Sep 21, 2016

एक दो तीन चार-जादू १९५१

गिनती वाले गीत काफी सुन चुके हैं आप. मेरा ख्याल है ये गीत
आपने शायद ही सुना हो. शाब्दिक उछल कूद आज के हिसाब से
बात करें तो इस गीत में मर्यादित है. उस समय के लिहाज से
ये समय के आगे वाला गीत सुनाई देता है.

फिल्म जादू के लिए इसे गाया है शमशाद संग कोरस ने. नौशाद
के संगीत और शकील के बोलों वाले जादू वाला गीत सुनिए और
आनंद उठाइए.



गीत के बोल:

एक दो तीन चार  पचाका चिका छुम
एक दो तीन चार  पचाका चिका छुम
एक दो तीन चार  पचाका चिका छुम
एक दो तीन चार  पचाका चिका छुम

रूप की दुश्मन पापी दुनिया मारे मोहे अखियाँ
हो मैं क्या जानूँ राम
मैं क्या जानूँ राम किसी के लोभी मन की बतियाँ
मारे अखियाँ पचाका चिका छुम
मारे अखियाँ पचाका चिका छुम

एक रूप के लाख पुजारी  गोरे काले हलके भारी
किसी को क्या मालूम लड़ी है किस बालम से आँख हमारी
लड़ी है किस बालम से आँख
ए जी हमसे
नहीं नहीं नहीं नहीं इनसे
लम्बी नाक है इनकी  आँखों पे तिशमा सवार है
का हमसे
अरे नहीं नहीं नहीं नहीं इनसे
सूखे गाल हैं इनके  सूरत भी काला बुखार है
सूरत भी काला बुखार है
ओ जी गोरी हमसे  ओह हो
अरे छी छी छी

मैं क्या जानूँ राम किसी के लोभी मन की बतियाँ
मारे अखियाँ पचाका चिका छुम
मारे अखियाँ पचाका चिका छुम
रूप की दुश्मन पापी दुनिया मारे मोहे अखियाँ
हो मैं क्या जानूँ राम

छैल-छबीला है बाँका बालम हो
बनी हूँ मैं जिनकी दीवानी
पिया ही जाने भेद जिया का
किसको सुनाऊँ प्यार की बानी किसको सुनाऊँ मैं
अजी हमको
नहीं नहीं नहीं नहीं उनको
भेंगी आँख है जिनकी  मूछों पर छाई बहार है
का हमको
अरे नहीं नहीं नहीं नहीं अरे उनको
मुखड़ा चाँद है जिनका  नैनों में जिनके ख़ुमार है
नैनों में जिनके ख़ुमार है
कौन वो सिपहिया और हम
अरे जा जा जा
   
मैं क्या जानूँ राम किसी के लोभी मन की बतियाँ
मारे अखियाँ पचाका चिका छुम
मारे अखियाँ
रूप की दुश्मन पापी दुनिया मारे मोहे अखियाँ
हो मैं क्या जानूँ राम
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Ek do teen chaar-Jadoo 1951

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