Aug 23, 2016

घिर घिर आये बदरवा कारे २-डाक बाबू १९५४

आज सुनिए तलत महमूद का गाया एक दुर्लभ एकल गीत. ये
दुर्लभ इसलिए भी है कि तलत महमूद के साथ पंडित धनीराम
के संगीत में कम गीत हैं.

फिल्म के प्रमुख पात्र हैं तलत महमूद और नादिरा. फिल्म में
उनके साथ कुलदीप कौर, यशोधरा काटजू और मनमोहन कृष्ण
भी मौजूद हैं. लेखराज भाखरी इसके निर्देशक हैं जिन्होंने जुबली
पिक्चर्स के लिए इसका निर्देशन किया.

घिर घिर बदरवा हिट्स से आपको फिल्म का एक गीत सुनवाया
था पहले मुबारक बेगम और तलत का गाया हुआ.



गीत के बोल:

घिर घिर आये बदरवा कारे
घिर घिर आये बदरवा कारे
रंग भरे रस भरे प्यारे प्यारे
रंग भरे रस भरे प्यारे प्यारे
घिर घिर आये बदरवा कारे
घिर घिर आये बदरवा कारे

चली नशे में चूर हवाएं
मस्ती से भरपूर हवाएं
चली नशे में चूर हवाएं
मस्ती से भरपूर हवाएं

मचल मचल कर बिजली चमके
मचल मचल कर बिजली चमके
ज्यों नैना मतवारे

घिर घिर आये बदरवा कारे

चारों ओर है खुशी का मेला
रहा ना जाये आज अकेला
चारों ओर है खुशी का मेला
रहा ना जाये आज अकेला
बार बार मेरा मन सूना
बार बार मेरा मन सूना
किसको आज पुकारे

घिर घिर आये बदरवा कारे
घिर घिर आये बदरवा कारे
……………………………………………………………………
Ghir ghir aaye badarwa 2-Dak Babu 1954

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP