बिगड़ी मेरी बना दे-माता भजन
के स्वरुप सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है. भक्तों और
साधकों को विभिन्न प्रकार के वर देने वाली माता उदार हैं
और भक्त की सभी प्रकार की कामनाएं पूरी करती हैं.
आज इस अवसर पर सुनते हैं एक माता भजन लक्खा का
गाया हुआ.
भजन के बोल:
सदा पापी से पापी को भी तुम
माँ भव-सिन्धु तारी हो
फंसी मझधार में नैया को भी
पल में उबारी हो
ना जाने कौन ऐसी भूल
मुझसे हो गयी मैया
तुमने अपने इस बालक को माँ
मन से बिसारी हो
बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया
बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया
ऐ शेरोंवाली मैया देवास वाली मैया
ऐ मेहरों वाली मैया ऐ खंडवा वाली मैया
अपना मुझे बना ले मेरी मैया
अपना मुझे बना लेऐ शेरोंवाली मैया
अपना मुझे बना ले ऐ मेहरों वाली मैया
बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया
बिगड़ी मेरी बना दे
दर्शन को मेरी अखियाँ,
कब से तरस रहीं हैं
सावन के जैसे झर झर
झर झर अखियाँ बरस रहीं हैं
दर पे मुझे बुला ले मेरी मैया
दर पे मुझे बुला ले ऐ शेरोंवाली मैया
दर पे मुझे बुला ले ऐ मेहरों वाली मैया
बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया
बिगड़ी मेरी बना दे
आते हैं तेरे दर पे
दुनिया के नर और नारी
सुनती हो सब की विनती
मेरी मैया शेरों वाली
मुझ को दरश दिखा दे मेरी मैया
मुझ को दरश दिखा दे ऐ शेरोंवाली मैया
मुझ को दरश दिखा दे ऐ मेहरों वाली मैया
बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया
बिगड़ी मेरी बना दे
बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया
बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली मैया
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Bigdi meri bana de-Mata bhajan
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