Oct 19, 2016

आगरे से घाघरो मंगा दे-चोर मचाये शोर १९७४

फ़िल्मी गीत किसी चीज़ को लोकप्रिय बनाने में काफी मदद करते
हैं. पल्स पोलियो पर कोई गीत किसी फिल्म में शामिल होता तो
थोडा फायदा उस गीत के बहाने भी मिलता. बच्चों की लोरी तो
काफी बनी हैं कोई गीत टीका लगाने के रिमाइंडर जैसा भी बनाया
जा सकता है.

आज एक गीत सुनवाते हैं जो आगरा की एक विशेष चीज़ मांगने
के ऊपर केंद्रित है. आपको बतला दें आगरा दो चीज़ों के लिए प्रसिद्ध
है-पेठा जो खाने के काम आता है और चमड़े का सामान विशेषकर
जूते. आगरा कभी घाघरा या ओढनी के लिए फेमस रहा हो ऐसा
इतिहास टटोलने के बाद ही मालूम पड़ पायेगा. बहरहाल आगरा एक
बड़ी मंडी है पुराने समय से, इसलिए, वहाँ की कोई भी चीज़ प्रसिद्ध
होने के लिए एलिजिबल है चाहे वो जूता ही क्यूँ ना हो.

गीत गाया है आशा भोंसले ने. गीत व संगीत दोनों रवींद्र जैन के हैं.




गीत के बोल:

आगरे से घाघरो मंगा दे रसिया
के मैं तो मेला देखने जाऊंगी
आगरे से घाघरो मंगा दे रसिया
के मैं तो मेला देखने जाऊंगी
मेला देखने जाऊंगी रे
मैं तो मेला देखने जाऊंगी
मेला देखने जाऊंगी
मैं तो मेला देखने जाऊंगी
आगरे से घाघरो मंगा दे रसिया
के मैं तो मेला देखने जाऊंगी

घाघरे के ऊपर सैयां ताज की तस्वीर हो
घाघरे के ऊपर सैयां ताज की तस्वीर हो
किनारे किनारे बहता जमुना जी का नीर हो
जमुना जी में नैया हो हो ओ ओ ओ ओ
जमुना जी में नैया हो और तुझ जैसा खिवैया हो
मंगा दे रसिया के मैं तो मेला देखने जाऊंगी
आगरे से घाघरो मंगा दे रसिया
के मैं तो मेला देखने जाऊंगी

चंपा जाए चमेली जाए मैं कैसे रह जाऊंगी
चंपा जाए चमेली जाए मैं कैसे रह जाऊंगी
पटना के पास जलेबी बैठ सड़क पर खाऊँगी
मैं तो देखूं मेला मैं तो देखूं मेला
मैं तो देखूं मेला के दुनिया देखे मेरो घाघरो
मंगा दे रसिया के मैं तो मेला देखने जाऊंगी
आगरे से घाघरो मंगा दे रसिया
के मैं तो मेला देखने जाऊंगी
मेला देखने जाऊंगी रे
मैं तो मेला देखने जाऊंगी
मेला देखने जाऊंगी
मैं तो मेला देखने जाऊंगी
आगरे से घाघरो मंगा दे रसिया
के मैं तो मेला देखने जाऊंगी
...................................................................
Agre se ghaghra manga de rasiya-Chor machaye shor 1974

Artist: Mumtaz, Shashi Kapoor

1 comments:

स्वप्ना,  April 7, 2020 at 3:30 PM  

हिट है

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