याद में तेरी जाग जाग के-मेरे महबूब १९६३
जो फिल्म मेरे महबूब से है. करवट शब्द वाले गीत ज्यादा तो नहीं
हैं मगर थोड़े बहुत जो हैं लोकप्रिय हैं जैसे आप की कसम का गीत
जो ‘करवट’ शब्द से ही शुरू होता है. वो गीत लता और किशोर का
युगल गीत है.
गीत के मुखड़े में अगर घडी और चिराग शब्द आये होते तो हमें दो
और श्रेणियों में इस गीत को रखने की सहूलियत मिल जाती. श्रेणियाँ
बनाना भी एक टाइम पास करने के लिए खेल है.
गीत सुनते हैं जो युगल गीत है लता और रफ़ी का गाया हुआ. शकील
के लिखे गीत की तर्ज़ बनाई है नौशाद ने. गीत राजेंद्र कुमार और
साधना पर फिल्माया गया है.
गीत के बोल:
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फत के
धीमें धीमे चराग़ जलते हैं
जब से तूने निगाह फेरी हैं
दिन है सूना तो रात अंधेरी है
चाँद भी अब नज़र नहीं आता
अब सितारे भी कम निकलते हैं
लुट गई वो बहार की महफ़िल
छूट गई हमसे प्यार की मंज़िल
ज़िन्दगी की उदास राहों में
तेरी यादों के साथ चलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
तुझको पा कर हमें बहार मिली
तुझसे छुटकर मगर ये बात खुली
बागबां भी चमन के फूलों को
अपने पैरों से खुद मसलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
क्या कहें तुझसे क्यों हुई दूरी
हम समझते हैं अपनी मजबूरी
तुझको मालूम क्या के तेरे लिए
दिल के गम आँसुओं में ढलते हैं
याद में तेरी जाग जाग के हम
रात भर करवटें बदलते हैं
हर घड़ी दिल में तेरी उल्फत के
धीमें धीमे चराग़ जलते हैं
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Yaad mein teri jag jag-Mere mehboob 1963
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