Jan 7, 2017

क़ातिल है तेरी हर अदा-लेडी किलर १९६८

दुर्लभ गीतों की श्रृंखला में एक और गीत प्रस्तुत है. ये है
सन १९६८ की फिल्म लेडी किलर से जो मुकेश का गाया
हुआ है. गीतकार इन्दीवर और गायक मुकेश के नाम बस
लोकप्रिय हैं और संगीतकार अजीत मर्चंट का नाम अनजान
सा है.

आप गीत में हेलन की मनमोहक अदाएं देख सकते हैं. गीत
उन्हीं पर केंद्रित है. अलग अलग वेशभूषाओं में नायिकाओं
को हमने ७० के दशक के कई गीतों में देखा है. एक ही
गीत में कई पोशाकों को इस्तेमाल होता है. ये ट्रेंड पुराना
है. कई श्वेत श्याम युग के गीत भी इस तरह के बने हैं.



गीत के बोल:

क़ातिल है तेरी हर अदा
हर दिल है तुझ पर फ़िदा
राही अपनी मंज़िल भूले
देख के तेरा चेहरा
क़ातिल है तेरी हर अदा
प्यारी है तू इतनी
ख़ुदा भी तो चाहता होगा
हसीं है तू
ख़ुदा भी तो मानता होगा

क़ातिल है तेरी हर अदा
हर दिल है तुझ पर फ़िदा
राही अपनी मंज़िल भूले
देख के तेरा चेहरा
क़ातिल है तेरी हर अदा

चम चम चमके तेरा बदन
जीवन सागर पर किरणें
मुस्कानों में मोती छुपे हैं
सीपों सी पलकें
चम चम चमके तेरा बदन
जीवन सागर पर किरणें
मुस्कानों में मोती छुपे हैं
सीपों सी पलकें
महफ़िल में है हर दिल में है
महफ़िल में है हर दिल में है
तेरा ही जलवा
राही अपनी मंज़िल भूले
देख के तेरा चेहरा

प्यारी है तू इतनी
ख़ुदा भी तो चाहता होगा
हसीं है तू
ख़ुदा भी तो मानता होगा

क़ातिल है तेरी हर अदा
हर दिल है तुझ पर फ़िदा
राही अपनी मंज़िल भूले
देख के तेरा चेहरा
क़ातिल है तेरी हर अदा

पंख नहीं है जिसके
ऐसी तू है रूप परी
जन्नत को क्यों छोड़ा तूने
फ़लक़ से क्यों उतरी
पंख नहीं है जिसके
ऐसी तू है रूप परी
जन्नत को क्यों छोड़ा तूने
फ़लक़ से क्यों उतरी
जब देखो तब करते हैं लब
जब देखो तब करते हैं लब
तेरा ही चरचा
राही अपनी मंज़िल भूले
देख के तेरा चेहरा

प्यारी है तू इतनी
ख़ुदा भी तो चाहता होगा
हसीं है तू
ख़ुदा भी तो मानता होगा

क़ातिल है तेरी हर अदा
हर दिल है तुझ पर फ़िदा
राही अपनी मंज़िल भूले
देख के तेरा चेहरा
क़ातिल है तेरी हर अदा
……………………………………………….
Katil hai teri har ada-Lady killer 1968

Artist: Helen, Arun Sarnaik

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