सांवली सलोनी तेरी झील सी आँखें-हम सब चोर हैं १९९५
या फिर फिल्म देखने वाले. कहानी के पात्र भी हो सकते हैं.
इसी नाम से एक फिल्म १९५६ में आई थी औए ये प्रकट हुई
सन १९९५ में.
प्रस्तुत गीत नवाब आरजू का लिखा हुआ है और बप्पी लहरी ने
इसे संगीत से सजाया है. कुमार सानू का गाया ये एक बेहद
लोकप्रिय गीत है. कमाल सदाना और ऋतु शिवपुरी पर इसे
फिल्माया गया है. गीत में अलका याग्निक की आवाज़ भी है
गीत के बोल:
सांवली सलोनी तेरी झील सी आँखें
इनमें ना जाने कहाँ खो गया है मेरा दिल
हो सांवली सलोनी तेरी झील सी आँखें
इनमें ना जाने कहाँ खो गया है मेरा दिल
सांवरे सलोने तेरी मीठी मीठी बातें
कर दिया तूने मेरा प्यार में जीना मुश्किल
सांवरे सलोने तेरी मीठी मीठी बातें
कर दिया तूने मेरा प्यार में जीना मुश्किल
मैंने कोरे दिल पे हमदम
तेरा नाम लिखा है हो ओ ओ ओ ओ
मैंने तेरे नाम ये अपनी
सुबह-ओ-शाम लिखा है
रूप है तेरा मेरी आँखों में
रूप है तेरा मेरी आँखों में
खुशबू है तेरी मेरी साँसों में
चेहरे को ऐसे चूमे जुल्फें तुम्हारी
जैसे के लहरों से मिल जाए कोई साहिल
आ आ आ आ
सांवली सलोनी तेरी झील सी आँखें
इनमें ना जाने कहाँ खो गया है मेरा दिल
हो सांवरे सलोने तेरी मीठी मीठी बातें
कर दिया तूने मेरा प्यार में जीना मुश्किल
तू ख्यालों में ख्वाबों में
हर पल तेरी बातें हों ओ ओ ओ
जैसे जैसे दिन कटता है
कटती नहीं हैं रातें
नींद तूने लूटी चैन मेरा छीना
नींद तूने लूटी चैन मेरा छीना
बिन तेरे नहीं अब हमें जीना
लगती है ऐसे तेरे होंठों की लाली
हाँ आ आ आ
जैसे के फूलों में हो दिन का रंग शामिल
आ आ आ
सांवली सलोनी तेरी झील सी आँखें
इनमें ना जाने कहाँ खो गया है मेरा दिल
हाँ सांवरे सलोने तेरी मीठी मीठी बातें
कर दिया तूने मेरा प्यार में जीना मुश्किल
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Sanwli saloni teri jheel si aankhen-Ham sab chor hain 1995
Artists: Kamal Sadanah, Ritu Shivpuri
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