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Jan 23, 2020

मुझे गले से लगा लो-आज और कल १९६३

गले से लगा लो हिट्स के अंतर्गत एक गीत पेश है
फिल्म आज और कल से. एक लोकप्रिय गीत हमराही
फिल्म से आप शायद आपने नहीं सुना है उसे भी हम
जल्द सुनवायेंगे.

गले लगना और गले पड़ना दो संभावित केटेगरी हो
सकती हैं गले से सम्बंधित गानों के लिए. गले लगना
एक सहज प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसका जानवर भी
इस्तेमाल किया करते हैं. ढेर सारी क्रियाओं का संगम
प्रक्रिया कहलाता है.

गीत एक बार फिर से साहिर लुधियानवी का है और
इसका संगीत तैयार किया है रवि ने. आशा भोंसले इस
गीत की गायिका हैं साथ में रफ़ी की आवाज़ भी है.




गीत के बोल:

मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं
गमे जहां से छुड़ा लो बहुत उदास हूँ मैं
मुझे गले से लगा लो

नज़र में तीर से चुभते है अब नज़रो से
मैं थक गई हूँ सभी टूट के सहारों से
अब और बोझ न डालो बहुत उदास हूँ मैं
गमे जहां से छुड़ा लो बहुत उदास हूँ मैं
मुझे गले से लगा लो

बहुत सही ग़म-ए-दुनिया मगर उदास न हो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया मगर उदास न हो
करीब है शब-ए-ग़म की सहर उदास न हो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया

सितम के हाथ की तलवार टूट जाएगी
ये ऊँच नीच की दीवार टूट जाएगी
तुझे कसम है मेरी हमसफ़र उदास न हो
तुझे कसम है मेरी हमसफ़र उदास न हो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया

ना जाने कब ये तरीका ये तौर बदलेगा
सितम का ग़म का मुसीबत का दौर बदलेगा
मुझे जहां से उठा लो बहुत उदास हूँ मैं
गमे जहां से छुड़ा लो बहुत उदास हूँ मैं

बहुत सही ग़म-ए-दुनिया मगर उदास न हो
करीब है शब-ए-ग़म की सहर उदास न हो
बहुत सही ग़म-ए-दुनिया
…………………………………………….
Mujhe gale se laga lo-Aaj aur Kal 1963

Artist: Nanda, Sunil Dutt

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Jan 14, 2020

ये वादियाँ ये फ़िज़ायें-आज और कल १९६३

खामोशियाँ की सदाएं भी बुलाया करती हैं. अक्सर
ये ज्यादा गहरी होती हैं अगर ध्यान से सुनने वाला
हो. फिल्म ख़ामोशी(१९९८) तो इसी बात को समर्पित
फिल्म है.

सुनते हैं फिल्म आज और कल से लोकप्रिय गीत
जिसे साहिर लुधियानवी ने लिखा है और जिसका
संगीत रवि ने तैयार किया है. इसे मोहम्मद रफ़ी
ने गाया है.

गीत को जिस श्रेणी में आप चाहें फिट कर सकते हैं-
पहाड़ हिट्स, नदी हिट्स, व्हील चेयर हिट्स, डिज़ाईन
वाला स्वेटर हिट्स, बाग-बगीचा हिट्स, झरना हिट्स
और ना सूझे तो सुनील दत्त हिट्स और नंदा हिट्स
में तो गिना जाता ही है ये.




गीत के बोल:

ये वादियाँ ये फिजायें बुला रही हैं तुम्हें
ये वादियाँ ये फिजायें बुला रही हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएं बुला रही है तुम्हें
ये वादियाँ ये फिजायें बुला रही हैं तुम्हें

तरस हैं जवां फूल होंठ छूने को
तरस हैं जवां फूल होंठ छूने को
मचल मचल के हवाएं बुला रहीं हैं तुम्हें
मचल मचल के हवाएं बुला रहीं हैं तुम्हें
खामोशियों की सदाएं बुला रही है तुम्हें
ये वादियाँ ये फिजायें बुला रही हैं तुम्हें

तुम्हारी ज़ुल्फों से खुशबू की भीख लेने को
तुम्हारी ज़ुल्फों से खुशबू की भीख लेने को
झुकी झुकी सी घटायें बुला रही है तुम्हें
झुकी झुकी सी घटायें बुला रही है तुम्हें
खामोशियों की सदाएं बुला रही है तुम्हें
ये वादियाँ ये फिजायें बुला रही हैं तुम्हें

हसीन चम्पई पैरों को जब से देखा है
हसीन चम्पई पैरों को जब से देखा है
नदी की मस्त अदायें बुला रही है तुम्हें
नदी की मस्त अदायें बुला रही है तुम्हें
खामोशियों की सदाएं बुला रही है तुम्हें
ये वादियाँ ये फिजायें बुला रही हैं तुम्हें

मेरा कहा न सुनो इनकी बात तो सुन लो
मेरा कहा न सुनो इनकी बात तो सुन लो
हर एक दिल की दुआयें बुला रही है तुम्हें
हर एक दिल की दुआयें बुला रही है तुम्हें
खामोशियों की सदाएं बुला रही है तुम्हें
ये वादियाँ ये फिजायें बुला रही हैं तुम्हें
……………………………………………….
Ye wadiyan ye fizayen bula rahi-Aaj aur Kal 1963

Artist: Sunil Dutt, Nanda

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Dec 18, 2019

तुम ही तुम हो-एक दिल सौ अफ़साने १९६३

फिल्म का शीर्षक किसी कहावत जैसा लगता है, जैसे
एक अनार सौ बीमार. किसी फिल्म में जिसमें रोमांटिक
गीत हों, पारिवारिक मसले हों, उसका शीर्षक ऐसा हो तो
बिना फिल्म देखे समझना मुश्किल है कि ये वाकई सौ
अफ़साने और एक दिल की कहानी है या एक प्रोड्यूसर
और सौ डिस्ट्रीब्यूटर की.

