हम तुझसे मोहब्बत कर के-आवारा १९५१
में. हसरत का लिखा यह गीत ज़बरदस्त पॉपुलैरिटी के
मुकाम पर पहुंचा. लाजवाब और सरल धुन है इसकी जिसे
कोई भी आसानी से गुनगुना सकता है.
कन्फ्युजियाने वाला गीत है-रोते भी रहे हँसते भी रहे. जब
दिमाग पशोपेश में हो तब हाँ-ना दोनों तरह के विचार आते
हैं. बादल को आवारा बतलाते हुए इसमें फिल्म का नाम
भी आ गया है.
गीत दर्दीला है मगर इसे एक पत्नी पीढित पति को मैंने गाते
सुना है-रोते भी रहे, धोते भी रहे, जो कपडे धोते धोते इसे
गुनगुनाया करता था.
गीत के बोल:
हम तुझसे मुहब्बत कर के सनम
हम तुझसे मुहब्बत कर के सनम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
खुश हो के सहें उल्फत के सितम
खुश हो के सहें उल्फत के सितम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
है दिल की लगी क्या तुझको खबर
इक दर्द उठा थर्रायी नज़र
है दिल की लगी क्या तुझको खबर
इक दर्द उठा थर्रायी नज़र
थर्रायी नज़र
खामोश थे हम इस ग़म की क़सम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
ये दिल जो जला इक आग लगी
आँसू जो बहे बरसात हुई
ये दिल जो जला इक आग लगी
आँसू जो बहे बरसात हुई
बरसात हुई
बादल की तरह आवारा थे हम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
हम तुझसे मुहब्बत कर के सनम
हम तुझसे मुहब्बत कर के सनम
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
रोते भी रहे, हँसते भी रहे
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Ham tujhse mohabbat kar ke sanam-Awara 1951
Artist-Raj Kapoor
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