Oct 1, 2016

दुनिया एक कहानी रे भैया-अफसाना १९५१

सन १९५१ की फिल्म अफसाना से एक दर्शंनवादी गीत सुनते हैं जो
एक मेले में गाया जा रहा है. दुनिया के बारे में बतलाता ये गीत दो
हिस्सों में प्रकट होता है. गीत के अंत में बिछुडे हुओं को एक दूसरे
याद आ जाते हैं.

सरस्वती कुमार दीपक का लिखा हुआ गीत है जिसे रफ़ी ने गाया है.
आकर्षक धुन में बंधा ये गीत तैयार किया है हुस्नलाल भगतराम ने.
बी आर चोपड़ा की फिल्मों में आपको ऐसा एक आध गीत ज़रूर ही
मिलेगा, जीवन के किसी भी पहलू पर हो मगर मिलेगा ज़रूर. मेले
में इस गीत को कौन कलाकार गा रहा है उसे पहचानने में मेरी मदद
करें.



गीत के बोल:

दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
तूने कह दी मैंने कह दी दुनिया एक कहानी
इस दुनिया के मेले में कोई राजा कोई रानी
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी

इस मेले में हार जीत है और मेले का मेल
इस मेले में उड़न खटोले हाथी घोड़े रेल
कहीं हिंडोले कहीं तमाशे तरह तरह के खेल
इस मेले में पाना खोना जीवन बहता पानी रे भैया
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी

हरियल ले लो फरियल ले लो ले लो चन्दा तारा
आओ चुन्नू आओ मुन्नू
आओ चुन्नू आओ मुन्नू ले लो नया गुब्बारा
मुनिया रानी
मुनिया रानी हमें बता दो क्या है नाम तुम्हारा
कास कर डोर पकड़ना बिटिया मत करना नादानी
इस धागे में बंधी रहेगी तेरी प्रीत पुरानी रे भैया
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी

आई यहाँ कल कहाँ हमें ले जाएगी तकदीर
कौन कहे किसकी आँखों में कब भर आये नीर
एक बार जो खींची प्रीत की मिटती नहीं लकीर
एक बार जो खींची प्रीत की मिटती नहीं लकीर
भूल ना जाना भटक ना जाना माया आणि जानी रे भैया
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी

पार्ट २

दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
तूने कह दी मैंने कह दी दुनिया एक कहानी
इस दुनिया के मेले में कोई राजा कोई रानी
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी

दूर देश से पंछी आया
दूर देश से पंछी आया मिलता नहीं बसेरा
अभी तक उसकी आँखों में छाया हुआ अँधेरा
आंधी ने तिनके तिनकों को चारों ओर बखेरा
बनी हुई है एक अफसाना तेरी याद पुरानी रे भैया
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
दुनिया एक कहानी रे भैया दुनिया एक कहानी
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Duniya ek kahani re bhaiya-Afsana 1951

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