सुनते हैं फिल्म से एक गीत लता और रफ़ी का गाया हुआ.
शैलेन्द्र के बोल हैं और शंकर जयकिशन का संगीत.

राज कपूर और वहीदा रहमान पर इसे फिल्माया गया है.
गौरतलब है राज कपूर के लिए इस गीत में रफ़ी की
आवाज़ प्रयोग में लायी गयी है. ये करिश्मा संगीतकार रवि
के संगीत निर्देशन वाली फिल्म नज़राना में भी है.


गीत के बोल:

तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो

तुम मिले मुझे नया जहान मिल गया
झूमती जमीं को आसमान मिल गया

तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
हाय तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो

तुमसे दिल का चैन है तुम्हीं से है करार
तुम न रूठना के रूठ जायेगी बहार

एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो

तुम हो मेरे कौन ज़िन्दगी है क्यूँ हसीन
सुन लो मेरी धड़कनें तो आयेगा यकीन

एक हो मेरे तुम इस जहाँ में
एक है चंदा जैसे गगन में
तुम ही तुम हो मेरे जीवन में
फूल ही फूल हैं जैसे चमन में
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो तुम ही तुम हो
…………………………………………
Tum hi tum ho-Ek dil sau afsane 1963

Artists: Raj Kapoor, Waheeda Rehman

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Oct 22, 2019

हम तेरे प्यार में सारा आलम-दिल एक मंदिर १९६३

ऐसे कैसे भूल जाओ. पहले तो दस माले की बिल्डिंग
पर चढ़ाया फिर कहते हो धड़ाम से गिर जाओ. ना बाबा
ना ऐसे काम मेरे बस के नहीं है. ये शायद इस गीत का
आधुनिक तर्जुमा हो सकता है.

गीत है फिल्म दिल एक मंदिर से लता मंगेशकर का
गाया हुआ जिसे हसरत जयपुरी ने तबियत से लिखा है.
यूँ ही नहीं ये गीत अमर गीत कहलाता है. इसमें ना
जाने कितना पसीना बहा होगा बनाने में.

सुनने वालों ने शायद कभी गौर किया हो या नहीं, ये
अपने ज़माने का ‘मेरा कुछ सामान’ है. पूरी कहानी है
इस गीत में और सरल प्रवाह में कह दी गयी है. इसे
गुनगुनाना हालांकि आसान काम नहीं है, चाहे तो कोशिश
कर के देख लीजिए. गीत में कई बार भूल जाओ भूल जाओ
बोला गया है, हम भी भूल गए हैं कि सितार दिख रहा है
मगर कहीं कहीं आवाज़ मेंडोलिन की आ रही है.




गीत के बोल:

हम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे हैं खो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम

पंछी से छुड़ा कर उसका घर तुम अपने घर पर ले आये
ये प्यार का पिंजरा मन भाया हम जी भर भर के मुस्काये
जब प्यार हुआ इस पिंजरे से तुम कहने लगे आज़ाद रहो
हम कैसे भुलायें प्यार तेरा तुम अपनी ज़ुबाँ से ये न कहो
अब तुमसा जहाँ में कोई नहीं है हम तो तुम्हारे हो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम

इस तेरे चरण की धूल से हमने अपनी जीवन मांग भरी
जब ही तो सुहागन कहलाई दुनिया के नज़र में प्यार बनी
तुम प्यार की सुन्दर मूरत हो और प्यार हमारी पूजा है
अब इन चरणों में दम निकले बस इतनी और तमन्ना है
प्यार के गंगा जल में बलम जी हम तन मन अपना धो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम


सपनों का दर्पण देखा था सपनों का दर्पण तोड़ दिया
ये प्यार का आँचल हमने तो दामन से तुम्हारे बाँध लिया
ये ऐसी गाँठ है उल्फत की जिसको ना कोई भी खिल सका
तुम आन बसे जब इस दिल में दिल फिर तो कहीं ना डोल सका
ओ प्यार के सागर हम तेरी लहरों में नाव डुबो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में सारा आलम खो बैठे हैं खो बैठे
तुम कहते हो कि ऐसे प्यार को भूल जाओ
भूल जाओ
हम तेरे प्यार में
.........................................................................
Ham tere pyar mein saara aalam-Dil ek mandir 1963

Artists: Meena Kumari, Rajkumar

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May 10, 2019

चमन के फूल भी तुझको-शिकारी १९६३

हीरो खाता पीता लागे से तो हीरोईण क्यूँ भूखी मरे ताऊ. हीरोईण
भी खाते पीते घर की होणी चाहिए से. आइये सुनें फिल्म शिकारी
का एक मधुर गीत जिसमें नायक नायिका दोनों सेहतमंद हैं.

एक ज़माना था जब हीरो मोटा हो पतला हो, हीरोईन दुबली ही दिखाई
देती मानो उसे खाना कम मिल रहा हो. फ़िल्मी हीरो की तोंद भले ही
बाहर निकल रही हो हीरोईन अकालग्रस्त इलाके में पैदा होने वाली जनता
से थोड़ी ही बेहतर नज़र आती. इस मामले में उत्तर भारतीय सिनेमा से
दक्षिण भारत का सिनेमा काफी उदार रहा.

रफ़ी और लता का गाया ये युगल गीत काफी लोकप्रिय गीत है और
इसे लिखा है फारूख कैसर ने जिसकी धुन तैयार की है जी एस कोहली
ने.




