Dec 11, 2016

बहती हवा सा था वो-३ इडियट्स २००९

फिल्म ३ इडियट्स के गीत भी फिल्म के कथानक के अनुरूप
ही हैं. फिल्म के गीतों में से एक प्रेरणादायी गीत पेश है आज.
जिंदगी जीने का तरीका काफी हद तक इस गीत में बतला दिया
गया है स्वानंद किरकिरे द्वारा. शांतनु मोइत्रा समय के हिसाब से
संगीत तैयार करते हैं मगर मधुरता के अंश कम न हो जाएँ इसका
भरपूर ध्यान रखते हैं. प्रस्तुत गीत संगीतकार ने स्वयं गाया है
और साथ में शान का स्वर भी है. सौम्य गायकी वाले गायकों में
शायद शान ही आज सक्रिय हैं बाकी के तो ऊंची पट्टी पर गाते
चले जा रहे हैं.

कभी कभी लगता है हरिहरन की प्रतिभा का पर्याप्त दोहन हिंदी
फिल्म संगीतकारों ने नहीं किया. आज के संगीतकार उनकी सेवाएं
भी ले सकते हैं कभी कभी.




गीत के बोल:

बहती हवा सा था वो
उडती पतंग सा था वो
कहाँ गया उसे ढूंढो

बहती हवा सा था वो
उडती पतंग सा था वो
कहाँ गया उसे ढूंढो
हमको तो राहें थीं चलाती
वो खुद अपनी राह बनाता
गिरता संभालता मस्ती में चलता था वो
हमको कल की फिकर सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हे को खुल के जीता था वो
कहाँ से आया था वो
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया उसे ढूंढो

सुलगती धुप में छाँव के जैसा
रेगिस्तान में गाँव के जैसा
मन के घाव पे मरहम जैसा वो
हम सहमे से रहते कुवें में
वो नदिया में गोते लगाता
उलटी धरा चीर के तैरता था वो
बादल आवारा था वो
प्यार हमारा था वो
कहाँ गया उसे ढूंढो

हमको तो राहें थीं चलाती
वो खुद अपनी राह बनाता
गिरता संभालता मस्ती में चलता था वो
हमको कल की फिकर सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हे को खुल के जीता था वो
कहाँ से आया था वो
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया उसे ढूंढो
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Behti hawa sat ha wo-3 Idiots 2009

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