कहीं दिल लगाने का सामान-राग रंग १९५२
गीत सुनते हैं जिसे राजकुमारी ने गाया है.
सरशर सैलानी का गीत है और रोशन का संगीत. गीत में गति
परिवर्तन होता है दो जगह पर. ऐसे गति परिवर्तन वाले गीत
आपने राहुल देव बर्मन के संगीत में काफी सुने होंगे. यूँ कहें
उनके संगीत वाले ऐसे गीत ज्यादा सुनने को मिले हमें. रोशन
ने हलके फुल्के गीत भी काफी बनाये. उन्हें आम जनता शानदार
कव्वालियों के लिया ज्यादा याद किया करती है.
गीत के बोल:
कहीं दिल लगाने का सामान कर ले
सामान कर ले
हो मँज़िल की मुश्क़िल को आसान कर ले
आसान कर ले
कहीं दिल लगाने का सामान कर ले
सामान कर ले
मुरादों के दिन हैं
मुरादों के दिन हैं ये
उमँगों की रातें उमँगों की रातें
ये बातें नहीं हैं मुंह से
बातें नहीं हैं मुंह से
कहने की बातें कहने की बातें
निगाहों निगाहों में पहचान कर ले
निगाहों निगाहों में पहचान कर ले
मँज़िल की
मँज़िल की मुश्क़िल को आसान कर ले
हो आसान कर ले हो आसान कर ले
कहीं दिल लगाने का सामान कर ले
सामान कर ले
वो मँज़िल की मुश्क़िल को आसान कर ले
आसान कर ले
वही ज़िँदगी है जो वही ज़िँदगी है जो
खुशियों से खेले खुशियों से खेले
मुश्क़िल है दुनिया में
मुश्क़िल है दुनिया में
जीना अकेले जीना अकेले
किसी की तमन्ना को मेंहमान कर ले
किसी की तमन्ना को मेंहमान कर ले
मँज़िल की
मँज़िल की मुश्क़िल को आसान कर ले
हो आसान कर ले हो आसान कर ले
कहीं दिल लगाने का सामान कर ले
सामान कर ले
वो मँज़िल की मुश्क़िल को आसान कर ले
आसान कर ले
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Kahin dil lagane ka samaan-Raag rang 1952