गीत के बोल:

चमन के फूल भी तुझको गुलाब कहते हैं
हमीं नहीं हैं
हमीं नहीं हैं सभी लाजवाब कहते हैं
नज़र मिला के मेरे दिल की बात पहचानो
सुना है चेहरे को
सुना है चेहरे को दिल की किताब कहते हैं
चमन के फूल भी तुझको

साज़-ए-दिल छेड़ दिया है तो ये नगमा सुन लो
बिखरी बिखरी हुई ये प्यार की किरणें चुन लो
इसी किरण को सनम आफ़ताब कहते हैं
हमीं नहीं हमीं नहीं
हमीं नहीं हैं सभी लाजवाब कहते हैं
चमन के फूल भी तुझको

आज तक देखी नहीं ऐसी दहकती आँखें
डाल दो आ के इन आँखों में छलकती आँखें
संभल के पीना इसे सब शराब कहते हैं
हमीं नहीं हमीं नहीं
हमीं नहीं हैं सभी लाजवाब कहते हैं

चमन के फूल भी तुझको गुलाब कहते हैं
हमीं नहीं हैं सभी लाजवाब कहते हैं
नज़र मिला के मेरे दिल की बात पहचानो
सुना है चेहरे को दिल की किताब कहते हैं
चमन के फूल भी तुझको
……………………………………………………………….
Chaman ke phool bhi tujhko-Shikari 1963

Artists: Ajit, Ragini

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Jul 19, 2018

मैं एक नन्हा सा-हरिश्चंद्र तारामति १९६३

नन्हे मुन्ने हिट्स के अंतर्गत आने वाला एक गीत सुनते हैं.
ये श्वेत श्याम युग की फिल्म हरिश्चंद्र तारामति से आपके लिए
चुना गया है. लता मंगेशकर ने इसे गाया है. कवि प्रदीप के
बोल हैं और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल की धुन.

बरसों पहले एक एल पी निकला था जिसमें लता मंगेशकर द्वारा
गाये गए बाल गीत शामिल किये गए थे. ये गीत उस कलेक्शन
में शायद मैंने सबसे पहले ध्यान से सुना था. गीत में आपको
छोटा बच्चा चक्रधारी के आगे विनती करता दिखलाई दे रहा है.



गीत के बोल:

मैं एक नन्हा सा
मैं एक छोटा सा बच्चा हूँ
तुम हो बड़े बलवान
प्रभु जी मेरी लाज रखो
मैं एक नन्हा सा

मैंने सुना है तुमने यहाँ पे
लाखों के दुःख टाले
मेरा दुःख भी तालो तो जानो
चक्र सुदर्शन वाले

मैं एक नन्हा सा
मैं एक छोटा सा बच्चा हूँ
मुझपे धरो कुछ ध्यान
प्रभु जी मेरी लाज रखो
मैं एक नन्हा सा

तुम हो दयालु अपना समझ के
मैंने आज पुकारा
मुझ निर्बल का हाथ पकड़ लो
दे दो नाथ सहारा
मैं एक नन्हा सा
मैं एक छोटा सा बच्चा हूँ
मैं भी तुम्हारी संतान
प्रभु जी मेरी लाज रखो
मैं एक नन्हा सा


मैं आया हूँ आज तुम्हारे
द्वारा पे आस लगाये
ऐसा कोई जातां करो प्रभु
सांच को आंच ना आये


मैं एक नन्हा सा
मैं एक छोटा सा बच्चा हूँ
बिगड़ी बना दो भगवान
प्रभु जी मेरी लाज रखो
प्रभु जी मेरी लाज रखो
प्रभु जी मेरी लाज रखो
प्रभु जी मेरी लाज रखो
मेरी लाज रखो
प्रभु जी मेरी लाज रखो
मेरी लाज रखो
प्रभु जी मेरी लाज रखो
प्रभु जी मेरी लाज रखो
..........................................................................
Main ek nanha sa-Harishchandra Taramati 1963

Artist: Babloo

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May 11, 2018

ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है(हेमंत)-बिन बादल बरसात १९६३

एक रोमांटिक गीत सुनते हैं हेमंत कुमार का गाया हुआ. इस
गीत का फीमेल वर्ज़न हम आपको सुनवा चुके हैं पहले.

ये वर्ज़न ज्यादा लोकप्रिय है जो आज आप सुनेंगे. बिश्वजीत
पर इसे फिल्माया गया है. नायिका को आप पहचान ही लेंगे
अगर आपने फीमेल वर्ज़न अच्छे से देखा और सुना है.

शकील बदायूनीं का लिखा गीत है और इसका संगीत तैयार
किया है हेमंत कुमार ने. इसे क्या हम हन्नी-मून स्पेशल
कह सकते हैं ?



गीत के बोल:

ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है आइये आपकी ज़रूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है

आरज़ूओं के दिये आज रौशन कीजिये
आरज़ूओं के दिये आज रौशन कीजिये
आए हैं मिलने को हम ज़िंदगी भर के लिये
क्या हसीं रात क्या मुहूर्त है आइये आपकी ज़रूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है

यूँ न अब शरमाइये यूँ न अब तरसाइये
यूँ न अब शरमाइये यूँ न अब तरसाइये
खोल के घूँघट सनम चाँदनी बरसाइये
चाँदनी रात क्या ज़रूरत है आइये आपकी ज़रूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है
…………………………………………………….
Zindagi kitni khoobsurat hai-Bin badal barsaat 1963

Artists: Biswajeet, Asha Parekh

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May 9, 2018

ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है(लता)-बिन बादल बरसात १९६३

जिंदगी बहुत खूबसूरत नज़र आती है जब चारों ओर खुशियाँ
ही खुशियाँ दिखलाई देती हैं या महसूस होती हैं. जीवन सुख
दुःख का संगम है, इसका अनुपात सभी के जीवन में समान
नहीं होता. उसके अलावा ये हर व्यक्ति के नज़रिए पर भी
निर्भर करता है कि उसे सुख या दुःख कितना महसूस होता
है.

सुनते हैं बिन बादल बरसात से लता मंगेशकर का गाया ये
खूबसूरत गीत जो आशा पारेख पर फिल्माया गया है. गीत को
लिखा है शकील बदायूनीं ने और हेमंत कुमार ने इसकी धुन
तैयार की है.



