आँखें भी होती है-हासिल २००३
है. कुछ तो है, उनके गाये गीत और गाय्कों से ज्यादा लोकप्रिय
होते हैं.
आज औंते हैं सन २००३ की फिल्म हासिल से एक मधुर गीत जिसे
लिखा है इसरार अंसारी ने और धुन है जतिन ललित की. गीत को
फिल्माया गया है जिमी शेरगिल और ऋषिता भट्ट पर. फिल्म का
निर्देशन किया है तिग्मांशु धूलिया ने.
हासिल फिल्म के गीत कई गीतकारों ने लिखे हैं. कई नए नाम है
मगर फिल्म के गीत सुनने लायक हैं. गायक भी ढेर सारे हैं जिनमें
अभिजीत और उदित नारायण केवल रेगुलर गायक हैं उस समय के
हिसाब से.
गीत के बोल:
आँखें भी होती है दिल की जुबां
आँखें भी होती है दिल की जुबां
बिन बोले कर देती है
हालत ये पल में बयां
आँखें भी होती है दिल की जुबां
ख़ामोशी भी तो प्यार में
रखती बहुत ही असर है
कब इश्क हो जाये यहाँ
दिल को कहाँ ये खबर है
दो दिल के ये सिलसिले
छुप सके है कहाँ
आँखें भी होती है दिल की जुबां
आँखें भी होती है दिल की जुबां
नींद आये ना जब आँखों में
बढ़ने लगे बेकरारी
शबनम को भी छूने से जब
महसूस हो चिंगारी
तो ऐसा क्यूँ लगता है
एक है ज़मीन आसमान
आँखें भी होती है दिल की जुबां
आँखें भी होती है दिल की जुबां
बिन बोले कर देती है
हालत ये पल में बयां
बिन बोले कर देती है
हालत ये पल में बयां
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Aankhne bhi hoti hai-Haasil 2003
Artists: Jimmy Shergill, Hrishita Bhatt
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