जैसे बंजारे को घर-एक विलन २०१४
नबे लिखा और स्वरबद्ध किया है. इसे गाने का काम उन्होंने
सौंपा मोहम्मद इरफ़ान को.
सिद्धार्थ मल्होत्रा और श्रद्धा कपूर पर इसे फिल्माया गया है.
गीत आज के लिहाज से मधुर और सुनने लायक है. हमारी
पीढ़ी के लोग भी कभी कभार इसे सुन सकते हैं.
गीत का मुखडा क्या है उससे हमें क्या लेना देना बस समझ
आना चाहिए ना. आजकल बंजारा शब्द ज्यादा चलन में है.
गीत के बोल:
जिसे जिंदगी ढूंढ रही है
क्या ये वो मुकाम मेरा है
यहाँ चैन से बस रुक जाऊं
क्यूँ दिल ये मुझे कहता है
जज्बात नए से मिले हैं
जाने क्या असर सा हुआ है
एक आस मिली फिर मुझको
जो कबूल किसी ने किया है
हाँ किसी शायर की गज़ल ड्रीमगर्ल
किसी शायर की गज़ल
जो दे रूह को सुकून के पल
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
नए मौसम की सहर
या सर्दी में दोपहर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
जैसे कोई किनारा
देता हो सहारा
मुझे वो मिला किसी मोड पर
कोई रात का तारा
करता हो इशारा
वैसे ही रौशन करे वो शहर
दर्द मेरे वो भुला ही गया
कुछ ऐसा असर हुआ
जीना मुझे फिर से वो सिखा गया
जैसे बारिश कर दे तर
ये मर्हाम दर्द पर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
नए मौसम की सहर
या सर्दी में दोपहर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
मुस्कुराता ये चेहरा
देता है जो पहरा
जाने छुपाता क्या दिल का समंदर
औरों को टीओ हरदम साया देता है
वो धुप में है खड़ा खुद मगर
लगी है उसे चोट
फिर क्यूँ महसूस मुझे हो रहा
दिल तू बता दे
क्या है इरादा तेरा
मैं परिंदा बेसबर
था उड़ा जो दर-बदर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
नए मौसम की सहर
या सर्दी में दोपहर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
कोई मुझको यूँ मिला है
जैसे बंजारे को घर
जैसे बंजारे को घर
जैसे बंजारे को घर
जैसे बंजारे को घर
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Jaise banjaare ko ghar-Em villain 2014
Artists: Sidharth Malhotra, Shraddha Kapoor
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