गीत के बोल:

ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है आइये आपकी ज़रूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है

रात है भीगी हुई रंग में डूबी हुई
रात है भीगी हुई रंग में डूबी हुई
आज है दुनिया मेरी प्यार से महकी हुई
आँख में आपकी ही सूरत है आइये आपकी ज़रूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है

आपको मेरी कसम कीजिये मुझपे करम
आपको मेरी कसम कीजिये मुझपे करम
इल्तिजा सुनिए मेरी आप हैं मेरे सनम
दिल में बस आपकी ही मूरत है आइये आपकी ज़रूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है

आज तो जान-ऐ-वफ़ा मानिये मेरा कहा
आज तो जान-ऐ-वफ़ा मानिये मेरा कहा
अपने कदों में ज़रा दीजिए मुझको जगह
अब तसल्ली की यही सूरत है आइये आपकी ज़रूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है
ज़िंदगी कितनी खूबसूरत है
...........................................................................
Zindagi kitni khoobsurat hai(Lata)-Bin badal barsaat 1963

Artists: Asha Parekh, Biswajeet

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Apr 3, 2018

सम्भल तो ले दिल दीवाना-फूल बने अंगारे १९६३

लता मंगेशकर का गाया गीत सुनिए और देखिये जिसे फिल्माया
गया है माला सिन्हा पर.

आनंद बक्षी के बोल हैं और कल्याणजी आनंदजी का संगीत. ये
उस श्रेणी का गीत है जिसमें नायिका ग्लैड, ग्लैडर और ग्लैडेस्ट
दिखलाई देती है. इस श्रेणी में हमें आपको कुछ गीत सुनवाए
हैं अभी तक, खोजिये इस ब्लॉग पर.



ठहर जाना
सम्भल तो ले दिल दीवाना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले दिल दीवाना ज़रा ठहर जाना
अभी न सामने आना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले

मैं गुज़री उम्र को वापस ज़रा पुकार तो लूँ
मैं अपने आप को थोड़ा बहुत सँवार तो लूँ
लिबास ग़म का निगाहों से मैं उतार तो लूँ
समा तो हो ले सुहाना ज़रा ठहर जाना
अभी न सामने आना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले

ख़ुशी भी इतनी अचानक मैं सह न पाऊँगी
मैं अपने आप में बस आज रह न पाऊँगी
जो तुमसे कहना है मुझको वो कह न पाऊँगी
मैं याद कर लूँ फ़साना ज़रा ठहर जाना
अभी न सामने आना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले दिल दीवाना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले


सताने वाले तुम्हें मैं भी थोडा तडपाऊँ
तलाश करते फिरो तुम मुझे मैं छुप जाऊं
हज़ार कहने पे भी सामने ना मैं आऊँ
बनाऊं कोई बहाना ज़रा ठहर जाना
अभी न सामने आना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले दिल दीवाना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले
...........................................................................
Sambhal to le dil-Phool bane angaare 1963

Artist: Mala Sinha

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Mar 20, 2018

काहे इतना गुमान छोरिए-भरोसा १९६३

राजेंद्र कृष्ण का लिखा एक उपदेशात्मक गीत सुनते हैं फिल्म
भरोसा से. इस गीत का मूड अच्छा है और अंतरे रोमांटिक हैं.
इस लिहाज से ये गीत टू इन वन है. सन्देश भी है और फ़िल्मी
लटके झटके भी.

गीत फिल्माया गया है गुरु दत्त और आशा पारेख पर. इस गीत
की तर्ज़ तैयार की है रवि ने. गायक कलाकार हैं रफ़ी और आशा.



गीत के बोल:

काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का
लेगी कितनों की जान छोरिए ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
जा जा डोरे न डाल छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का

अरे सुन सुन
अरे जा जा जा
जरा सुन सुन
अरे जा जा जा
चल ठुमक-ठुमक ज़रा ठुमक-ठुमक
आ आ आ आ आ आ आ आ
ओ चल ठुमक-ठुमक ज़रा ठुमक-ठुमक
आ आ आ आ आ आ आ आ
ओ जरा सुन सुन
अरे जा जा जा
ओ जरा सुन सुन
अरे जा जा जा

तेरी ख़ातिर खोल के रखा है दिल का दरवाज़ा
पैयाँ हम नहीं पड़ने वाले मरज़ी हो तो आजा
बड़ा आया दिलदार छोरवा ये मेला दो दिन का
बड़ा आया दिलदार छोरवा ये मेला दो दिन का
जा जा डोरे न डाल छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का

देख ज़रा ये ब्लैक काली ज़ुल्फ़ों की ज़ंजीरें
बँधी हुई है इनमें तेरे जैसों की तक़दीरें
अच्छा वाह वाह
देख ज़रा ये काली ब्लैक ज़ुल्फ़ों की ज़ंजीरें
बँधी हुई है इनमें तेरे जैसों की तक़दीरें
लुट जाएगा जहान छोरिए ये मेला दो दिन का
लुट जाएगा जहान छोरिए ये मेला दो दिन का
काहे करता है प्यार छोरवा ये मेला दो दिन का
काहे इतना गुमान छोरिए ये मेला दो दिन का
..........................................................................
Kaahe itna gumaan-Bharosa 1963

Artists: Guru Dutt, Asha Parekh

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Feb 11, 2018

यूँ ही दिल ने चाहा था-दिल ही तो है १९६३

दिल अगर रोना चाहे तो उस बात का जिक्र इतने सुन्दर
अंदाज़ में भी किया जा सकता है. शब्दों को एक सुन्दर
धुन भी प्रदान करी गई है. गीत है सुमन कल्याणपुर का
गाया फिल्म दिल ही तो है से.

