Jul 5, 2016

यादें याद आती हैं-यादें २००१

वाकई आती हैं, सन २००१ की फिल्म ‘यादें’ की यादें. अब तो
गीत ही मिल जाते हैं सुनने को कभी कभी. सुनने की एक वजह
आनंद बक्षी के लिखे बोल भी हैं. आखिर कोहम भी ब्रांड-काँशस
हैं थोड़े से. पुराने ज़माने के सामान के शौक़ीन.

सन २००० के बाद शो-मेन इत्यादि शब्द कहीं खोना शुरू हो
गए. बड़े बड़े निर्देशकों के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बॉक्स ऑफिस
पर धराशायी होते देखे गए. एक बात अच्छी रही नयी पीढ़ी
को आगे कर के निर्माता निर्देशकों ने समय की मांग के साथ
समझौता कर लिया. परिवर्तन तीव्र गति से हुआ और २००५
यानि कि दशक के आधा होने तक कई नए चेहरे अभिनय,
निर्देशन, निर्माण, संगीत, गायन के क्षेत्र में दिखलाई देने लगे.

गानों की रिपीट वैल्यू को शायद दरकिनार कर दिया गया.
तुरत फुरत संगीत के कॉपीराईट बेचो, मुनाफा कमाओ और
भूल जाओ. गुणवत्ता के नए पैमाने बन गए. इसे यूँ ही कहना
उचित होगा क्यूंकि हर पीढ़ी की अपनी पसंद होती है. आज
का नन्हा बच्चा भी लूप और बीट वाले संगीत पर थिरकता है.

हाँ, २००० से २०१० के बीच गानों की कालर ट्यून का क्रेज
कुछ ज्यादा था. कम्प्यूटर नाम के उपकरण से काफी मदद
मिली जनता को. धीरे धीरे म्युज़िक सिस्टम लोगों के घर
से गायब होना शुरू हो गए. सब कुछ मोबाइल नामक यन्त्र
के अंदर समाने लगा.



गीत के बोल:

नगमे हैं शिकवे हैं किस्से हैं बातें हैं
बातें भूल जाती हैं यादें याद आती हैं
ये यादें किसी दिल-ओ-जानम के
चले जाने के बाद आती हैं
यादें यादें यादें

सा ग रे ग सा रे नि सा सा सा
सा ग रे ग सा रे नि सा सा सा
सा प म प म प ग म ग
सा प म प म प ग म म प
सा ग रे ग सा रे नि सा सा सा

ये जीवन दिल जानी दरिया का है पानी
पानी तो बह जाए बाकी क्या रह जाए
यादें यादें यादें

दुनिया में यूं आना दुनिया से यूं जाना
आओ तो ले आना जाओ तो दे जाना
यादें यादें यादें
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Yadein aati hain-Yadein 2001

Artist: Hritik Roshan

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