बदली तेरी नज़र-बड़ी बहू १९५१
करती थी ऐसा पुराने संगीत के रसिकों का मानना है. कोई
आवाज़ की कांसे की खनक से तुलना करता तो कोई कोयल
की बोली से.
सबके अपने अपने डिस्क्रिप्शन हैं, लेकिन एक बात कॉमन है
वो है गीतों को पसंद करने वाली बात. वोइस क्वालिटी की
बात की जाए तो निस्संदेह उस समय के गीत सबसे बेहतर
सुनाई देते हैं.
आज सुनते हैं प्रेम धवन का लिखा और अनिल बिश्वास के
संगीत से सजा गीत फिल्म बड़ी बहू से.
गीत के बोल:
बदली तेरी नज़र तो नज़ारे बदल गए
वो चाँदनी वो चाँद सितारे बदल गए
बदली तेरी नज़र तो नज़ारे
लहरों से पूछ लीजिए साहिल भी है गवाह
लहरों से पूछ लीजिए साहिल भी है गवाह
साहिल भी है गवाह
कश्ती मेरी डुबो के वो धारे बदल गए
कश्ती मेरी डुबो के वो धारे
वो ख़्वाब वो ख़याल वो अरमाँ वो हसरतें
वो अरमाँ वो हसरतें
बदले जो तुम तो सारे के सारे बदल गए
बदले जो तुम तो सारे के सारे
मैं भी वही हूँ मेरी वफ़ाएँ भी हैं वहीं
वफ़ाएँ भी हैं वहीं
फिर क्यूँ तेरी नज़र के इशारे बदल गए
फिर क्यूँ तेरी नज़र के इशारे बदल गए
वो चाँदनी वो चाँद सितारे बदल गए
बदली तेरी नज़र
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Badli teri nazar-Badi bahu 1951
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