फिल्म के सभी गीत श्रवणीय हैं चाहे वो लता का गाया हो,
मुकेश का गाया हो या मन्ना डे का गाया हुआ. सभी गीत
साहिर ने लिखे हैं और संगीत है रोशन का. परदे पर इसे
नूतन गा रही हैं.





गीत के बोल:

यूँ ही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
यूँ ही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना

हमें भी नहीं इल्म हम जिस पे रोये
वो बीती रुतें हैं के आता ज़माना
वो बीती रुतें हैं के आता ज़माना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना

ग़म-ए-दिल है और ग़म-ए-ज़िंदगी भी
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
ग़म-ए-दिल है और ग़म-ए-ज़िंदगी भी
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
न इसका ठिकाना न उसका ठिकाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना

कोई किसपे तड़पे कोई किसपे रोये
इधर दिल जला है उधर आशियाना
इधर दिल जला है उधर आशियाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना

यूँ ही दिल ने चाहा था रोना रुलाना
तेरी याद तो बन गई इक बहाना
.................................................................
Yunhi dil ne chaha tha-Dil hi to hai 1963

Artist: Nutan

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Feb 10, 2018

वो दिन याद करो-हमराही १९६३

आम तौर पर फिल्मों में हास्य कलाकारों के ऊपर जो गीत
फिल्माए जाते हैं उनमें हास्य का पुट ज़रूर होता है. प्रस्तुत
गीत अपवाद सरीखा है क्यूंकि ये एक सामान्य रोमांटिक गीत
है और इसी वजह से ये काफी लोकप्रिय हुआ.

हसरत जयपुरी के बोल, शंकर जयकिशन का संगीत और लता
रफ़ी की आवाजों वाला ये गीत महमूद और शुभा खोटे पर
फिल्माया गया है. हास्य आपको अभिनय में अवश्य मिलेगा
मगर नपा-तुला और नियंत्रित.




गीत के बोल:

वो दिन याद करो वो दिन याद करो
वो छुप छुप के मिलना वो हंसना हसाना
वो दिन याद करो

वो दिन याद करो वो दिन याद करो
वो फूलों की छैयां वो मौसम सुहाना
वो दिन याद करो

फिरते थे आज़ाद हम तो चमन में
चाँद और सूरज हैं जैसे गगन में
अब तो ये जीवन है उलज़न की सीमा
धड़के मेरा दिल अब धीमा धीमा
वो दिन याद करो

जब मैं कली थी तब ही भली थी
कोई ना गम था मैं मनचली थी
मेरी गली से तेरा गुजरना
नैनों के रस्ते दिल में उतरना
वो दिन याद करो

हम तो वो ही है दिन वो कहाँ है
दिल तो हमारे अब भी जवान है
दिल में ही तडपे ये अरमान सारे
प्यासे के प्यासे है नदिया किनारे
वो दिन याद करो
………………………………………………………..
Wo din yaad karo-Hamrahi 1963

Artists: Mehmood, Shubha Khote

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Jan 25, 2018

ऐसी भी क्या जल्दी है-राजा १९६३

प्रेम धवन का लिखा एक गीत सुनते हैं सन १९६३ की फिल्म
राजा से. एस एन त्रिपाठी इसके संगीतकार हैं और आशा भोंसले
गायिका.

फिल्म से हमने एक गीत आपको पहले सुनवाया था. इस गीत की
संभावित श्रेणियाँ इस प्रकार से हैं-ऐसी भी हिट्स, जल्दी हिट्स और
ठहरो हिट्स. श्रेणी को केटेगरी कहा जाता है जैसे कारीगरी, बाजीगरी
वगैरह.

गीत के शुरू शुरू में आशा भोंसले ने तरह तरह की आवाजें निकाली
हैं जिनमें वो भी शामिल है जैसी किसी के सर पर ठंडा पानी डालने
के बाद उसके मुंह से निकलती हैं. गीत में हाथी के चिंघाड जैसी भी
कुछ ध्वनियाँ हैं जो एक वाद्य यन्त्र द्वारा निकाली गई हैं.




गीत के बोल:

ऐसी भी क्या जल्दी है ठहरो ज़रा
आये हो अभी अभी ओ जाने वफ़ा
कहना है फ़साना अभी
बाकी है तराना अभी
सुनो तो ज़रा ऐ

रोक लेंगी ये निगाहें तेरी राहों को
जाओगे क्या तुम झटक के मेरी बाहों में
रोक लेंगी ये निगाहें तेरी राहों को
जाओगे क्या तुम झटक के मेरी बाहों में
क़दमों में तेरे डाला है जालिम दिल का खज़ाना

ऐसी भी क्या जल्दी है ठहरो ज़रा
आये हो अभी अभी ओ जाने वफ़ा
कहना है फ़साना अभी
बाकी है तराना अभी
सुनो तो ज़रा ऐ

जाते हो तो ये भी दिल में सोच के जाना
रह सकेगा शमा से क्या दूर परवाना
जाते हो तो ये भी दिल में शोच के जाना
रह सकेगा शमा से क्या दूर परवाना
ओ जाने वाले मुश्किल है हमसे दामन चुराना

ऐसी भी क्या जल्दी है ठहरो ज़रा
आये हो अभी अभी ओ जाने वफ़ा
कहना है फ़साना अभी
बाकी है तराना अभी
सुनो तो ज़रा

ऐसी भी क्या जल्दी है ठहरो ज़रा
आये हो अभी अभी ओ जाने वफ़ा
....................................................
Aisi bhi kya jaldi hai-Raja 1963

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Dec 23, 2017

लगी मस्त नज़र की कटार-सेहरा १९६३

कभी कभी मैं सोचता हूँ बिना आलेख क्या गीत नहीं
सुनते श्रोता. सुनते हैं, ज़रूर सुनते हैं. गीत का मजा
लेने वाले ये नहीं देखते पांच पन्ने का निबंध लिखा
है ये प्रेसी लिखी है. जिन्हें केवल कॉपी ही करना हो
उन्हें आलेख ऐसे मिलता है जैसे इडली के साथ सांबर
और चटनी फ्री. पीते जाओ पीते जाओ.

