दिल का मिज़ाज इश्किया- डेढ़ इश्किया २०१४
हैं निर्देशक ने. लगभग वेटरन कहलाने लगे नसीर और शायद
रिटायर चुकी माधुरी दीक्षित. नसीर की एक्टिंग की धार
तो अभी भी पैनी है मगर माधुरी समय के साथ साथ
एक्टिंग में थोडा डल हो चुकी हैं. अरशद वारसी जितना भी
कर सकते हैं अपना १०० परसेंट देने की कोशिश करते हैं.
गुलज़ार के लिखे बोल हैं, विशाल भारद्वाज का संगीत है और
राहत फतह अली ने इस गीत को गाया है.
गीत के बोल:
रुक रुक के कहते हैं
झुक झुक के रहते हैं
दिल का मिज़ाज इश्किया
तन्हां है लोगों में
लोगों में तन्हाई
दिल का मिज़ाज इश्किया
चोटें भी खाये और गुनगुनाये
ऐसा ही था ये ऐसा ही है ये
मस्ती में रहता है
मस्ताना सौदाई
दिल का मिज़ाज इश्किया
शर्मीला शर्मीला परदे में रहता है
दर्दों के झोंके भी चुपके से सहता है
निकलता नहीं है गली से कभी
निकल जाये तो दिल भटक जाता है
अरे बच्चा है आखिर बहक जाता है
ख्वाबों में रहता है
बचपन से हरजाई
दिल का मिज़ाज इश्किया
गुस्से में बल खाना गैरों से जल जाना
मुश्किल में आये तो वादों से टल जाना
उलझने की इसको यूँ आदत नहीं
मगर बेवफाई शराफत नहीं
ये जज़बाती हो के छलक जाता है
इश्क में होती है
थोड़ी सी गरमाई
दिल का मिज़ाज इश्किया
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Dil ka mijaaj-Dedh Ishqiya 2014
Artists: Naseeruddin Shah, Madhuri Dixit
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