नफ़रत की लाठी तोड़ो-देश प्रेमी १९८२
देशप्रेमी से. मोहम्मद रफ़ी ने इस गीत को गाया है. अमिताभ
पर फिल्माया गया गीत संगीत से संवारा है लक्ष्मी प्यारे ने.
इस फिल्म के गीत काफी लोकप्रिय थे अपने वक्त. फिल्म रिलीज़
के १० साल बाद भी इन्हें खूब सुना गया.
प्रस्तुत गीत देशभक्ति वाले त्योहारों के अवसर पर ज़रूर बजा
करता है. गीत में जिस गति से जनता का ह्रदय परिवर्तन होता
है काश वैसा ही वास्तविक जीवन में भी हो.
गीत के बोल:
नफ़रत की लाठी तोड़ो लालच का खंजर फेंको
ज़िद के पीछे मत दौड़ो तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियों
देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
नफ़रत की लाठी तोड़ो लालच का खंजर फेंको
ज़िद के पीछे मत दौड़ो तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मीठे पानी में ये ज़हर न तुम घोलो
जब भी कुछ बोलो ये सोच के तुम बोलो
भर जाता है गहरा घाव जो बनता है गोली से
पर वो घाव नहीं भरता जो बना हो कड़वी बोली से
दो मीठे बोल कहो
मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो ढेश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
देखो ये धरती हम सब की माता है
सोचो आपस में क्या अपना नाता है
हम आपस में लड़ बैठे
हम आपस में लड़ बैठे तो देश को कौन सम्भालेगा
कोई बाहर वाला अपने घर से हमें निकालेगा
दीवानों होश करो
मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
तोड़ो दीवारें ये चार दिशाओं की
रोको मत राहें इन मस्त हवाओं की
पूरब पश्चिम उत्तर दक्खिन वालों मेरा मतलब है
इस माटी से पूछो क्या भाषा क्या इसका मज़हब है
फिर मुझसे बात करो
मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
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Mere desh premiyon-Desh premi 1982
Artists: Amitabh Bachchan, Uttam Kumar, Shammi Kapoor, Parikshit Sahni, Premnath
7 comments:
शानदार बात कही गयी है गीत में
हाँ
हर शाख पे उल्लू बैठा है
अंजामे गुलिस्तां क्या होगा
शाख से मतलब ब्लॉग तो नहीं ?
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
आपको भी शर्मा जी.
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