चाँदनी रातों में जिस दम-नाजनीन १९५१
संगीतकार गुलाम मोहम्मद के संगीत का खज़ाना तलाशो तो
उसमें एक से बढ़ कर एक नायाब मोती मिलते हैं.
गीत शकील बदायूनीं का लिखा हुआ है. शकील बदायूनीं ने
गुलाम मोहम्मद के साथ काफी काम किया. आल इण्डिया
पिक्चर्स के बैनर तले बनी इस फिल्म के गीत आल इण्डिया
रडियो या रेडियो सीलों पर ही सुनने को मिला करते थे एक
समय. अब यू ट्यूब भी लाइन में खड़ा है गीत सुनवाने को.
गीत के बोल:
चाँदनी रातों में जिस दम याद आ जाते हो तुम
चाँदनी रातों में जिस दम याद आ जाते हो तुम
रोशनी बन कर मेरी आँखों पे छा जाते हो तुम
रोशनी बन कर मेरी आँखों पे छा जाते हो तुम
चाँदनी रातों में जिस दम
छेड़ कर तारो पे दिल के इक अधूरी रागिनी
छेड़ कर तारो पे दिल के इक अधूरी रागिनी
और दीवाने को दीवाना बना जाते हो तुम
रोशनी बन कर मेरी आँखों पे छा जाते हो तुम
चाँदनी रातों में जिस दम
शुक्रिया इस मेहरबानी का तुम्हारी शुक्रिया
शुक्रिया इस मेहरबानी का तुम्हारी शुक्रिया
जब ख़यालों में बुलाता हूँ तो आ जाते हो तुम
रोशनी बन कर मेरी आँखों पे छा जाते हो तुम
चाँदनी रातों में जिस दम
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Chandni raaton mein jis dam-Nazneen 1951