हमदम मेरे मान भी जाओ-मेरे सनम १९६५
से जिसे रफ़ी ने गाया है. विश्वजीत नामक नायक पर इसे
फिल्माया गया है. पुराने सयानों का मानना है कि इस गीत
पर कैसी भी एक्सरसाइज़ की जा सकती है !!
हिंदी फिल्मों के कॉस्ट्यूम हैरत अंगेज कर देने वाले लगते हैं
इसी तरीके की ड्रेस में विअल्यती फिल्मों में तलवारबाजी की
जाती रही है. यहाँ पर जनता ने हाथ में गिटार पकड़ रखा है.
अब आप इसे इनोवेशन कहें या इम्प्रोवाइजेशन ये आपके ऊपर
है.
गीत मजरूह सुल्तानपुरी का है और संगीत ओ पी नैयर का.
गीत के मध्य तक आपको पता नहीं चलता कि गीत किसी
होटल या क्लब जैसी जगह गाया जा रहा है. मेरे सनम फिल्म
के गीत काफी बजे हुए गीत हैं आपको बतला दें.
गीत के बोल:
हमदम मेरे मान भी जाओ
कहना मेरे प्यार का
अरे हल्का हल्का सुर्ख लबों पे
रंग तो है इक़रार का
अरे हमदम मेरे मान भी जाओ
कहना मेरे प्यार का
अरे हल्का हल्का सुर्ख लबों पे
रंग तो है इक़रार का
अरे हमदम मेरे
हाय प्यार मोहब्बत की हवा पहले चलती है
फिर इक लट इनकार की, रुख पे ढलती है
होए हाय प्यार मोहब्बत की हवा पहले चलती है
फिर इक लट इनकार की, रुख पे ढलती है
ये सच है कम से कम तो ए मेरे सनम
लटें चेहरे से सरकाओ तमन्ना आँखे मलती है
हाय हमदम मेरे मान भी जाओ
कहना मेरे प्यार का
अरे हल्का हल्का सुर्ख लबों पे
रंग तो है इक़रार का
अरे हमदम मेरे
हाय तुमसे मिल-मिल के सबा दुनिया महकाये
बादल ने चोरी किये आँचल के साये
हाय तुमसे मिल-मिल के सबा दुनिया महकाये
बादल ने चोरी किये आँचल के साये
ये सच है कम से कम तो ए मेरे सनम
चुरा लूं मैं भी दो जलवे मेरा अरमान भी रह जाये
हाय हमदम मेरे मान भी जाओ
कहना मेरे प्यार का
अरे हल्का हल्का सुर्ख लबों पे
रंग तो है इक़रार का
अरे हमदम मेरे
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Hamdam mere maan bhi jao-Mere sanam 1965
Artists: Biswajeet, Asha Parekh
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