जिन्हें गीत का आनंद लेना हो उन्हें फर्क नहीं पड़ता
नायक अपनी अपान वायु छोड़ने पहाड पे गया या
खुले मैदान में या उसने भरी महफ़िल में ही धीरे से
छोड़ दी.

एक गीत सुनते हैं फिल्म सेहरा से जिसे रफ़ी ने
गाया है. हसरत के बोल हैं और रामलाल का संगीत.



गीत के बोल:

लगी मस्त नज़र की कटार
मस्त नज़र की कटार
दिल के उतर गयी पार
इन प्यार की राहों में
हो इन प्यार की राहों में
दिल भी गया हम भी गये
ज़ख्मे जिगर है बहार
मस्त नज़र की कटार
दिल के उतर गयी पार
इन प्यार की राहों में
हो इन प्यार की राहों में
दिल भी गया हम भी गये
ज़ख्मे जिगर है बहार
मस्त नज़र की कटार


चेहरा आ हा
चेहरा चमकीला सूरज हो जैसे प्यार का
बाहें लहराती नक़्शा है एक तलवार का
हम तो लुट गये
हम तो लुट गये
खुशी से हम तो लुट गये
खामोश नज़ारों में
हो खामोश नज़ारों में
प्यासी अदा जिस पे फ़िदा
हम तो हुए सौ बार

हो मस्त नज़र की कटार
मस्त नज़र की कटार
दिल के उतर गयी पार
इन प्यार की राहों में
हो इन प्यार की राहों में
दिल भी गया हम भी गये
ज़ख्मे जिगर है बहार
हो मस्त नज़र की कटार

आँखें हाय हाय
आँखें मतवाली उल्फ़त के जैसे रास्ते
पलकें अलबेली छाया है मेरे वास्ते
झूमे ज़िंदगी
झूमे ज़िंदगी नशे में झूमे ज़िंदगी
दिलवर के खयालों में
हाय दिलवर के खयालों में
हम तो मगन गाते चले
प्यार के नग़मे हज़ार
मस्त नज़र की कटार

मस्त नज़र की कटार
अरे दिल के उतर गयी पार
इन प्यार की राहों में
हो इन प्यार की राहों में
दिल भी गया हम भी गये
ज़ख्मे जिगर है बहार
मस्त नज़र की कटार

खुशबू हा
खुशबू ज़ुल्फ़ों की आती है सर्द हवाओं से
खोया चाहत में अब गुज़रूँ हूँ जिस गाँव से
यादें घेर लें
यादें घेर लें हमको यादें घेर लें
जंगल की फिज़ाओं में
जंगल की फिज़ाओं में
वो जो नहीं फीका लगे
रंग भरा संसार

मस्त नज़र की कटार

मस्त नज़र की कटार
दिल के उतर गयी पार
हाय हाय हाय
इन प्यार की राहों में
हो इन प्यार की राहों में
दिल भी गया हम भी गये
ज़ख्मे जिगर है बहार
हो मस्त नज़र की कटार
दिल के उतर गयी पार
इन प्यार की राहों में
हो इन प्यार की राहों में
दिल भी गया हम भी गये
ज़ख्मे जिगर है बहार
हो मस्त नज़र की कटार
हा हा हा
.............................................
Lagi mast nazar ki katar-Sehra 1963

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Dec 1, 2017

जूही की कली मेरी लाडली-दिल एक मंदिर १९६३

हिंदी सिनेमा इतिहास में शुगरी मेलोडीज़ बहुतेरी बनी हैं. सी रामचंद्र
अगर शुगरी सिरप  बनाने के लिए विख्यात थे तो शंकर जयकिशन
ने भी शुगरी चोकलेटी गीत काफी बनाये. फिल्म दिल एक मंदिर
उनके सबसे लोकप्रिय एलबमों में से एक है. शंकर जयकिशन वैसे
तो ऐसे गीत लता मंगेशकर से ही गवाया करते थे मगर ये गीत है
सुमन कल्याणपुर की आवाज़ में.

इसे श्रेणी बनाने वाले बाल गीत कहते हैं या चिल्ड्रन सोंग कहा करते
हैं. इसके बोल कुछ ऐसे सुनाई देते हैं-जुग्जुग्तुजिये मानो एक ही
शब्द हो कोई. गीत शैलेन्द्र का लिखा हुआ है.



गीत के बोल:

जूही की कली मेरी लाडली
नाज़ों की पली मेरी लाडली
ओ आस किरन जुग-जुग तू जिये
नन्ही सी परी मेरी लाडली
ओ मेरी लाडली
जूही की कली मेरी लाडली
नाज़ों की पली मेरी लाडली
ओ आस किरन जुग-जुग तू जिये
नन्ही सी परी मेरी लाडली
ओ मेरी लाडली

धरती पे उतर आया चँदा तेरा चेहरा बना
चम्पे का सलौना गुलदस्ता तन तेरा बना
चम्पे का सलौना गुलदस्ता तन तेरा बना
ओ मेरी लाडली
कोमल तितली मेरी लाडली
हीरे की कनी मेरी लाडली
ओ आस किरन जुग-जुग तू जिये
नन्ही सी परी मेरी लाडली
ओ मेरी लाडली

शरमाये दीवाली तारों की तेरे नैनों से
कोयल ने चुराई है पंचम तेरे बैनों से
कोयल ने चुराई है पंचम तेरे बैनों से
ओ मेरी लाडली
गुड़िया सी ढली मेरी लाडली
मोहे लागे भली मेरी लाडली
ओ आस किरन जुग-जुग तू जिये
नन्ही सी परी मेरी लाडली
ओ मेरी लाडली

