Aug 17, 2016

आँखों पे भरोसा मत कर-डिटेक्टिव १९५८

एक दर्शनवादी गीत सुनते हैं आज. शैलेंद्र की कलम से निकला
ये गीत एक मधुर धुन में बंधा हुआ है. स्क्रीन पर जो सितारे
आप देख्नेगे वे हैं-प्रदीप कुमर, माला सिन्हा और एक छोटा बच्चा
जिसका नाम डेज़ी ईरानी है. हिंदी फिल्म संसार के सबसे क्यूट
बच्चों में उनकी गिनती होती है.

गीत के संगीतकार हैं मुकुल रॉय जो गायिका गीता दत्त के भाई
हैं. कम जाने पहचाने संगीतकारों में मुकुल रॉय का नाम आता
है मगर ये गीत काफी लोकप्रिय है.

इस गीत को सुनने के बाद मुझे एक श्रेणी बनाने के शौक़ीन
ब्लॉग लेखक याद आ गए. कुछ श्रेणियाँ जो मुझे तुरंत सूझी
हैं वे हैं-काला चश्मा गीत, टोपी गीत, एक आदमी एक बच्चा
गीत, रंग बिरंगा छाता गीत, जहाज़ गीत, जहाज़ की सफ़ाई
गीत और माउथ ओरगन गीत.



गीत के बोल:

आँखों पे भरोसा मत कर
दुनिया जादू का खेल है
हर चीज़ यहाँ पे धोखा
हर चीज़ यहाँ पे मेल है
आँखों पे भरोसा मत कर
दुनिया जादू का खेल है
हर चीज़ यहाँ पे धोखा
हर चीज़ यहाँ पे मेल है

ओ मतवाले हँस ले गा ले
ले जीने का मज़ा
इस दुनिया की भीड़ में
मेरी तरह नन्हा बन जा
ओ मतवाले हँस ले गा ले
ले जीने का मज़ा
इस दुनिया की भीड़ में
मेरी तरह नन्हा बन जा 


आँखों पे भरोसा मत कर
दुनिया जादू का खेल है
हर चीज़ यहाँ पे धोखा
हर चीज़ यहाँ पे मेल है
आँखों पे भरोसा मत कर

कहने को तो सब कहते हैं
इस बात में क्या रखा है
पर ये तो कोई बतलाये
के सच्चा है क्या झूठा है
कहने को तो सब कहते हैं
इस बात में क्या रखा है
पर ये तो कोई बतलाये
के सच्चा है क्या झूठा है

हम दीवाने बस ये जानें
जो कुछ है तो अच्छा है
हम दीवाने बस ये जानें
जो कुछ है तो अच्छा है

आँखों पे भरोसा मत कर
दुनिया जादू का खेल है
हर चीज़ यहाँ पे धोखा
हर चीज़ यहाँ पे मेल है

इस राह के हम सब राही
पहचान है ये पल भर की
कल तो जुदा कर देगी
हमको लहर इस जीवन की
इस राह के हम सब राही
पहचान है ये पल भर की
कल तो जुदा कर देगी
हमको लहर इस जीवन की

जीने वाले जी बहला ले
कल को तेरे हर पल की
जीने वाले जी बहला ले
कल को तेरे हर पल की

आँखों पे भरोसा मत कर
दुनिया जादू का खेल है
हर चीज़ यहाँ पे धोखा
हर चीज़ यहाँ पे मेल है

ओ मतवाले हँस ले गा ले
ले जीने का मज़ा
इस दुनिया की भीड़ में
मेरी तरह नन्हा बन जा

आँखों पे भरोसा मत कर
दुनिया जादू का खेल है
हर चीज़ यहाँ पे धोखा
हर चीज़ यहाँ पे मेल है
आँखों पे भरोसा मत कर
............................................................
Ankhon pe bharosa mat kar-Detective 1958

Artists:Pradeep Kumar, Daisy Irani, Mala Sinha

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