जैसा देस वैसा भेस-देस परदेस १९७८
जाए. मनोज कुमार और देव आनंद से बेहतर देशभक्ति और
देश विदेश की बातें और किसने बेहतर की हैं भला !!
देव आनंद की उल्लेखनीय देशभक्ति फिल्म थी-प्रेम पुजारी.
वैसे कई सामाजिक मुद्दों पर देव आनंद ने फ़िल्में बनायीं
कुछ जनता के समझ में आयीं तो कुछ समय से आगे की
थीं जिन्हें आज के फिल्म समीक्षक क्रिटिकली ऐक्लैडम्ड जैसा
कुछ कहते हैं.
फिल्म विलायत में जा कर धन कमाने वालों की समस्याओं
पर केंद्रित है और इसमें कबूतरबाजी का जिक्र भी है. फिल्म
अपने संगीत की वजह से काफी लोकप्रिय हुई थी. नवोदित
अभिनेत्री टीना मुनीम भी इसकी प्रसिद्धि की एक वजह थीं.
श्रेणी प्रेमी इस गीत को ‘ऊह आह आउच’ हिट्स या ‘वाह वाह’
हिट्स श्रेणी में भी रख सकते हैं. उसके अलावा की श्रेणियाँ
अपने आप समझ में आने वाली हैं, अल-जेब्रा की श्रेणियों की
तरह.
गीत के बोल:
जैसे देस वैसा भेस फिर क्या डरना
ओ......हाय
जैसे देस वैसा भेस फिर क्या डरना
अरे छोडो रानी छोडो यूँ ही आहें भरना
अरे काहे की शर्म है कुडिये जल्दी करना
मैं नहीं करना यूँ नहीं बनना
मैं नहीं करना यूँ नहीं बनना
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
कैसी ये नगरिया कैसे हैं ये लोग
कैसे हैं ये लोग
हाय सबको लागा प्रभु बेशर्मी का रोग
अब तू ही बता भगवन मैं भी क्या करूं
मैं भी क्या करूं
मैं तो कुछ भी करने से ना जाने क्यूँ डरूं
घूंघटा खोलूं ना खोलूं ना खोलूं रे
अरे छोड़ दे नखरा अब तो गोरिये
अरे आया है मौका ले अब तू बन संवरना
अरे काहे की शर्म है कुडिये जल्दी कर ना
मैं नहीं करना यूँ नहीं बनना
मैं नहीं करना यूँ नहीं बनना
मन को ढँक ले गोरी तन का ढंकना है बेकार
ढंकना है बेकार
फूल न महके जब तक उसका खिलना है बेकार
अरे अक्सर ऐसा होता है पहली पहली बार
पहली पहली बार
आ मुझसे तू ले ले हिम्मत थोड़ी सी उधार
झूठ बोलूं ना बोलूं ना बोलूं बोलूं रे
अरे गिर न जाऊं मैं तो कमसिन रे आउच
अरे हाथों में मेरे तू अपना हाथ धरना
अरे काहे की शर्म वे मुंडिया जल्दी करना
अरे ववाह भाई वाह हुई गल ना
जैसे देस वैसा भेस फिर क्या डरना
जैसे देस वैसा भेस फिर क्या डरना
अरे काहे की शर्म वे मुंडिया जल्दी करना
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Jaisa des waisa bhes-Des pardes 1978
Artists: Tina Munim, Dev Anand
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