हर बोल तेरा सिखलाये हमें दुख से लड़ना
मुस्कान तेरी कहती है सदा धीरज धरना
मुस्कान तेरी कहती है सदा धीरज धरना
ओ मेरी लाडली
गंगा की लहर मेरी लाडली
चंचल सागर मेरी लाडली
ओ आस किरन जुग-जुग तू जिये
नन्ही सी परी मेरी लाडली
ओ मेरी लाडली

जूही की कली मेरी लाडली
नाज़ों की पली मेरी लाडली
ओ आस किरन जुग-जुग तू जिये
नन्ही सी परी मेरी लाडली
ओ मेरी लाडली
……………………………………………………………….
Juhi ki kali meri ladli-Dil ek mandir 1963

Artist: Meena Kumari

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Nov 18, 2017

इंसान मोहब्बत में कुछ काम-नर्तकी १९६३

आशा भोंसले का गाया एक गीत सुनते हैं फिल्म नर्तकी से.
पुराने ज़माने के गीतों की तरह इसमें पंक्तियाँ कई बार गाई
गई हैं. गीत कव्वालीनुमा है और कव्वालियों में पंक्तियाँ कई
कई बार दोहराने की परंपरा है.

शकील के बोल हैं और रवि का संगीत. इस फिल्म से रफ़ी का
गाया एक गीत आप सुन चुके हैं पहले.





गीत के बोल:

इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए

ऐ प्यार के दीवानों दुनिया है क़यामत की
ऐ प्यार के दीवानों दुनिया है क़यामत की
किस्मत पे न रख देना दुनिया जो मोहब्बत की
किस्मत पे न रख देना दुनिया जो मोहब्बत की
किस्मत का भरोसा क्या बिगड़े के संवर जाए
किस्मत का भरोसा क्या बिगड़े के संवर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए

इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए

मायूस भी हैं नज़रें उम्मीद भी है बाकी
मायूस भी हैं नज़रें उम्मीद भी है बाकी
ये कौन सा आलम है अब तू ही बता साकी
ये कौन सा आलम है अब तू ही बता साकी
ये कौन सा आलम है अब तू ही बता साकी
आखिर तेरा दीवाना जाए तो किधर जाए
आखिर तेरा दीवाना जाए तो किधर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए

इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए

छलके हुए अश्कों को मुश्किल नहीं पी लेना
छलके हुए अश्कों को मुश्किल नहीं पी लेना
गम ये है के मोहब्बत में आसान है जी लेना
गम ये है के मोहब्बत में आसान है जी लेना
वो कैसे जिए जिसका गम हद से गुजर जाए
वो कैसे जिए जिसका गम हद से गुजर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए

इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
......................................................................
Insaan mohabbat mein kuchh kaam-Nartaki 1963

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Nov 17, 2017

नाचे मन मोरा मगन-मेरी सूरत तेरी आँखें १९६३

एक क्लासिकल गीत सुनते हैं रफ़ी का गाया हुआ. इसे परदे
पर अशोक कुमार गा रहे हैं. अशोक कुमार ने अपनी जवानी
में फिल्मों में कई गीत गाये. इस फिल्म में उनका किरदार
एक गायक है.

स्टेज शो हो रहा है जिसमें आशा पारेख गीत पर नृत्य कर
रही हैं. दर्शक दीर्घा में प्रदीप कुमार बैठे नज़र आ रहे हैं. इस
गीत के रचयिता हैं शैलेन्द्र और संगीत तैयार करने वाले
संगीतकार हैं एस डी बर्मन.




गीत के बोल:


नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
बदरा घिर आये, रुत है भीगी भीगी
नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
तिगदा धीगी धीगी तिगदा

कुहुके कोयलिया कुहुके कोयलिया
कहीं दूर पपीहा पुकारे
झूला झूलें सखियाँ झूला झूलें सखियाँ
के घर आजा बालम हमारे
घिर आये
बदरा घिर आये रुत है भीगी भीगी
नाचे मन मोरा मगन तिगदा
नाचे रे मन मोरा रे
नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
तिगदा धीगी धीगी तिगदा

यहीं रुक जाये यहीं रुक जाये
ये शाम आज ढलने न पाये
टूटे न ये सपना टूटे न ये सपना
कोई अब मुझे न जगाये
घिर आये
बदरा घिर आये रुत है भीगी भीगी
नाचे मन मोरा तिगदा धीगी धीगी
ए नाचे मन मोरा रे
नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
तिगदा धीगी धीगी तिगदा

छुप छुप ऐसे में छुप छुप ऐसे में
कोई मधुर गीत गाये
गीतों के बहाने गीतों के बहाने
छुपी बात होंठों पे आये
घिर आये बदरा घिर आये
रुत है भीगी भीगी
नाचे मन मोरा तिगदा
हे ए ए नाचे मन मोरा
नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
तिगदा धीगी धीगी तिगदा
नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
नाचे मन मोरा मगन तिगदा धीगी धीगी
.......................................................................
Nache man mora-Meri surat teri aankhen 1963

Artists: Ashok Kumar, Asha Parekh, Pradeep Kumar

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Oct 3, 2017

ऐ दिलरुबा नज़रें मिला-रुस्तम सोहराब १९६३

हिंदी फिल्म संगीत के खजाने में छोटे गीत काफी हैं मगर उनमें
से कुछ ही नियमित रूप से सुने जाते हैं. एक ऐसा गीत है फिल्म
रुस्तम सोहराब से. इसे लता मंगेशकर ने गाया है.

गीतकार हैं जां निसार अख्तर और इसके संगीतकार हैं सज्जाद. इस
फिल्म के गीतों की रिकॉर्डिंग क्वालिटी उम्दा है और सभी गीत सुनने
में आनंद आता है.

