तू कितनी अच्छी है-राजा और रंक १९६८
ये गीत याद आ गया. आखिर को उस फिल्म के संगीतकार भी
लक्ष्मी प्यारे जो हैं.
मदर्स डे पर इस गीत को एक बार याद कर लेते हैं. हालाँकि
इस गीत को पोस्ट करने का विचार कई बार मैंने बनाया, नहीं
पोस्ट कर पाया. दूसरे हृष्ट पुष्ट ब्लोगरों की तरह बादाम पिस्ते
खाने को नहीं मिलते. गरीबों की बादाम मूंगफली भी महँगी है.
चने का सहारा था वो भी कमबख्तों ने छीन लिया और उसे
स्टेटस सिम्बल बना दिया.
आजकल गुड ज्यादा फेसबुक और ट्विटर पर पाया जाता है
अतः गुड़ से चिपकने वाले जीव भी उधर ज्यादा दिखाई देने
लगे हैं. वैसे गुड़ से चिपकने वाले जीव एक हेय दृष्टि से देखी
जाने वाली जगह भी पाए जाते हैं.
सुनते हैं हिंदी सिनेमा की सबसे प्रभावशाली माँ निरुपा रॉय
पर फिल्माया गया ये गीत. जो बच्चा गीत गा रहा है उसका
नाम मुझे नहीं मालूम. बोल आनंद बक्षी के हैं और संगीत
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का.
गीत के बोल:
तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है
प्यारी-प्यारी है
ओ माँ ओ माँ ओ माँ ओ माँ
तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है
प्यारी-प्यारी है
ओ माँ ओ माँ ओ माँ ओ माँ
ये जो दुनिया है ये बन है काँटों का
तू फुलवारी है
ओ माँ ओ माँ ओ माँ ओ माँ
दूखन लागी है माँ तेरी अँखियाँ
दूखन लागी है माँ तेरी अँखियाँ
मेरे लिए जागी है तू सारी-सारी रतियाँ
मेरी निंदिया पे अपनी निंदिया भी तूने वारी है
ओ माँ ओ माँ ओ माँ ओ माँ
अपना नहीं तुझे सुख-दुख कोई
अपना नहीं तुझे सुख-दुख कोई
मैं मुस्काया तू मुस्काई मैं रोया तू रोई
मेरे हँसने पे मेरे रोने पे तू बलिहारी है
ओ माँ ओ माँ ओ माँ ओ माँ
माँ बच्चों की जां होती है
माँ बच्चों की जां होती है
वो होते हैं क़िस्मत वाले जिनके माँ होती है
कितनी सुन्दर है कितनी शीतल है न्यारी-न्यारी है
ओ माँ ओ माँ ओ माँ ओ माँ
तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है
प्यारी-प्यारी है
ओ माँ ओ माँ ओ माँ ओ माँ
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Too kitni achchhi hai-Raja aur rank 1968
Artists: Nirupa Roy