Sep 19, 2016

जब जब बहार आई १-तकदीर १९६७

आनंद बक्षी का लिखा और रफ़ी का गया एक संजीदा गीत सुनते
हैं फिल्म तकदीर से. गीत ३ वर्ज़न में फिल्म में मौजूद है. गीत
अपनी धुन की वजह से ख़ासा लोकप्रिय है. लक्ष्मी प्यारे ने इसका
संगीत तैयार किया है.

पिछला गीत हमने आपको सन १९६७ की फिल्म नौनिहाल से
सुनवाया था. फिल्म तकदीर भी सन १९६७ की एक फिल्म है.
परदे पर भारत भूषण इस गीत को गा रहे हैं और उनके साथ
शालिनी नामक अभिनेत्री है. तीन बच्चे भी हैं गीत में जिनमें
से एक वोंईलिन बजा रहा है.



गीत के बोल:

जब जब बहार आई और फूल मुस्कुराये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये
जब जब बहार आई और फूल मुस्कुराये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये
जब जब भी चाँद निकला और तारे जगमगाये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये

अपना कोई तराना मैंने नहीं बनाया
अपना कोई तराना मैंने नहीं बनाया
तुमने मेरे लबों पे हर एक सुर सजाया
जब जब मेरे तराने दुनिया ने गुनगुनाये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये

एक प्यार और वफ़ा की तस्वीर मानता हूँ
एक प्यार और वफ़ा की तस्वीर मानता हूँ
तस्वीर क्या तुम्हे मैं तकदीर मानता हूँ
देखी नज़र ने खुशियां या देखे ग़म के साये
मुझे तुम याद आये
मुझे तुम याद आये
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Jab jab bahar aayi-Taqdeer 1967

Artists: Bharat Bhushan, Shalini

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