Sep 16, 2016

नदियाँ चले चले रे धारा-सफ़र १९७०

७० के दशक के पूर्वार्ध में बनी फिल्मों में दार्शनिक, आशावादी
और प्रेरणादायी गीत शामिल किये जाते थे. हर फिल्म में तो
नहीं मगर हर तीसरी चौथी फिल्म में एक गीत ऐसा मिल जाता
था जिसमें कोई सन्देश होता था आम जनता के लिए.

फिल्म सफर में ये गीत नायक पर नहीं फिल्माया गया है. कहानी
के अनुसार गाने वाला नायक को गीत के माध्यम से एक सन्देश
दे रहा है. गौरतलब है जीवन के फलसफे पर नायक द्वारा भी
एक गीत गाया जाता है फिल्म में. इन्दीवर का लिखा गीत मन्ना डे
गा रहे हैं. संगीत कल्याणजी आनंदजी का है.



गीत के बोल:

नदिया चले चले रे धारा
चंदा चले चले रे तारा
तुझको चलना होगा
तुझको चलना होगा

जीवन कहीं भी ठहरता नहीं हैं
आँधी से तूफां से डरता नहीं हैं
तू ना चलेगा तो चल देंगी राहें
मंज़िल को तरसेगी तेरी निगाहें
तुझको चलना होगा
तुझको चलना होगा

पार हुआ वो रहा जो सफ़र में
जो भी रुका घिर गया वो भंवर में
नाव तो क्या बह जाये किनारा
बड़ी ही तेज समय की हैं धारा
तुझको चलना होगा
तुझको चलना होगा
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Nadiya chale chale re dhara-Safar 1970

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