ये झुके झुके नैना-भरोसा १९६३
है-गुरु दत्त और आशा पारेख की जोड़ी. फिल्म अगर आपने देखी
है तो आपको ये जोड़ी दूसरी जोड़ियों की तरह किंचित भी अलग
सी नहीं लगेगी. फिल्म में दोनों कलाकारों ने बढ़िया अभिनय
किया है. मेरा मानना है कि कहीं एक्टिंग अच्छी है तो कहीं पे
निर्देशन, ये आपको मालूम करना होता है कहाँ क्या अच्छा है.
एक रोमांटिक गीत सुनते हैं जिसे रफ़ी ने गाया है. राजेंद्र कृष्ण के
बोल हैं और रवि का संगीत. गीत काफी लोकप्रिय गीत है और
रफ़ी के गाये दूसरे रोमांटिक गीतों की तरह इसे भी जनता बड़े
चाव से सुनती है.
हमारे जो वो वाले मित्र हैं- zuke zuke naina वाले, आज उनकी याद
आ गयी इस गीत के बहाने. वो तो सुबह ही याद आई थी जब ब्रेड
पर zam लगाया था. याद को विराट कोम्प्रेसिव स्ट्रेंथ वाले सीमेंट से
मजबूत कर रहे थे.
गीत की एक पंक्ति उलझे उलझे बाल से याद आया आजकल गीतकार
बालों की उलझन पर कुछ शायद ही लिखते हों, क्यूंकि शैम्पू युग आ
गया है.
गीत के बोल:
ये झुके झुके नैना ये लट बलखाती
तो दिल क्यूँ ना मेरा दीवाना हो तेरा
ये झुके झुके नैना ये लट बलखाती
तो दिल क्यूँ ना मेरा दीवाना हो तेरा
ये झुके झुके नैना
ये शर्म से बहके गाल चैन के दुश्मन हो गए
ये शर्म से बहके गाल चैन के दुश्मन हो गए
ये उलझे उलझे बाल दिलों की उलझन हो गए
तेरे गालों की खैर तेरे बालों की खैर
तेरे गालों की खैर तेरे बालों की खैर
क्यूँ ना जुल्मी ओ ज़ालिम लजाना हो तेरा
ये झुके झुके नैना ये लट बलखाती
तो दिल क्यूँ ना मेरा दीवाना हो तेरा
ये झुके झुके नैना
तेरी ज़ुल्फ़ का साथी बनता अगर मैं गजरा होता
तेरी ज़ुल्फ़ का साथी बनता अगर मैं गजरा होता
तेरी अंखियों में बस जाता अगर मैं कजरा होता
तेरे गजरे की खैर तेरे कजरे की खैर
तेरे गजरे की खैर तेरे कजरे की खैर
जो भी देखे कैसे ना निशाना हो तेरा
ये झुके झुके नैना ये लट बलखाती
तो दिल क्यूँ ना मेरा दीवाना हो तेरा
ये झुके झुके नैना
कई देखे मोर चकोर चाल न ऐसी देखी
कई देखे मोर चकोर चाल न ऐसी देखी
ये कमर लचकती डाल डाल ना ऐसी
ये रंग ये रूप जैसे चढती हो धूप
ये रंग ये रूप जैसे चढती हो धूप
गोरी फिर क्यूँ ना सारा ज़माना हो तेरा
ये झुके झुके नैना ये लट बलखाती
तो दिल क्यूँ ना मेरा दीवाना हो तेरा
ये झुके झुके नैना
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Ye jhuke jhuke naina-Bharosa 1963
Artists: Guru Dutt, Asha Parekh
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