तुम्हारी नज़रों में हमने देखा-कल की आवाज़ १९९२
युगल गीत कुमार सानू और आशा भोंसले की आवाजों में. समीर
के लिखे गीत की तर्ज़ बनाई है नदीम श्रवण ने.
इस बहुसितारा फिल्म के निर्देशक रवि चोपड़ा हैं और इसका निर्माण
बी आर चोपड़ा ने किया. फिल्म में अमृता सिंह एक स्कूल प्रिंसिपल
की भूमिका में हैं.
गीत का एक छोटा संस्करण और उपलब्ध है फिल्म में जिसे आप
वीडियो में साथ में ही सुन पाएंगे.
गीत के बोल:
तुम्हारी नज़रों में हमने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारे होठों की सुर्खियों से
तुम्हारे होठों की सुर्खियों से
वफ़ा की शबनम झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हमने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हमने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
हमारी सांसों को छू के देखो
हमारी सांसों को छू के देखो
तुम्हारी खुशबू महक रही है
तुम्हारी नज़रों में हमने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
क़सम खुदा की यक़ीं कर लो
क़सम खुदा की यक़ीं कर लो
कहीं भी ना होगा हुस्न ऐसा
न देखो ऐसे झुका के पलकें
न देखो ऐसे झुका के पलकें
हमारी नीयत बहक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हमने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हम ने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी उल्फ़त में जाने जाना
तुम्हारी उल्फ़त में जाने जाना
हमें मिली थी जो एक धड़कन
हमारे सीने में आज तक वो
हमारे सीने में आज तक वो
तुम्हारी धड़कन धड़क रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हमने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हमने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
तुम्हारे होठों की सुर्खियों से
तुम्हारे होठों की सुर्खियों से
वफ़ा की शबनम झलक रही हैं
तुम्हारी नज़रों में हमने देखा
अजब सी चाहत झलक रही हैं
……………………………………………………………..
Tumhari nazron mein hamne dekha-Kal ki awaaz 1992
Artists: Pratibha Sinha, Rohit Bhatia
0 comments:
Post a Comment