Jan 13, 2017

आया रे खिलौने वाला-बचपन १९७०

फिल्म बचपन से एक गीत सुनते हैं. बचपन के दिन और खेल
खिलौने कोई भूल सकता है भला. सयानों की मानें तो सबसे
ज्यादा टेंशन फ्री जिंदगी इंसान की बचपन में ही होती है.

आनंद बक्षी का लिखा लुभावना गीत मोहम्मद रफ़ी ने गाया है.
लक्ष्मी प्यारे फिल्म के संगीतकार हैं.



गीत के बोल:

आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे
आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे
आओ मेरी आँख के तारो
कहाँ गए ओ मेरे प्यारो
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे
आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे

शोर क्यों मचाती है ये बरखा दीवानी
शोर क्यों मचाती है ये बरखा दीवानी
बरसा घटाओं से लाखों मन पानी
मेरी तरह तुम कब रोये हो
ओ सावन के नज़ारों

आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे
आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे

भरी हैं कलियों से हर बाग़ की डाली
भरी हैं कलियों से हर बाग़ की डाली
मेरी तो झोली में दो फूल थे खाली
छीन लिए वो भी कहीं तुमने
ओ बेईमान बहारों

आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे
आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे

देखो मैंने गुड्डे की शादी है रचाई
देखो मैंने गुड्डे की शादी है रचाई
मेरी प्यारी गुड़िया की बारात है आई
गोरी चली बाबुल के घर से
डोली ले आओ कहारों

आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे
आया रे खिलौने वाला
खेल खिलौने ले के आया रे आया रे
आओ मेरी आँख के तारो
कहाँ गए ओ मेरे प्यारो
हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
…………………………………………………..
Aaya re khilaune waala aaya re-Bachpan 1970

Artist: Sanjeev Kumar

5 comments:

albumcage,  January 29, 2018 at 4:04 PM  

thanks for sharing this gem of a song from the golden era of indian film music

swinecut,  May 13, 2020 at 7:52 PM  

my thanks too :wink:

Geetsangeet May 21, 2020 at 10:15 PM  

वीडियो यहाँ दिखना बंद हो गया इसलिए खुश हो :rolleyes:

Anupam April 9, 2021 at 2:02 PM  

संजीव कुमार दा जवाब नहीं

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