फिर मुझे दीद-ए-तर याद-मिर्ज़ा ग़ालिब १९५४
मगर सोहराब मोदी ने मिनर्वा मूवीटोन के लिए ये फिल्म बना
डाली. भारत भूषण ने मिर्ज़ा की भूमिका निभाई.
ये शायद एक अनूठी बात है कि गीतकार और फिल्म का नाम एक
ही है. हुई एक टैग की बचत. गीत में शायद ३ मिनट वाले फार्मूले
के तहत कुछ शेर शामिल नहीं किये गए हैं. इस गज़ल को काफी
सारे फनकारों ने गाया है. हम केवल मेहँदी हसन का लिंक साथ
में दे रहे हैं.
तलत महमूद वाला फ़िल्मी वर्ज़न
मेहँदी हसन वाला वर्ज़न
गीत के बोल:
फिर मुझे दीद-ए-तर याद आया
दिल जिगर तिश्न-ए-फ़रियाद आया
फिर मुझे दीद-ए-तर याद आया
दम लिया था न क़यामत ने हनूज़
दम लिया था न क़यामत ने हनूज़
फिर तेरा वक़्त-ए-सफ़र याद आया
फिर मुझे दीद-ए-तर याद आया
ज़िन्दगी यूँ भी गुज़र ही जाती
ज़िन्दगी यूँ भी गुज़र ही जाती
क्यूँ तेरा राहगुज़र याद आया
फिर मुझे दीद-ए-तर याद आया
फिर तेरे कूचे को जाता है ख़याल
फिर तेरे कूचे को जाता है ख़याल
दिल-ए-गुम-गश्ता मगर याद आया
फिर मुझे दीद-ए-तर याद आया
दीद-ए-तर:-डबडबाई ऑंखें
तिश्न-ए-फ़रियाद:-विनम्र निवेदन
हनूज़-अभी तक
राहगुज़र-यात्री
दिल-ए-गुम-गश्ता:-खोया हुआ दिल
…………………………………………………
Fir mujhe deeda-e-tar yaad aaya-Mirza Ghalib 1954
Artist: Bharat Bhushan
0 comments:
Post a Comment