २०१३ की एक फिल्म है.
गीत की एक विशेषता है इसे दो गीतकारों ने मिल के गाया है.
स्वानंद किरकिरे और अमिताभ भट्टाचार्य ने. गीत को लिखा है
अमिताभ भट्टाचार्य ने. सोनाक्षी सिन्हा और रणवीर सिंह आपको
परदे पर दिखलाई देंगे.
गीत के बोल:
कागज़ के दो पंख ले के उड़ा चला जाए रे
जहाँ नहीं जाना था ये वहीँ चला हाय रे
उमर का ये ताना-बाना समझ ना पाए रे
जुबां पे जो मोह-माया नमक लगाये रे
के देखे ना भाले ना जाने ना दाये रे
दिशा हारा कैमोन बोका मोन्टा रे
कागज़ के दो पंख ले के उड़ा चला जाए रे
जहाँ नहीं जाना था ये वहीँ चला हाय रे
उमर का ये ताना-बाना समझ ना पाए रे
जुबां पे जो मोह-माया नमक लगाये रे
के देखे ना भाले ना जाने ना दाये रे
दिशा हारा कैमोन बोका मोन्टा रे
धि ता ना धि ता ना धि ता ना
फ़तेह करे किले सारे भेद जाए दीवारें
प्रेम कोई सेंध लागे
अगर मगर बारी बारी जिया को यूँ उछाले
जिया नहीं गेंद लागे
माटी को ये चंदन सा माथे पे सजाये रे
जुबां पे जो मोह-माया नमक लगाये रे
के देखे ना भाले ना जाने ना दाये रे
दिशा हारा कैमोन बोका मोन्टा रे
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Kagazke do pankh…Monta re-Lootera 2013
Artists-Sonakshi Sinha, Ranveer Singh
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