लता के एक अंतरे वाले गीत हमें आपको इसके पहले भी सुनवाए हैं.
फिल्म अफसाना का गीत-अभी तो मैं जवान हूँ और फिल्म श्री ४२०
का ओ जाने वाले मुड़ के ज़रा देखते जाना.




गीत के बोल:

ऐ दिलरुबा
ऐ दिलरुबा
ऐ दिलरुबा नज़रें मिला
कुछ तो मिले गम का सिला

अश्कों का एक दरिया बहा
प्यासा था दिल प्यासा रहा
नज़रें मिला नज़रें मिला
रहने ना दे कोई गिला

ऐ दिलरुबा
आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ

ऐ दिलरुबा
ऐ दिलरुबा
ऐ दिलरुबा
आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
.........................................................................
Ae dilruba nazren mila-Rustam Sohrab 1963

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Oct 2, 2017

ये तन्हाई हाय रे हाय रे-तेरे घर के सामने १९६३

इतनी अदा से कोई ‘थाम लो बाहें’ कहेगा तो असर पड़ेगा ही.
हिंदी फ़िल्मी गीतकारों और संगीतकारों ने आश्चर्यजनक सामान
मुहैया कराया है इश्क फरमाने वालों के लिए.

सालों हो गए हमें प्यार मोहब्बत वाले गाने सुनते हुए, गीतकार
कोई नया पहलू खोज ही लेता है. एक ही बात को हजारों तरीके
से बोलने के बाद भी हमेशा कुछ नए की गुंजाइश रहती है.

हसरत जयपुरी के लिखे इस गीत को लता मंगेशकर ने गाया है
एस डी बर्मन की धुन पर फिल्म तेरे घर के सामने के लिए.




गीत के बोल:

ये तन्हाई हाय रे हाय रे
जाने फिर आए ना आए
थाम लो बाहें थाम लो बाहें
ये तन्हाई हाय रे हाय रे
जाने फिर आए ना आए
थाम लो बाहें थाम लो बाहें

झूम झूम गाऊं प्यार से शरमाऊं
एक नशा सा मुझे हो चला
तेरी मेरी चाहें रोज़ बढ़ी जाएं
और ना टूटे कभी सिलसिला
देख तेरी मेरी अब एक है डगरिया
थाम लो बाहें थाम लो बाहें

आज अपने साथी दीप और बाती
जगमाई मेरी ज़िन्दगी
पा के तेरे साये कौन आगे जाये
तू मिला तो मिली हर खुशी
तन मन चमके है जैसे बिजुरिया
थाम लो बाहें थाम लो बाहें

आज समय आया मैं ने तुझे पाया
मैं नशा हूँ तेरे प्यार की
फूल नये लाऊं तुझको महकाऊं
मैं कली हूँ तेरे हार की
प्यार की हमारे अमर हो उमरिया
थाम लो बाहें थाम लो बाहें

ये तन्हाई हाय रे हाय रे
जाने फिर आए ना आए
थाम लो बाहें थाम लो बाहें
……………………………………………………..
Ye tanhai haaye re haaye-Tere ghar ke samne 1963

Artists: Nutan, Dev Anand

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Sep 3, 2017

ओ जान-ए-जां एक बार ज़रा-बिन बादल बरसात १९६३

एक बार हिट्स, जान-ए-जान हिट्स, ज़रा फिर हिट्स, दीवाना
हिट्स के अंतर्गत आने वाला एक गीत सुनते हैं ६३ की फिल्म
बिन बादल बरसात से.

गीत के अंत में आने वाला शब्द सन १९६५ की फिल्म कैद के
एक गीत की याद दिला देता है.



   

गीत के बोल:

इक बार ज़रा फिर कह दो
इक बार ज़रा फिर कह दो
मुझे शरमा के तुम दीवाना
ऐसी मीठी-मीठी बातें कर के
ऐसी मीठी-मीठी बातें कर के
कहाँ सीखा है दिल का लुभाना
ओ जान-ए-जां
इक बार ज़रा फिर कह दो
मुझे वर्मा के तुम दीवाना
ऊँ हूँ

दिल लेकर रहो दूर हुज़ूर न हमसे
करो इतना ग़ुरूर न हमसे
ओ सजना मेरा हार सिंगार तुम्हीं हो
मेरा दम है तुम्हारे ही दम से
तुम शमा हो तो मैं हूँ परवाना
ऐसी मीठी-मीठी बातें कर के
कहाँ सीखा है दिल का लुभाना

ओ जान-ए-जां
इक बार ज़रा फिर कह दो
मुझे शरमा के तुम दीवाना
ऊँ हूँ

सुनो दिलवर ये जो दीप खुशी का जला है
मेरा प्यार इसी में ढला है
मेरा दिल भी पिया ले के तुम्हारा सहारा
नई राह पे आज चला है
दिया तुम्हीं ने उम्मीदों को ठिकाना
ऐसी मीठी-मीठी बातें करके
कहाँ सीखा है दिल का लुभाना

ओ जान-ए-जां
इक बार ज़रा फिर कह दो
मुझे वरमा के तुम दीवाना
ऊँ हूँ

तुम चाहो तो मैं तोड़ के ला दूँ सितारे
के हो तुम मुझे जान से प्यारे
क्या माँगूँ जब मिल गए तुम मुझे सजना
मैं तो आ गई बस में तुम्हारे
मेरा दिल है तुम्हारा नज़राना
ऐसी मीठी-मीठी बातें करके
कहाँ सीखा है दिल का लुभाना

इक बार ज़रा फिर कह दो
मुझे शरमा के तुम दीवाना
कहो न
दीवाना
फिर कहो
दीवाना
फिर कहो
दी वा ना
…………………………………………………………………….
O jaane-jaan ek baar zara fir-Bin badal barsaat 1960

Artists: Vishwajeet, Asha Parekh

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