लाख छुपाओ छुप ना सकेगा-असली नकली १९६२
हैं चेहरा मन की बात उजागर कर देता है बस पारखी नज़र
चाहिए.
असली नकली शब्द दिखाई देते ही मुझे वो तमाम शुद्ध देसी
घी बेचने वाली दुकानें याद आ जाती हैं जिनमें से कई कई
पर घी को नकली बताने वालों को इनाम देने की बात भी
लिखी होती थी. आज भी ऐसी दुकानें हैं.
असली नकली का कारोबार ज़ोरों पर है और अधिकांश चीज़ों
में मिलावट पायी जाने लगी है. नकली चेहरे का ही ज़माना
है.
फिल्म का गीत सुनते हैं जिसे हसरत ने लिखा है और लता
ने गाया. शंकर जयकिशन का संगीत है. संध्या रॉय नामक
नायिका इसे परदे पर गा रही हैं.
लाख छुपाओ छुप ना सकेगा राज हो कितना गहरा
लाख छुपाओ छुप ना सकेगा राज हो कितना गहरा
दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा
लाख छुपाओ छुप ना सकेगा राज हो कितना गहरा
दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा
फूल में खुशबू दिल में चाहत कभी न छुपने पाई है
आँख से झलकी बन कर सुर्खी जब जब आग दबाई है
फूल में खुशबू दिल में चाहत कभी न छुपने पाई है
आँख से झलकी बन कर सुर्खी जब जब आग दबाई है
ज़ज्बातों पर लग नहीं सकता ख़ामोशी का पहरा
दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा
लाख छुपाओ छुप ना सकेगा राज हो कितना गहरा
दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा
लोग तो दिल को खुश रखने को क्या क्या ढोंग रचाते हैं
भेस बदल कर इस दुनिया में बहरूपे बन जाते हैं
लोग तो दिल को खुश रखने को क्या क्या ढोंग रचाते हैं
भेस बदल कर इस दुनिया में बहरूपे बन जाते हैं
मन दर्पण में मुखड़ा देखो उतरा रंग सुनहरा
दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा
लाख छुपाओ छुप ना सकेगा राज हो कितना गहरा
दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा
अब ना हमको और बनाओ हमने तो पहचान लिया
सागर से भी गहरे निकले हमने तुमको जान लिया
जिसके मन में चोर छूपा हो सामने कब वो ठहरा
दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा
लाख छुपाओ छुप ना सकेगा राज हो कितना गहरा
दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा
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Lakh chhupao chhup na sakega-Asli Naqli 1962
Artists: Sandhya Roy, Dev Anand