रंग बिरंगी राखी ले के-अनपढ़ १९६२
सभी भाई बहन बेसब्री से इंतज़ार करते हैं. राखी अथवा रक्षा सूत्र
बाँधने का सिलसिला बहुत पुराना है. धार्मिक ग्रंथों में इसका उल्लेख
मिलता है. श्रावण महीने की पूर्णिमा को ये मनाया जाता है.
आइये इस अवसर पर सुनें फिल्म अनपढ़ से एक गीत जो माला सिन्हा
पर फिल्माया गया है. लता ने इसे गाया है. राजा मेहँदी अली खान के
बोल हैं और मदन मोहन का संगीत है.
गीत के बोल:
रंग-बिरंगी राखी ले के आई बहना
हो ओ ओ राखी बँधवा ले मेरे वीर
हो ओ ओ ओ राखी बँधवा ले मेरे वीर
रंग-बिरंगी राखी ले के आई बहना
हो ओ ओ राखी बँधवा ले मेरे वीर
बँधवा ले रे चंदा राखी बँधवा ले मेरे वीर
मैं ना चाँदी ना सोने के हार माँगूँ
मैं ना चाँदी भैया ना सोने के हार माँगूँ
मैं ना चाँदी ना सोने के हार माँगूँ
अपने भईया का थोड़ा सा प्यार माँगूँ
थोड़ा सा प्यार माँगूँ सोना हज़ार माँगूँ
इस राखी में प्यार छुपा ले लाई बहना
हो ओ राखी बँधवाले मेरे वीर
बँधवा ले रे बन्ना राखी बँधवा ले मेरे वीर
नीले अम्बर से तारे उतार लाऊँ
नीले अम्बर से भैया तारे उतार लाऊँ
हो ओ नीले अम्बर से तारे उतार लाऊँ
या मैं चँदा की किरणों के हार लाऊँ
किरणों के हार लाऊँ हंस के बहार लाऊं
प्यार के बदले बन बन के लहराई बहना
हो ओ राखी बँधवाले मेरे वीर
बँधवा ले रे चंदा राखी बँधवा ले मेरे वीर
कभी भईया ये बहना न पास होगी
कभी भईया तेरे ये बहना न पास होगी
कभी भईया ये बहना न पास होगी
कहीं परदेस बैठी उदास होगी
बहना उदास होगी मिलने की आस होगी
जाने कौन बिछड़ जाए कब भाई-बहना
हो ओ ओ राखी बँधवाले मेरे वीर
बँधवा ले रे चंदा राखी बँधवा ले मेरे वीर
रंग-बिरंगी राखी ले के आई बहना
हो ओ ओ राखी बँधवा ले मेरे वीर
बँधवा ले रे चंदा राखी बँधवा ले मेरे वीर
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Rakhi bandhwa le mere veer-Anpadh 1962
Artists: Mala Sinha
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