सुर ना सजे क्या गाऊँ मैं-बसंत बहार १९५६
है मन्ना डे ने. फिल्म के सारे गीत एक से बढ़ कर एक हैं.
भारत भूषण और निम्मी की जोड़ी वाली ये फिल्म रोचक है.
गीत राग पीलू पर आधारित है. फिल्म में भारत भूषण एक
गायक की भूमिका में हैं.
शैलेन्द्र ने गीत लिखा है और शंकर जयकिशन का संगीत है.
गीत के बोल:
सुर ना सजे क्या गाऊँ मैं
सुर ना सजे क्या गाऊँ मैं
सुर के बिना जीवन सूना
सुर के बिना जीवन सूना
सुर ना सजे क्या गाऊं मैं
सुर ना सजे
जलते गया जीवन मेरा
जलते गया जीवन मेरा
इस रात का न होगा सवेरा
इस रात का न होगा सवेरा
सुर ना सजे क्या गाऊँ मैं
सुर के बिना जीवन सूना
सुर ना सजे क्या गाऊं मैं
दोनों जहां मुझसे रूठे
दोनों जहां मुझसे रूठे
तेरे बिना ये गीत भी झूठे
तेरे बिना ये गीत भी झूठे
सुर ना सजे क्या गाऊं मैं
तट से लगी नदिया गावे
तट से लगी नदिया गावे
पी तुम कहाँ पपीहा गावे
पी तुम कहाँ पपीहा गावे
सुर ना सजे क्या गाऊं मैं
संगीत मन को पंख लगाए
गीतों में रिमझिम रस बरसाए
संगीत मन को पंख लगाए
गीतों में रिमझिम रस बरसाए
स्वर की साधना
स्वर की साधना परमेश्वर की
सुर ना सजे क्या गाऊँ मैं
सुर ना सजे
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Sur na saje-Basant Bahar 1956
Artists: Bharat Bhushan, Manmohan Krishna
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