तेरी गलियाँ-एक विलेन २०१४
संगीतकार अलग हैं-अंकित तिवारी, जिन्होंने इसे गाया भी
है. मनोज मुन्तशिर के लिखे बोलों को कुछ अलग से अंदाज़
में गाया है गायक ने. आजकल की गायकी के हिसाब से
ये गाना सटीक है. थोडा फ्लैंज़र अनावश्यक प्रयोग अखरता
है इस गीत में. बाकी, इस गीत में तबियत से बांसुरी के पीस
घुसेड़े गए हैं जो इसे थोडा आकर्षक बनाते हैं.
सोलो वाईलिन भी बीच बीच में सुनने वाले की तन्द्रा भंग
करती चलती है. अच्छा (कन)फ्यूज़न है संगीत का इस गीत
में. कहा जाता था किसी समय संगीतकार सबसे बेहतर चुन
लेता है अपने गाने के लिए. अगर किसी फिल्म में संगीतकार
का एक ही गीत हो तो हम तय कैसे करेंगे कि धुन बेहतर
है या नहीं ?
गीत के बोल:
यहीं डूबे दिन मेरे
यहीं होते हैं सवेरे
यहीं मरना और जीना
यहीं मंदिर और मदीना
यहीं डूबे दिन मेरे
यहीं होते हैं सवेरे
यहीं मरना और जीना
यहीं मंदिर और मदीना
तेरी गलियाँ गलियाँ तेरी गलियाँ
मुझको भावें गलियाँ तेरी गलियाँ
तेरी गलियाँ गलियाँ तेरी गलियाँ
यूँ ही तड़पावें गलियाँ तेरी गलियाँ
तू मेरी नींदों मे सोता है
तू मेरे अश्क़ो में रोता है
सरगोशी सी है ख्यालों में
तू न हो फिर भी तू होता है
है सिला तू मेरे दर्द का
मेरे दिल की दुआयें हैं
तेरी गलियाँ गलियाँ तेरी गलियाँ
मुझको भावें गलियाँ तेरी गलियाँ
तेरी गलियाँ गलियाँ तेरी गलियाँ
यूँ ही तड़पावें गलियाँ तेरी गलियाँ
कैसा है रिश्ता तेरा मेरा
बेचेहरा फिर भी कितना गहरा
ये लम्हें लम्हें ये रेशम से
खो जायें खो ना जायें हमसे
काफिला वक़्त का रोक ले
अब्र से जुदा ना हो
तेरी गलियाँ गलियाँ तेरी गलियाँ
मुझको भावें गलियाँ तेरी गलियाँ
तेरी गलियाँ गलियाँ तेरी गलियाँ
यूँ ही तड़पावें गलियाँ तेरी गलियाँ
.....................................................................
Teri galiyan-Ek villain 2014
0 comments:
Post a Comment